Advertisement

संगठन से किसान गायब

किसानों को लुभाने में जुटे राहुल लेकिन संगठन में नहीं है कोई महत्व
यूपी कांग्रेस के नेताओं के साथ राहुल गांधी

किसानों की कर्जमाफी से लेकर उनकी तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए कांग्रेस ने बीड़ा उठाया है लेकिन पार्टी के संगठन में ही किसानों के लिए कोई ठोस जगह नहीं है। आज पार्टी के संगठन में किसान एवं खेत मजदूर सेल बना हुआ है लेकिन इस सेल की निष्क्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके लिए कोई कमरा भी पार्टी मुख्यालय में नहीं है। केवल एक जगह बोर्ड दिख जाएगा जिसमें किसान एवं खेत मजदूर संघ के अध्यक्ष के तौर पर शमशेर सिंह सुरजेवाला का नाम लिखा है। पूछे जाने पर कांग्रेस के कोई पदाधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में घूम-घूम कर किसानों की समस्याओं को सुन रहे हैं आश्वासन भी दे रहे हैं कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ, गन्ना का उचित मूल्य, खाद और पानी की समस्या तो रहेगी ही नहीं। लेकिन सवाल अब कांग्रेस के किसान सेल से जुड़े लोग ही उठाते हैं। जब किसान सेल में शमशेर सिंह सुरजेवाला को नियुक्त किया गया तो उस समय कई पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई। लेकिन किसान सेल की विगत तीन सालों में कोई बैठक नहीं हुई।

किसान सेल के प्रवक्ता बनाए गए रिजवान रजा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब सेल के अध्यक्ष ही सक्रिय नहीं हैं तो इस सेल का कोई खास महत्व ही नहीं रह गया। रजा बताते हैं कि कई बार पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के सामने किसान सेल का मुद्दा उठाया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि किसानों को लेकर कांग्रेस संसद से सड़क तक मुद्दे उठाती रही लेकिन संगठन से किसान ही गायब हैं। रजा बताते हैं कि जब यूपीए की सरकार थी तब कृषि मंत्रालय कांग्रेस के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास था। इसलिए पार्टी के पदाधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते थे कि कांग्रेस के पास कृषि विभाग में करने के लिए कुछ है ही नहीं। शरद पवार उस समय कृषि मंत्री थे और मंत्रालय से जुड़े संस्थाओं में उन्होंने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों को महत्व दिया। सरकार से हटने के बाद भी कांग्रेस ने विदेशी निवेश सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए किसानों का सहारा लिया। किसान पंचायतों का आयोजन हुआ लेकिन जो इस सेल के कार्यकर्ता थे उन्हें नजरअंदाज किया गया। रोचक तथ्य यह है कि आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस किसान सेल का अध्यक्ष नहीं है। जो किसान नेता के तौर पर सामने आ रहे हैं उन्हें किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने अलग-अलग 15 सेल बनाए हैं लेकिन उस सेल से किसान गायब हैं। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस से जुड़े कुछ वरिष्ठ लोग भी सवाल उठाते हैं। लेकिन खुलकर कुछ नहीं बोलते। कांग्रेस उपाध्यक्ष अपनी सभाओं में बार-बार कह रहे हैं कि यूपीए सरकार ने किसानों के हित में बड़े फैसले लिए जो कि कारगर हुए। लेकिन मौजूदा सरकार किसान विरोधी है इसलिए किसान कर्ज में डूबता जा रहा है और उनकी बदहाली बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं कि मौजूदा केंद्र और राज्य सरकार ने जिस तरह से किसानों की उपेक्षा की है उससे बदहाली और बढ़ गई है लेकिन किसान सेल के न होने पर सिंह चुप्पी साध जाते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल उत्तर प्रदेश में ही किसान सेल को लेकर उपेक्षा है बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है जहां किसान सेल या तो है नहीं या है भी तो कोई काम नहीं कर रहा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement