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चीन के पदचिन्हों पर टैक्‍स व्यवस्था

आधारभूत ढांचे में अपनी विशेषज्ञता के चलते अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती से खड़ा कर रहा ड्रैगन
चीन में भारत सहित कई देशों के अर्थशास्‍त्री सम्मेलन में शामिल हुए

हाल ही में जी 20 शिखर सम्‍मेलन के चीन में संपन्न होने के बाद दो दिवसीय समग्र आर्थिक विकास विषय पर चोंगक्‍वीन (चीन) में एक  सम्‍मेलन का आयोजन किया गया। वहां की कम्‍युनिस्ट पार्टी के द्वारा आयोजित इस कार्यफ्म में उन्होंने विभिन्न देशों के चुनिंदा राजनीतिक नेतृत्व को आमंत्रित किया था। उनका उद्देश्य एक तो था विश्व की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के आपसी तालमेल को बढ़ावा देना और दूसरे, चीन की बढ़ती आर्थिक शक्ति का विस्तृत आकलन सभी को अच्छी तरह पता चल जाए। चीन के लिए भारत के साथ आर्थिक संबंधों का बहुत महत्व है। उसमें भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में मैंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

चीन अपनी बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति को अफ्रीका, मेकांग नदी के किनारे वाले देश एवं पुराने सिल्क मार्ग के तेजी से विकास के लिए प्रस्तुत करने में बहुत उत्सुक है। चीन पूर्वी देशों जैसे, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्‍यांमार, इंडोनेशिया, फिलीपींस आदि में निवेश कर अपने प्रभाव के लिए, साथ ही साथ रूस, तुर्की, पोलैंड, मंगोलिया आदि देशों के साथ भी आर्थिक संबंध स्थापित कर रहा है।

चीन को आधारभूत ढांचे की संरचना में विशेष महारत हासिल है। वह इस विशेषता एवं अपनी मजबूत अर्थशक्ति का इस्तेमाल कर रहा है। इन सभी देशों के महत्वपूर्ण लोगों को सुनने, उनसे वार्ता करने और अपनी बात रखने के लिए चीन ने यह सम्‍मेलन बुलाया था। चीन के लिए भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इन सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए हमें उसके साथ अपने नीतिगत संबंध बनाने चाहिए। चीन से हमें सडक़, रेल, हवाई एवं जल मार्ग का आपस में एकीकृत ढांचा तैयार करने की संरचना का अनुकरण करना अच्छा होगा। जितनी तेजी से इस एकीकृत मार्ग  द्वारा माल की आवाजाही बढ़ेगी हमारा विकास उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेगा। जब आर्थिक विकास तेज गति से बढ़ता है तब यदि सरकार सजग न रहे तो भ्रष्टाचार भी बढ़ता है। चीन में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में कम्‍युनिस्ट पार्टी ने वर्तमान में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का पुख्‍ता प्रयास किया है। बिलकुल उसी तरह जैसे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत में कालाधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने की मुहिम चलाई है। उन्होंने एसआईटी के गठन से लेकर विदेश में रखी अवैध संपîिा की घोषणा, मॉरीशस और साइप्रस के साथ नई करसंधि, अमेरिका और ओईसीडी देशों के साथ आर्थिक सूचनाओं का आदान-प्रदान, अवैध आय घोषणा योजना (आईडीएस) और बेनामी संपîिा जब्‍ती जैसी पहल के द्वारा कालाधन और भ्रष्टाचार खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि देश तेजी से विकास कर सके और सभी वर्गों और क्षेत्रों के लोगों की देश के विकास में समान रूप से भागीदारी हो पाए।

इसी कड़ी में नोटबंदी का साहसिक ऐलान किया गया है। इससे देश में चलमुद्रा से कालाधन समाप्त किया जाएगा, साथ ही जाली नोट एवं आतंकवाद पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। आने वाले समय में इससे देश को सीधे रूप में आधारभूत ढांचे एवं सामाजिक योजनाओं पर खर्च करने के लिए संसाधन प्राप्त हो पाएंगे। सरकार को कर यानी टैक्‍स की भी ज्यादा आपूर्ति होगी। हमारे बैंकिंग संस्थानों को सस्ती जमा राशि प्राप्त होगी जिससे कम ब्‍याज दर पर घर के लिए आम जनता को ऋण दिया जा सकेगा। हम विकास के लिए अति आवश्यक सस्ते ऋणदर व्यवस्था की तरफ बढ़ सकेंगे। जमीनों के दाम सामान्य हो पाएंगे साथ ही जब हम बैंकिंग प्रणाली के अंदर ऑनलाइन और मोबाइल से ज्यादा लेन-देन करेंगे तो प्रति ट्रांजेक्‍शन की लागत भी कम हो जाएगी। जीएसटी को लागू करने में भी ऑनलाइन आदान-प्रदान अति आवश्यक होता है। धीरे-धीरे हम लो टैक्‍सेशन यानी कम कर की ओर बढऩे के लिए सक्षम हो जाएंगे। धन की आवाजाही में पूर्ण पारदर्शिता और ऑडिट ट्रेल पूरी तरह से सरकार की जानकारी में रहेगी। सरकारी योजनाओं के माध्यम से सरकार मांग के द्वारा, अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार की मंदी नहीं आने देगी। अभी जो अल्प समय के लिए अर्थव्यवस्था में मुद्रा की कमी महसूस हो रही है उसे 31 दिसंबर के बाद शीघ्र पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने जनता से आह्वान किया है कि दिसंबर के अंत तक धैर्य रखें। विमुद्रीकरण से देश के गरीब परिवार, किसान और आम जनता को समान रोजगार एवं व्यापार के अवसर प्राप्त होंगे। सन 2016 की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में मात्र 1 प्रतिशत लोगों के पास 58 प्रतिशत से अधिक संपîिा है। इस विषमता को हमें जल्द से जल्द खत्म करना है। हम समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

(लेखक भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक विषय के राष्ट्रीय प्रवक्‍ता हैं)

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