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‘कंपनियों का दायित्व है कि वे लगातार सीखने का माहौल बनाएं’

उद्यमिता, मेडिसिन, विधि, पत्रकारिता, आप किसी भी क्षेत्र को देख लें, कामयाबी के जितने रास्ते हैं, उतनी ही मिसालें। मगर उन सबको जोड़ने वाली चीज है, अपनी मंजिल तक पहुंचने का जोश और दीवानगी।
मल्लिका श्रीनिवासन, अध्यक्ष और सीईओ, ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड

- रणनीति शानदार है, योजनाएं प्यारी हैं, कियान्वयन ही मायने रखता है

- डिप्लोमा इंजीनियर भी उतने ही प्रतिभाशाली हैं जितने कि डिग्री धारक

- लोग उच्च प्रदर्शन वाले उत्पाद चाहते हैं न कि ब्रेकडाउन

हमारे कर्मचारियों में बड़ी संख्या इंजीनियरों की है, शायद 70 फीसदी। इसलिए हमारे सभी विभागों में, चाहे वह अनुसंधान और विकास हो, मैन्यूफैक्चरिंग या आईटी बल्कि फाइनेंस को छोड़कर हर जगह इंजीनियर हैं। मैंने एक महत्वपूर्ण बात सीखी है कि डिप्लोमा इंजीनियरों और डिग्रीधारी इंजीनियरों में फर्क नहीं करना चाहिए। हम जो काम करते हैं, उसके लिए ये दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं। मेरे ख्याल से काफी लोग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारकों को ज्यादा महत्व नहीं देते, मगर मैंने उन्हें काफी अच्छा पाया है।

 

इंजीनियरों को नौकरी पर रखते समय अपने लिए सही लोग खोजने के लिए हम सभी इंजीनियरिंग संस्थानों पर नजर डालते हैं। इंजीनियरिंग कोई सामान्य डिग्री नहीं है। लगभग सभी इंजीनियर अपने अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं। कुछ आईटी इंजीनियर होते हैं, कुछ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, फिर प्रोडक्शन, आर एंड डी, कृषि, आदि में भी इंजीनियर होते हैं। शुरुआत में हमें लगता है कि संस्थानों में जो सिखाया जाता है, और हम उनसे जो चाहते हैं, दोनों के बीच एक अंतर होता है। इस अंतर को पाटने की जरूरत होती है, इसलिए हम शुरुआती चरण में उन्हें प्रशिक्षण देते हैं। उद्योग के नजरिये से देखें तो हम ऐसा नहीं करना चाहेंगे। हम चाहेंगे कि हमारे सभी कर्मचारी यहां आने से पहले पूरी तरह तैयार हों। इसी के मुताबिक हम उन इंजीनियरिंग कॉलेजों पर ध्यान देते हैं, जिनके विद्यार्थी हमारी जरूरतों के मुताबिक हों। हर संस्थान भिन्न होता है इसलिए हम उसी के अनुसार लोगों को लेते हैं और सही लोगों की तलाश में हम ढेर सारे इंजीनियरिंग कॉलेजों में जाते हैं।

 

इंजीनियरों के साथ काम करने में सबसे महत्वपूर्ण चीज यह जानना है कि वे काफी होशियार होते हैं। स्मार्ट और विश्लेषणात्मक। मेरे ख्याल से इंजीनियरों को काम पर रखने वाली कंपनियों का यह दायित्व है कि वे उन्हें लगातार सीखने का माहौल दें। एक वजह यह है कि आजकल तकनीक तेजी से पुरानी हो जाती है। हाल के समय में इंटरनेट हमारे उत्पादों में तेजी से बदलाव ला रहा है। उदाहरण के लिए आजकल स्वचालित वाहनों के बारे में सोचा जा रहा है और चालकहीन प्रौद्योगिकी विकसित की जा रही है। कोई प्रौद्योगिकी आज नई होती है मगर वह अकसर इनोवेशन को प्रेरित करती है। यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है, इसलिए हमारे इंजीनियरों के लिए रफ्तार बनाए रखना बहुत जरूरी है। ये इनोवेशन हमें प्रभावित करते हैं। साथ ही, विभिन्न इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों के बीच सीमाएं सिमट रही हैं। प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने के लिए, आपको अपने इंजीनियरों के लिए सही माहौल बनाना होता है, चाहे वे आर एंड डी में हों, ग्राहक संबंधों के प्रबंधन में या क्लाइंट सर्विसिंग में।

 

एक इंजीनियरिंग व्यवसाय चलाना कोई दूसरा व्यवसाय चलाने से अलग नहीं है। मैं 35 सालों से यह कर रही हूं। इस बात से कभी कोई समस्या नहीं आई कि मैं एक प्रशिक्षित इंजीनियर नहीं हूं। मैंने सबसे बड़ा सबक यह सीखा है कि आपके पास बहुत बढ़िया स्ट्रेटजी हो सकती है, आप सबसे बेहतर योजनाएं बना सकते हैं, मगर वास्तव में लोग किसी इंजीनियरिंग कंपनी से परफेक्शन चाहते हैं। वे प्रिसिजन, गुणवत्ता चाहते हैं और चाहते हैं कि आपके उत्पाद भरोसेमंद हों और लंबे समय तक चलें। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, इससे कोई समझौता नहीं हो सकता।