Advertisement

स्मॉग से मरिए हंसते-हंसते

दिल्ली में पब्लिक खांसती जाती है, बहस देखती जाती है, बहस देखकर हंसती है, रोती है, फिर खांसकर सो जाती है
सोने और रोने के सिवाय कोई विकल्प नहीं

चालू चैनल पर बहस चालू है। दिल्ली में प्रदूषण, स्मॉग विषय पर। बहस तो चालू है ही, चैनल भी कम चालू ना है। ऐसे-ऐसे एक्सपर्ट लाता है बहस के लिए कि बहस जीवंत हो उठती है। लात-घूंसे-गाली-गलौज भी जीवंतता ही है। दिल्ली में पब्लिक खांसती जाती है, बहस देखती जाती है, बहस देखकर हंसती है, रोती है, फिर खांसकर सो जाती है। सोने और रोने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। जो समर्थ हैं, इस मौसम में दिल्ली से बाहर निकल लेते हैं, प्रदूषण पर सेमिनार में भाग लेने के लिए स्वीडन या स्पेन। बाकी खांसते रहते हैं, आंखों से आंसू बहाते रहते हैं, सारे आंसू विरह से पैदा ना होते, प्रदूषण भी आंसू ले आता है।

एंकर-आज की बहस में हमारे साथ शामिल हैं सरकार के प्रवक्ता, विपक्षी दल के प्रवक्ता, भूत विशेषज्ञ, ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ, बाबा मूसा बंगाली, प्रख्यात नवोदित अभिनेत्री शोनाली। आज हमारे पास वह पैनल है, जो किसी भी चैनल के पास ना हो सकता। प्रदूषण-स्मॉग भले ही खत्म ना कर पाएं हम, पर आपकी बोरियत दूर कर देंगे। आप खांसते-खांसते मरेंगे भी, तो हंस-हंसकर मरेंगे। मौत तो सबको आनी है एक दिन, हंसते हुए मरिए। जी हमारे साथ हैं सरकार के प्रवक्ता, क्या कर रहे हैं आप इस स्मॉग पर।

सरकारी प्रवक्ता-देखिए, मैं बताना चाहूंगा कि सारा धुआं हमसे पहले की सरकारों का है। यह धुआं उन्होंने गोदाम में इकठ्ठा करके रखा था, हमारी सरकार बनते ही उन्होंने यह धुआं खुला छोड़ दिया है, यह हमारी सरकार को बदनाम करने की साजिश है। मैं बताना चाहूंगा कि हमारी कोशिशों के बाद पीएम 1.3 पर आ गया है, मोनोडाइ ऑक्साइड इंडेक्स 8.9 पर है, सर्फोसर्फाइलिन इंडेक्स 8.6 पर है, क्वेंटाइननिन इंडेक्स 8.7 पर है। शोनोशाइनिंग इंडेक्स 4.9 पर है।

एंकर-जी आपकी बातों का मतलब क्या है, हम समझ ही ना पा रहे हैं।

सरकारी प्रवक्ता-जी समझ में तो हमारी भी ना आता, हमारा जिम्मा सिर्फ बताने का है। समझ के भी कुछ ना होना। बड़े-बड़े समझदार आकर निकल लिए।

एंकर-मैं अब विपक्ष के प्रवक्ता से पूछना चाहूंगा कि आपकी जिम्मेदारी इस मामले में क्या बनती है।

विपक्षी प्रवक्ता-देखिए, मैं बताना चाहूंगा कि जिस दिन से यह सरकार आई है उसी दिन से स्मॉग के लेवल में बढ़ोतरी हो गई है। हमारे टाइम में तो एकदम निर्झर झरने बहते थे, दिल्ली के आइटीओ चौराहे पर, हिरण किलकारी भरते थे इंडिया गेट पर। यमुना के तट पर गोपिकाएं साफ पानी में नृत्य करती थीं। इस सरकार के आने पर सब कुछ चौपट हो गया है।

एंकर-बाबा मूसा बंगाली आप ही बताइए कि आपके पास कोई सोल्यूशन है, इस समस्या का।

बाबा मूसा बंगाली-देखिए, हर समस्या का इलाज है, बाबा मूसा बंगाली के पास। प्रेम, सौतन, भूत-प्रेत का उतारा, कुछ भी करेगा बाबा मूसा बंगाली।

5001 में हर समस्या का समाधान है। हर बंदा मुझे 5001 दे, शर्तिया इलाज होगा।

एंकर-पर कैसे। इलाज होगा कैसे।

बाबा मूसा बंगाली-हम तो एक ही बात जानता हूं, देर-सबेर या तो समस्या निपट जाती है या बंदा ही निपट जाता है। ये ही सोल्यूशन है, निपटा हुआ बंदा शिकायत करने ना आता।

भूत विशेषज्ञ-मेरी बातों पर ध्यान दें, ये स्मॉग नहीं है, ये भानगढ़ किले के भूतों का कहर है। ये भूत हैं। भूतों का साम्राज्य है दिल्ली पर। ऊं फट फट फट, दिल्ली से फूट फूट फूट। आप अपने न्यूज चैनल पर एक सीरियल चलाएं ‘भानगढ़ के भूत’। इस सीरियल का डाइरेक्शन मैं कर दूंगा।

एंकर-पर हमारा चैनल तो न्यूज चैनल है।

भूत विशेषज्ञ-न्यूज चैनल पर भूत-प्रेत, नागिन ना दिखाए जाएं, तो सरकार चालान कर देती है। यह बात मुझे कोई टीवी वाला बता रहा था। रोज ‘भानगढ़ के भूत’ दिखाएं और चालान से बचें।

एंकर-जी वास्तु विशेषज्ञ आप बताएं कि इस प्राब्‍लम का सोल्यूशन क्या है।

वास्तु विशेषज्ञ-हरेक को अपना घर बनाते समय कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए, तो प्रदूषण कभी ना होगा। दिल्ली से पांच हजार किलोमीटर दूर घर बनाएं, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए।

एंकर-हमारे बीच आज प्रख्यात नवोदित अभिनेत्री शोनाली हैं। शोनाली आप बतौर कलाकार इस समस्या को कैसे देखती हैं।

शोनाली-देखिए, जिस समस्या से मेरी कुछ कमाई ना हो, उसे मैं समस्या कैसे मान लूं। एयर प्योरीफायर बनाने वाली कोई कंपनी मेरे पास आए और मुझसे अपने एयर प्योरीफायर की मॉडलिंग कराए, तब तो प्रदूषण को समस्या माना जाएगा।

एंकर-आप सब लोग एक समस्या में अपना-अपना धंधा देख रहे हैं, कोई सोल्यूशन तो नहीं बता रहा है।

शोनाली-और आप क्या कर रहे हैं, आपका धंधा नहीं चल रहा है, सुबह से शाम तक इसी स्मॉग से। वरना तो आपको झूठ-मूठ में सीरिया के आतंकी बगदादी को रोज मारना पड़ता था, बीस-पचीस बार। अब आपका धंधा सच पर चल रहा है, झूठ पर नहीं।

शोनाली जी की बात से कोई असहमत हो सकता है क्या?

Advertisement
Advertisement
Advertisement