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यमुना से गोमती तक रफ्तार का रोमांच

विधानसभा चुनाव से पहले मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कई विकास योजनाओं का किया शुभारंभ
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के मौके पर अखिलेश यादव

कानून-व्यवस्था और विकास के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को घेरने वालों को आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे और यूपी-100 योजना मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से करारा जवाब माना जा रहा है। पिछले दिनों आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे और यूपी 100-योजना के उद्घाटन से मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी विकास और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि आलोचना के स्वर अब भी मुखर हैं। पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती और अन्य विपक्षी दलों के नेता यह कहने से नहीं चूक रहे कि लोकार्पण और उद्घाटन 2017 के चुनावों के मद्देनजर ही किया जा रहा है। पर, आलोचनाओं से बेपरवाह सपा मुखिया और पूूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव कहते हैं, 'सिर्फ शिलान्यास करने और घोषणाएं करने में हमारा विश्वास नहीं है । हम तो योजनाएं और काम पूरा करने में यकीन रखते हैं।’ वैसे मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस वे का उद्घाटन पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के हाथों करवाकर यह संदेश भी दे दिया कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है। लोकार्पण समारोह में समूचा कुनबा एक साथ नजर आया। पार्टी में वापस लौटे रामगोपाल यादव के अलावा शिवपाल यादव ने भी अखिलेश की प्रशंसा की। मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव और अधिकारियों की जमकर तारीफ की और कहा किया यह उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि एक्‍सप्रेस वे रिकार्ड समय में पूरा हो गया। इतना ही नहीं लखनऊ में गोमती के सौंदर्यीकरण की योजना का जो शुभारंभ हुआ उसकी हर जगह तारीफ हो रही है। गोमती रिवर फ्रंट की तुलना तो अब लंदन के टेम्‍स नदी से होने लगी है। 

मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ऐलान कर दिया कि विकास का पहिया यहीं नहीं रुकेगा। अब अगले चरण में गाजीपुर-बलिया तक ऐसी ही सडक़ बनेगी। अब इन सडक़ों पर विकास का पहिया दौड़ेगा। हम जितनी रफ्तार बढ़ाएंगे, अर्थव्यवस्था भी उतनी ही गति से बढ़ेगी। सिर्फ  23 महीने में एक्‍सप्रेस-वे का काम पूरा कराने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और मजदूरों का आभार व्यक्‍त करते हुए भावुक हो उठे अखिलेश यादव ने कहा कि जरूरत होने पर इस एक्‍सप्रेस-वे का सेना भी आपात स्थिति में उपयोग कर सकेगी। देश में इस तरह का यह अकेला हाईवे है। उद्घाटन के दिन लड़ाकू विमान मिराज और सुखोई ने टच एंड गो पद्घति से उड़ान भी भरी। दिसंबर 2016 में लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना का भी शुभारंभ होगा। लखनऊ सहित प्रदेश के चार बड़े नगरों में मेट्रो रेल की परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।

वैसे तो 302 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे ने अनेक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किए हैं परंतु सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लड़ाकू विमान लैंड कराने वाला यह देश का अनूठा राजमार्ग है। इससे पहले दिल्ली-आगरा एक्‍सप्रेस वे पर भी लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग हो चुकी है। दिलचस्प तथ्य यह भी कि किसानों से बिना किसी विवाद या संघर्ष के 236 गांवों की जमीन हासिल की गई। एक्‍सप्रेस-वे बनाने में 20 हजार मजदूरों और तीन हजार से अधिक इंजीनियरों ने दिन-रात एक कर दिया। कई हजार मशीनें युद्धस्तर पर लगी रहीं। इस एक्‍सप्रेस-वे की संरचना में 13 बड़े और 57 छोटे पुल, चार रेल पुल, 74 अंडर पास तथा नौ फ्लाई ओवर भी हैं। वायुसेना के मार्गदर्शन में इस एक्‍सप्रेस-वे में 3.3 किलोमीटर रन-वे और एयर ट्रैफिककंट्रोल का भी निर्माण किया गया है। गंगा सहित कुल पांच नदियां इस एक्‍सप्रेस-वे के मार्ग में पड़ती हैं, जिन पर स्थायी पुलों का निर्माण किया गया है। इस एक्‍सप्रेस-वे के चालू हो जाने पर लखनऊ से आगरा के बीच की दूरी 60 किलोमीटर कम हो जाएगी।

यू.पी.-100 : पंद्रह मिनट में पहुंचेगी पुलिस

घटना स्थल पर पुलिस के देर से पहुंचने की शिकायतों को खत्म करने लिए अखिलेश यादव ने प्रदेश में यू.पी.-100 योजना का भी उद्घाटन किया। सरकार का दावा है कि अब 100 नंबर पर डायल करने पर मदद के लिए पुलिस शहर में 15 मिनट में ग्रामीण इलाकों में 20 मिनट में घटना स्थल पर पहुंचेगी। अभी 11 जिलों में शुरू की गई इस योजना के तहत पुलिस सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे जनता की सेवा के लिए मुस्तैद रहेगी। 15 दिसंबर  तक प्रदेश के सभी जिलों को इस योजना से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार की मानें तो यह पूरे विश्व में यह 'नागरिक केंद्रित पुलिस आपात सहायता’ पहली योजना है।  यू.पी.-100 केंद्र में एक साथ 600 फोन लाइन काम करेंगी। राज्य सरकार ने इससे पहले राज्य में शुरू की गई 108 और 102 नंबर की एंबुलेंस सहायता सेवा की सफलता से उत्साहित होकर यू.पी.-100 का योजना का सूत्रपात किया है। अभी लखनऊ, वाराणसी कानपुर, इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, रामपुर में यह योजना शुरू हुई है।

लखनऊ में इस योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'अभी तक मुसीबत में लोगों को थाने की दौड़ लगानी पड़ती थी, अब पुलिस लोगों तक पहुंचेगी। प्रदेश में 3200 गाडिय़ां 24 घंटे सक्रिय रहेंगी।’ मुख्‍यमंत्री के इन दो ड्रीम प्रोजेक्‍ट से विधानसभा चुनाव में सपा को कितना लाभ मिल पाएगा, यह कहना अभी कठिन है, किंतु अखिलेश यादव को भरोसा है कि 2017 में भी वे यूपी की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहेंगे।   

भावुक हो गए मुलायम

'हजरतगंज से ताजगंज’ अब दूर नहीं, की टैग लाइन के साथ 302 कि.मी. लंबी सडक़ का लोकार्पण करने पहुंचे पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भाषण देते हुए काफी भावुक हो गए। मुख्‍यमंत्री और अधिकारियों की मेहनत की तारीफ करते हुए मुलायम सिंह का गला रूंध गया। रूंधे गले से वह बोले,'अखिलेश को क्‍या बधाई दें?’

नवनीत सहगल दुर्घटना में घायल

उत्तर प्रदेश एक्‍सप्रेस वे, इंडस्ट्रियल डेवलपेमेंट अथॉरिटी के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी और प्रमुख सचिव, सूचना नवनीत सहगल लोकार्पण से ठीक दो दिन पहले इसी कार्यफ्म के मिनट-टू-मिनट कार्यफ्म फाइनल करने व वायुसेना के साथ कोआर्डिनेशन बैठक के बाद उन्नाव से लखनऊ लौटते समय दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ के अस्पताल में जाकर उनकी हालत की जानकारी ली और तत्काल गुडग़ांव के मेदांता अस्पाताल ले जाने की व्यवस्था करवाई। वह अब खतरे के बाहर हैं।

सपा में सब ठीकठाक है

आगरा-लखनऊ हाईवे के लोकार्पण समारोह में मुख्‍यमंत्री और उनके परिवार की आपसी खींचतान दूर-दूर तक देखने को नहीं मिली। मुख्‍यमंत्री ने 'फाइटर-प्लेन’ के 'टच-डाउन’ शो के पहले वायुसेना अधिकारियों द्वारा उनको दिया गया लाल रंग का 'एयर-मफ’ अपने हाथों से ले जाकर जब अपने पिता और सपा सुप्रीमो को दिया तो मुलायम हंस पड़े और बोले कि मैं इसका क्‍या करूंगा?  तो अखिलेश ने कहा 'फाइटर-प्लेन’ से निकलने वाली आवाज काफी तेज होगी, बेहतर होगा आप इसे लगा लें। मुलायम ने मुस्कुराते हुए अखिलेश के हाथों एयर-मफ  पहन लिया। अपने जन्मदिन 22 नवंबर के ठीक एक दिन पहले 21 नवंबर को अपने पुत्र अखिलेश द्वारा 'गिफ्ट’ की गई इस 302 कि.मी. लंबी जनोपयोगी सडक़ के लोकार्पण कार्यफ्म के दौरान वे मंद-मंद मुस्कुराते रहे।

अखिलेश ने स्वीकार की चुनौती

उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार अगर किसी एक मुद्दे पर घेरी जाती रही है, तो वह है, कानून-व्यवस्था। हाल ही में राज्यसभा में जब पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त बताया और कहा कि आप उत्तर प्रदेश में निश्चिंत होकर घूम सकते हैं, तो प्रधानमंत्री भी ठहाका मारकर हंसने लगे। अखिलेश सरकार ने कानून व्यवस्था को सुधारना एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया था। अखिलेश सरकार की डायल-108 एंबुलेंस सेवा की उनके आलोचक भी तारीफ  करते रहे हैं। अखिलेश ने यह आदेश निर्गत किए कि जब कुछ ही मिनटों में लोगों के घर एंबुलेंस पहुंच सकती है तो, इतनी ही जल्दी जरूरतमंद लोगों के पास पुलिस क्‍यों नही पहुंच सकती?

डायल 100 को अमलीजामा पहनाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के ए.डी.जी. अनिल अग्रवाल को चुना गया और उन्हें जल्द से जल्द इसे क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया, साथ ही वेंकट चेंगावल्ली को इस प्रोजेक्‍ट का सलाहकार नियुक्‍तकिया गया। नवीनतम तकनीक के जानकार माने जाने वाले इंजीनियर ए.डी.जी. अनिल अग्रवाल को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि किसी भी आपातकाल की स्थिति में जल्द से जल्द पुलिस की मदद मुहैया होनी चाहिए और जी.पी.एस. की मदद से आधुनिक कंट्रोल रूम यह कर पाने में संभव हो । किन परिस्थितियों में क्‍या करना है, इसका भी एक विस्तृत 'स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर’ बनाया गया है। देश में सर्वाधिक वीरता पदक पाने वाले और उत्तर प्रदेश के बीहड़ों से तमाम दुर्दांत डकैतों व अपराधियों का सफाया करने वाले तेज तर्रार ए.डी.जी. कानून व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने इसकी रूपरेखा तैयार की है।

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