Advertisement

परिश्रम का फल देगा नया साल

वार्षिक भविष्यफल
वर्षचक्र

मेष: आपकी राशि से बृहस्पति छठे स्थान यानी कन्या में चल रहा है जो 12 सितंबर को तुला में आ जाएगा। शनि आपकी राशि से अष्टम में है जो 26 जनवरी को धनु में आ जाएगा। जनवरी से लेकर अप्रैल के मध्य का समय आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। बड़े मनोयोग के साथ महत्वाकांक्षी योजनाओं में संलग्न होंगे। अगर परीक्षा, प्रतियोगिता आदि में शामिल हो रहे हैं तो उसमें आपको सफलता प्राप्त होगी। स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। यात्रा हो सकती है जो लाभदायक रहेगी। मई से अगस्त के बीच तक का समय सामान्य रहेगा। आर्थिक समस्याओं के कारण आपका मन अशांत हो सकता है। कार्यक्षेत्र में अत्यधिक मेहनत करनी पड़ सकती है लेकिन उसका फल भी अच्छा प्राप्त होगा। सितंबर से लेकर दिसंबर के अंत तक का समय आपको मनवांछित परिणाम देने वाला सिद्ध होगा। आर्थिक स्थिति भी पहले से मजबूत होती दिखाई देगी। पदोन्नति के योग हैं।

वृष: आपकी राशि से बृहस्पति पांचवें स्थान यानी कन्या में चल रहा है जो 12 सितंबर को तुला में आ जाएगा। शनि आपकी राशि से सप्तम में है जो 26 जनवरी को धनु में आ जाएगा। जनवरी से लेकर अप्रैल के मध्य का समय आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। रुके हुए कार्य संपन्न होंगे। आप अपनी सोच से जो भी कार्य प्रारंभ करेंगे उसमें आपको बहुत अच्छी सफलता मिलेगी। कोई नया प्रेम प्रसंग प्रारंभ हो सकता है और विवाह के भी योग हैं। मई से अगस्त के बीच तक का समय कुल मिलाकर अच्छा रहेगा। लेकिन बीच-बीच में विघ्न और बाधाओं का सामना भी करना पड़ेगा। अगर जमीन जायदाद या पैतृक संपîिा को लेकर कोई मामला अटका हुआ है तो उसे आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास करेंगे तो सफलता प्राप्त होगी। कुल मिलाकर यह वर्ष अच्छा है।

मिथुन: आपकी राशि से प्रमुख ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है-राहु-तृतीय स्थान में है जो अगस्त में द्वितीय में  आ जाएगा। बृहस्पति आपकी राशि से चतुर्थ भाव में है और 12 सितंबर को पंचम भाव में जाएगा। शनि आपकी राशि से छठे भाव अर्थात वृश्चिक राशि में चल रहा है और 26 जनवरी को धनु में आ जाएगा। जनवरी से लेकर अगस्त तक का समय आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। किसी नए प्रोजेक्‍ट में प्रवेश कर सकते हैं या कोई नया काम प्रारंभ कर सकते हैं। नौकरी, व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढऩे के बहुत अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। यदि किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो आपको सफलता प्राप्त होगी। सितंबर से लेकर वर्ष के अंत तक का समय भी आपके लिए अच्छा है। वर्तमान नौकरी, व्यवसाय में आगे बढऩे के साथ किसी नए काम का शुभारंभ हो सकता है। जो लोग अविवाहित हैं उनके विवाह का योग भी बन रहा है।

कर्क: आपकी राशि से प्रमुख ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है -राहु द्वितीय भाव में, बृहस्पति तृतीय भाव में 12 सितंबर तक रहेगा, शनि पंचम भाव से 26 जनवरी के बाद धनु राशि में प्रवेश करेगा। जनवरी से अप्रैल के मध्य का समय आपके लिए काफी अच्छा है। आपके प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। कार्यवश यात्राओं का सिलसिला बना रहेगा और ये यात्राएं आपके लिए सुखद रहेंगी। मई से लेकर अगस्त के बीच का समय भी आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। यदि परीक्षा, प्रतियोगिता आदि में शामिल हो रहे हैं तो आपको सफलता प्राप्त होगी। सितंबर से लेकर दिसंबर तक का समय थोड़ा मिश्रित फल प्रदान करने वाला होगा। 12 सितंबर को बृहस्पति चतुर्थ भाव में आ जाएगा जिसके फलस्वरूप घरेलू स्तर पर थोड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

सिंह: आपकी राशि से प्रमुख ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है -राहु आपकी राशि में अगस्त तक चलेगा उसके बाद द्वादश भाव यानी कर्क में चलेगा। बृहस्पति आपकी राशि से द्वितीय भाव में है जो सितंबर से तृतीय भाव में आ जाएगा। शनि आपकी राशि से चतुर्थ भाव में है और 26 जनवरी को चतुर्थ भाव से पंचम भाव में आ जाएगा। जनवरी से लेकर अप्रैल तक का समय आपके लिए बहुत अच्छा है। नए मौके मिलेंगे। आर्थिक दृष्टि से यह समय बहुत अच्छा है और आय का कोई नया स्रोत भी प्राप्त होगा। मई से लेकर अगस्त तक का समय आपके लिए कुल मिलाकर अच्छा रहेगा। थोड़ी बहुत उलझनें आएंगी जिनको आप अपने प्रयास से हल कर पाएंगे। कार्य का बोझ इस दौरान बढ़ेगा जिसके फलस्वरूप आप घर पर उतना समय नहीं दे पाएंगे। सितंबर से लेकर दिसंबर तक का समय आपको मिश्रित परिणाम प्राप्त कराएगा। अगर आप कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने जा रहे हैं तो इसमें  सफलता मिलेगी।

कन्या: आपकी राशि से प्रमुख ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है-राहु द्वादश भाव में है जो 18 अगस्त को एकादश भाव में चला जाएगा। बृहस्पति आपकी राशि में है जो 12 सितंबर को तुला में चला जाएगा। शनि आपकी राशि से तृतीय भाव यानी वृश्चिक में है और 26 जनवरी को राशि परिवर्तन कर धनु में चला जाएगा। जनवरी से लेकर अप्रैल तक का समय आपके लिए बहुत अच्छा है। रुके हुए कार्यों के बनने का हर्ष होगा। नवीन योजनाओं में प्रवेश कर सकते हैं। अगर परीक्षा, प्रतियोगिता के माध्यम से रोजगार की तलाश में हैं तो आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। वर्तमान व्यवसाय व नौकरी में भी आगे बढऩे के अच्छे अवसर  हैं। मई से अगस्त तक का समय अच्छा बीतेगा। आर्थिक क्षेत्र में किए गए प्रयास सफलता प्रदान करेंगे और आय का कोई नया माध्यम भी प्राप्त हो सकता है। विरोधियों के षड्यंत्र आपके खिलाफ विफल होंगे। सितंबर से लेकर दिसंबर तक का समय थोड़े मिले-जुले परिणाम देने वाला होगा लेकिन आप अपने प्रयासों से स्थितियों को अपने अनुकूल करने में सफल रहेंगे।

तुला: आपकी राशि से राहु एकादश भाव में है जो अगस्त में दशम भाव में आ जाएगा। बृहस्पति आपकी राशि से द्वादश भाव में है जो 12 सितंबर को आपकी राशि में आ जाएगा। शनि आपकी राशि से द्वितीय भाव में है जो 26 जनवरी से तृतीय भाव में गोचर करेगा। जनवरी से लेकर अप्रैल के मध्य का समय आपके लिए मिश्रित परिणाम वाला होगा। कार्यों के बनने में विघ्न बाधाओं और दिक्‍कतों का सामना करना पड़ेगा। यदि कोई नया निवेश करने जा रहे हैं तो उस पर पूर्ण सोच-विचार होना चाहिए। मई से अगस्त के मध्य अच्छे फल मिलेंगे। जो लोग परीक्षा, प्रतियोगिता में शामिल हो रहे हैं उन्हें सफलता प्राप्त होगी। कोई मंगल कार्य भी संपन्न हो सकता है। सितंबर से लेकर दिसंबर तक का समय आपके लिए काफी माकूल रहेगा। आपके उत्साह में जबरदस्त वृद्धि होगी। अगर विदेश में नौकरी या व्यवसाय करना चाहते हैं तो इस दिशा में प्रयास तेज करने से सफलता मिलेगी।

वृश्चिक: आपकी राशि में शनि चल रहा है जो 26 जनवरी को आपके द्वितीय भाव यानी धनु में चला जाएगा और बृहस्पति एकादश भाव में है जो 12 सितंबर तक रहेगा और राहु दशम भाव में रहेगा। इसका तात्पर्य यह हुआ कि जनवरी से अप्रैल तक का समय आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। आर्थिक क्षेत्र में जो भी प्रयत्न करेंगे आपको सफलता मिलेगी। मई से लेकर अगस्त तक का समय काफी उम्दा रहेगा। कार्यवश यात्राएं होंगी जो लाभदायक रहेंगी। नई-नई जगहों पर घूमने के अवसर प्राप्त होंगे। प्रेम संबंधों के लिए समय बहुत अच्छा है। सितंबर से दिसंबर तक का समय मिश्रित फल प्रदान करने वाला होगा। आय से व्यय की अधिकता होगी। जोखिम उठाने से हानि हो सकती है। कोई आर्थिक निवेश करने जा रहे हैं जो उस पर पूर्ण विचार करने की आवश्यकता है।

धनु: आपकी राशि से नवम भाव में राहु चल रहा है जो 18 अगस्त से अष्टम भाव में विचरण करेगा। शनि आपकी राशि से द्वादश भाव में है जो 26 जनवरी को आपकी राशि में प्रवेश करेगा। जनवरी से अप्रैल तक का समय मिले-जुले परिणाम प्रदान करेगा। लेकिन कुल मिलाकर परिणामों का सिलसिला आपके पक्ष में रहेगा। इस दौरान कुछ नई चुनौतियां अवश्य आएंगी। नौकरी, व्यवसाय में कुल मिलाकर चीजें अच्छी रहेंगी लेकिन आपको मेहनत अत्यधिक करनी पड़ेगी। जमीन-जायदाद के कार्यों में जल्दबाजी न करें। मई से लेकर अगस्त के मध्य का समय अच्छा रहेगा। अगर परीक्षा, प्रतियोगिता आदि में शामिल हो रहे हैं तो  प्रयासों में कमी न आने दें, सफलता मिलेगी। पारिवारिक वातावरण कुल मिलाकर खुशहाली लिए रहेगा। सितंबर से लेकर दिसंबर तक का समय अच्छा रहेगा।

मकर: आपकी राशि से अष्टम भाव में राहु चल रहा है जो 18 अगस्त को राशि परिवर्तन कर सप्तम भाव में आ जाएगा। बृहस्पति आपकी राशि से नवम भाव में है जो 12 सितंबर को दशम भाव में आ जाएगा और शनि आपकी राशि से एकादश भाव में है जो 26 जनवरी से द्वादश भाव में गोचर करेगा। जनवरी से लेकर अप्रैल के मध्य का समय आपके लिए काफी भाग्यवर्धक रहेगा। आर्थिक दृष्टि से यह समय बहुत अच्छा है। यदि देश-विदेश में नौकरी या व्यवसाय में स्थापित होने का प्रयास कर रहे हैं तो आपको सफलता मिलेगी। मई से अगस्त तक का समय आपके लिए सुकून भरा रहेगा। अगर कोई मामला कोर्ट में चल रहा है तो उसका फैसला आपके पक्ष में होने की पूर्ण संभावना है।  सितंबर से दिसंबर तक का समय आपके लिए अच्छा रहेगा लेकिन नौकरी, व्यवसाय आदि के क्षेत्र में कार्य का बोझ बढ़ेगा और कुछ दिक्‍कतें भी आएंगी।

कुंभ: आपकी राशि से सप्तम भाव में राहु चल रहा है जो 18 अगस्त को छठे भाव में आ जाएगा। बृहस्पति आपकी राशि से अष्टम भाव में है जो वहां पर 12 सितंबर तक रहेगा। शनि आपकी राशि से दशम भाव में है जो 26 जनवरी को एकादश भाव में आ जाएगा। जनवरी से लेकर अप्रैल तक का समय मिले-जुले परिणाम प्रदान करेगा। लेकिन कुल मिलाकर परिणामों का सिलसिला आपके पक्ष में रहेगा। मई से अगस्त तक का समय भी मिले-जुले परिणाम देने वाला सिद्ध होगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य के न बनने का मलाल रहेगा। जोखिम उठाने से हानि हो सकती है इस बात का विशेष ध्यान रखें। सितंबर से दिसंबर के मध्य का समय आपके लिए अच्छा सिद्ध होगा। भाग्य के सहयोग से कठिन कार्य संपन्न होंगे। यदि विदेश में जाने के इच्छुक हैं तो सफलता मिलेगी।

मीन: आपकी राशि से छठे भाव में राहु चल रहा है जो अगस्त से पंचम भाव में भ्रमण करेगा। बृहस्पति आपकी राशि से सप्तम भाव में 12 सितंबर तक रहेगा। शनि आपकी राशि से नवम भाव में है जो 26 जनवरी को दशम भाव में प्रवेश कर जाएगा। जनवरी से लेकर अप्रैल तक का समय आपके लिए बहुत अच्छा है। रूके हुए कार्य बनेंगे। प्रतियोगिता के माध्यम से रोजगार की तलाश में हैं तो सफलता मिलेगी। जो नया कार्य करने के लिए पार्टनरशिप की तलाश में हैं उनके लिए बहुत अच्छा समय है। मई से लेकर अगस्त के मध्य का समय अच्छा है। विरोधियों के षड्यंत्र असफल रहेंगे। प्रेम संबंधों के लिए समय अच्छा है। सितंबर से दिसंबर के मध्य स्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी। जमीन-जायदाद, घर वाहन आदि खरीदने का योग भी बन रहा है।

आवरण कथा / ज्योतिषीय आकलन

नीतीश कुमार पर भारी रहेंगे लालू यादव

दो मई 2017 के बाद नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के ग्रहों की बदलेगी चाल

सत्य नारायण प्रसाद

साल 2017 राजनीति और आर्थिक क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा। देश में जहां राजनीतिक उथल-पुथल होगी वहीं आर्थिक क्षेत्र के लिए भी यह साल महत्वपूर्ण रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए 2 मई 2017 तक चुनौतीपूर्ण रहेगा। शनि की साढ़ेसाती से नरेन्द्र मोदी पर लांछन भी लग सकता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जो भी निर्णय लेंगे उसको लेकर आलोचना का शिकार होना पड़ेगा। 2 मई 2017 के बाद राजनीतिक क्षेत्र में स्थिरता आएगी। सरकार को कामकाज करने में ज्यादा बाधा नहीं होगी। प्रधानमंत्री के लिए आने वाला साल एक बार फिर विदेश में प्रतिष्ठा दिलाने वाला बन रहा है। प्रधानमंत्री की कुंडली के योग इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि तमाम लांछन लगने के बावजूद 2 मई 2017 के बाद प्रतिष्ठा मिलेगी। जहां तक राज्यों की बात है तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कुंडली एक बार फिर राजयोग की ओर इशारा कर रही है। यानी अखिलेश को दूसरी बार सत्ता हासिल होगी। वहीं बसपा प्रमुख मायावती की कुंडली में स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करने का संयोग बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण कुछ राज्यों में भाजपा का परचम लहरा सकता है।

कांग्रेस के लिए यह साल चुनौतीपूर्ण होगा। पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन से उथल-पुथल होगा और कई बड़े नेता दूसरे दलों का दामन थाम सकते हैं। वहीं राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने में कामयाब रहेंगे। लेकिन पार्टी के कई नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है। उत्तराखंड और पंजाब में कांग्रेस मजबूत रहेगी। उत्तराखंड में हरीश रावत संयोग से एक बार फिर सत्ता में आ सकते हैं। बाकी अन्य राज्यों में कांग्रेस फायदे में नहीं दिख रही है। नेतृत्व परिवर्तन के कारण कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किलें बढ़ेंगी लेकिन साल का अंत आते-आते कांग्रेस में स्थिरता का योग बन रहा है जो पार्टी को मजबूत करेगा।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी शनि की साढ़ेसाती परेशान कर रही है। इसलिए नीतीश कुमार पर तमाम तरह के दबाव हैं। हालांकि नीतीश कुमार की प्रशासनिक पकड़ मजबूत है। उनके कई फैसलों से जनता का सहयोग मिल रहा है। लेकिन सहयोगी दलों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि चमकाने के लिए एक बार फिर पहल करेंगे। नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार की कुंडली का एक संयोग यह भी है कि दोनों के लिए 2 मई 2017 तक उथल-पुथल मचाने वाला है। दो मई से पहले जो भी फैसले लेंगे उसमें अंतिम समय में बाधा उत्पन्न हो जाएगी। अगर यह समय पार कर गया तो मुश्किलें कम हो जाएंगी। इसलिए 2 मई के बाद नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को भुनाने में जुटेंगे तो सफलता मिलेगी।

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा लेकिन उनकी कुंडली की दशा बता रही है कि सहयोगियों पर वे भारी रहेंगे। लालू या फिर राबड़ी देवी को एक बार फिर सत्ता का सुख मिल सकता है। कमजोर स्वास्थ्य के कारण लालू की सक्रियता कम जरूर होगी लेकिन प्रदेश की सत्ता में दबाव बनाने में सफल रहेंगे। लालू यादव को कई आरोपों से मुञ्चित मिल सकती है। राजद की राजनीतिक शक्ति बढ़ रही है और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भाग्य भी प्रबल संकेत दे रहा है।

 आर्थिक दृष्टि से बिहार के लिए यह साल मुश्किलों भरा रहेगा। क्‍योंकि राजस्व की कमी से सरकारी कर्मचारियों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी और प्रदेश सरकार पर दबाव भी रहेगा। नौकरियों के लिए राज्य सरकार पर दबाव बढ़ेगा। सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे जिसके कारण राज्य सरकार पर दबाव बढ़ेगा। केंद्र और राज्य के टकराव भी देखने को मिलेंगे। इस टकराव का लाभ विरोधी दलों को मिलेगा। 

 

आवरण कथा / ज्योतिषीय आकलन

सरकार परेशान, मौज करेगा विपक्ष

आने वाला नया साल बड़ी पार्टियों के रसूख में दिखाएगा नक्षत्रों का खेल

पं. भानुप्रताप नारायण मिश्र

अगस्त 15, 1947 की मध्यरात्रि में आजाद हुए भारत की जन्म कुंडली वृष लग्न और कर्क राशि की है। पूरे साल गुरु और राहु-केतु के खराब गोचर से जनता और सरकार परेशान रहेगी वहीं विपक्ष मौज करेगा। परंतु धनु में शनि का जाना देशवासियों को कुछ महीने राहत देगा। जनवरी के अंत में शनि के धनु राशि में जाने के बाद सरकार की स्थिति में थोड़ा सुधार होगा लेकिन अप्रैल में न्यायकारक ग्रह शनि धनु में वक्री गति से चलते हुए जून में वृष्चिक राशि में प्रवेश करेगा तब फिर गहरा संकट देखने को मिलेगा। अक्‍टूबर के अंत में शनि के धनु राशि में पुन: प्रवेश से वृष और कन्या राशि पर ढैया शुरू होगी। मेष और सिंह राशि वालों को मुञ्चित मिलेगी। शनि और सूर्य जब-जब आमने-सामने होंगे देश में झंडा झुकने की आशंका रहेगी।

इस बीच जिन-जिन राज्यों में चुनाव होंगे भाजपा और उनके सहयोगी दलों को जनता को अपने पक्ष में करना बहुत मुश्किल होगा। शनि की साढ़े साती, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी दोनों की वृश्चिक राशि पर चल रही है। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, जिनकी मेष राशि है पर भी शनि की ढैया लगी हुई है। मोदी सरकार में संकट इसलिए भी बढ़ेगा क्‍योंकि उनके मंत्रिमंडल के कई प्रमुख नेताओं पर शनि की साढ़े साती और ढैया लगी हुई। जिसके कारण आपस में मनमुटाव पैदा होगा। इस बात की प्रबल संभावना है कि भाजपा शासित प्रदेशों के कई मुख्यमंत्री केंद्र की राजनीति करने लगें। मोदी को महिला नेताओं से सावधान रहना होगा। करीबी से विश्वासघात मिल सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत की सिंह राशि है। वह भी शनि की ढैया से कुछ समय मुक्‍त रहेंगे और फिर कुछ समय के लिए प्रभावित रहेंगे। भाजपा के शञ्चितशाली नेताओं और संघ के वरिष्ठ प्रचारकों के बीच उग्र मतभेद हो सकता है। स्टिंग ऑपरेशन का खतरा प्रचारकों और भाजपा नेताओं को परेशान करता रहेगा। संघ की कुंडली में शनि, गुरु, शुफ् और बुध बहुत बलवान हैं इसलिए निश्चित ही इसका प्रभाव कभी खत्म नहीं होगा। लेकिन 9 जनवरी 2016 से चल रहा राहु का खराब गोचर सितंबर 2017 के पहले पखवाड़े तक संघ को चिंता में डाले रहेगा। इसके बाद भी कर्क में गया राहु चैन नहीं लेने देगा। संघ से जुड़े संगठनों में ही तीखा विरोध देखने को मिलेगा। एक-दूसरे को नीचा दिखाने के चक्‍कर में संघ और भाजपा दोनों ही पस्त नजर आएंगे। राष्ट्रपति पद की उम्मीद लगाए बैठे पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ. मुरलीमनोहर जोशी में टक्‍कर रहेगी। आडवाणी की मेष राशि और जोशी की सिंह राशि है। दोनों ही चुनाव के समय शनि की ढैया से प्रभावित रहेंगे। लेकिन दोनों को ही अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा। इन दोनों के बीच अचानक किसी महिला का नाम भी उभर सकता है। इतना तय है कि बनेगा वही नेता जिस पर शनि की ढैया या शनि की साढ़े साती चल रही होगी और उसका शनि अपनी नीच राशि मेष में नहीं होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अनुकूल राहु के कारण सितंबर के पहले सप्ताह तक एक-दो अच्छी सूचनाएं मिल सकती हैं। लेकिन जैसे ही राहु कर्क राशि में जा कर विपरीत फल देने लगेगा उन्हें पार्टी में बड़ी समस्याएं झेलनी होगी। सरकार उनके खिलाफ  कुछ नए मामले कांग्रेस में विराजमान उनके विराोधियों की मदद से उजागर करने में कामयाब होगी। गांधी परिवार के लिए घर का भेदी लंका ढाए वाली स्थिति आएगी। बृहस्पति सितंबर में उनके अनुकूल होगा जो खराब होती स्थिति को संभालने में थोड़ी बहुत मदद कर सकता है। राहुल गांधी की वृश्चिक राशि है जो सितंबर के पहले पक्ष के बाद उनकी राजनीति पर प्रश्नचिन्ह लगाएगी। प्रियंका गांधी भी वृश्चिक राशि की हैं। कांग्रेस में उनकी भूमिका इसी साल तय होगी। राहुल का शनि जहां अपनी नीच राशि मेष में होकर उनकी उन्नति को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है वहीं प्रियंका का शनि वृष राशि में है जो आने वाले समय में उन्हें जनता में लोकप्रियता प्रदान कर सकता है। मायावती की मकर राशि है जिस पर शनि की साढ़े साती जनवरी में लग जाएगी। शनि की साढ़े साती में उन्हें जनता से अच्छा खासा समर्थन मिलता नजर आ रहा है। बसपा का अकेले सरकार बनाना संभव नहीं है। लेकिन राहु का विपरीत होना उन्हें पार्टी के छुपे हुए विरोधियों से परेशान करता रहेगा। इसके अलावा उनकी सेहत भी खराब हो सकती है।

नीतीश कुमार की वृश्चिक राशि है तो लालू प्रसाद यादव की कर्क। सितंबर के पहले पक्ष के बाद इनमें दरार पैदा होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वृष राशि है जिस पर शनि की ढैया जनवरी के अंत से शुरू होगी। इन्हें अपनी सेहत को लेकर सावधान रहना चाहिए। उनकी पार्टी के विधायकों में केजरीवाल को लेकर बड़ा विद्रोह हो सकता है।

 

आवरण कथा / ज्योतिषीय आकलन

नए साल में भी मोदी को मिलेगा जनता का सहयोग

भारत की कुंडली में राशि-स्वामी चंद्र ही तय करेगा वर्ष 2017 में सफलता के पैमाने

डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे

विश्व में जब भी लोकतांत्रिक मूल्यों और सुरक्षा की चर्चा होती है तो भारत का नाम बहुत गर्व से लिया जाता है। विश्व की लगभग सबसे बड़ी आबादी इस देश में रहती है और अनुपातिक दृष्टि से यहां अपराध भी कम है और विभिन्न मतों और धर्मों के लोग शांति से रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में यहां हो रही हलचल ने पूरे विश्व का ध्यान आकृष्ट किया है। वैसे तो जनसंख्या, प्रगति और अन्य कई स्तरों पर विश्लेषण करने की आवश्यकता है। विश्व के सबसे बड़े प्रायद्वीप के अंश भारत का यदि हम ज्योतिषीय विश्लेषण करें तो वर्तमान भारत के स्वतंत्रता की तिथि को लोकतंत्र की दृष्टि से उद्भव दिवस मान कर आकलन कर सकते हैं। भारत की लग्न कुंडली वृषभ लग्न की और कर्क राशि की है। कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है जिसकी दशा 2015 में प्रारंभ हुई है और 2025 तक रहने वाली है। चंद्र चूंकि क्रियात्मकता और सृजनशीलता का स्वामी होता है अत: आने वाले वर्ष 2017 में इस देश में नई-नई बातें नए-नए प्रयोग देखने को मिलेंगे। सन 2017 में  सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे, ऐसा दिखाई पड़ रहा है। वैश्विक कूटनीति की यदि बात करें तो भारत के नए दोस्त बनेंगे। चीन और पाकिस्तान से संबंध और खराब हो सकते हैं लेकिन भारत प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा इसमे कोई संदेह नहीं है। साल के मध्य में नक्‍सल और सीमा पर आतंकवादी घटना बढ़ सकती हैं। सन 2017 का वर्ष निर्णयों को लेकर बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। चंद्र में राहु की अंतर्दशा होने से निर्णय लेने में चूक भी हो सकती है। पराफ्म भाव में बना विष योग कुछ कमजोरियों को भी उजागर करेगा। यदि कुल मिलाकर विश्लेषण करें तो सन 2017 का वर्ष प्रगति का वर्ष होगा और प्रजा के हित में कई सकारात्मक निर्णय सामने आएंगे। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लग्न कुंडली की विवेचना करें तो वृश्चिक लग्न की कुंडली में लग्न में बना नीच भंग राज योग और वर्तमान नीच के चंद्र की महदशा नरेन्द्र मोदी को और ज्यादा यश और प्रगति दिलाने वाला प्रतीत हो रहा है। वर्तमान चंद्र की दशा और प्रजा भाव में बैठे गुरु संकेत दे रहे हैं कि विपरीत परिस्थितियां आएंगी अवश्य लेकिन प्रजा के सहयोग और विश्वास के आधार पर निरंतर प्रगति करेंगे। सन 2017 में कर्क राशि में राहु के प्रवेश करते ही स्थितियां थोड़ी बदलेंगी। इस अवधि में मोदी जी को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। यात्रा में सावधानी बरतनी होगी। दशम भाव में शनि और शुफ् की युति आर्थिक निर्णयों को लेने में और ज्यादा कठोर बना सकती है। प्रधानमंत्री कुछ ऐसे निर्णय ले सकते हैं जो तात्कालिक परिस्थितियों में आलोचनात्मक हो सकते हैं लेकिन कालांतर में यही निर्णय प्रशंसा का कारण भी बनेंगे। वर्ष 2017 में प्रजा का सहयोग भी नरेन्द्र मोदी को मिलता हुआ दिखता है। प्रमुख विपक्षी दल भी मोदी जी की योग्यता मानेंगे और उनका कद बढ़ेगा।

राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण नेता है और आगामी दिनों में होने वाले उत्तरप्रदेश चुनावों में उनके मुख्यमंत्री होने की संभावना जताई जा रही है। वर्ष 2017 उनके विवेक से निर्णय लेने की परीक्षा का वर्ष होगा। वृश्चिक लग्न की नीच के चंद्रयुक्‍त राजनाथ सिंह की कुंडली अभी राहु की दशा से होकर गुजर रही है। वर्ष 2017 में राहु में शुफ् गमन करेगा जो उनके लिए लाभप्रद हो सकता है। सन 2017 में राजनाथ सिंह को लचीलेपन को आत्मसात करना होगा। उत्तरप्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। यदि राजनाथ सिंह की तुलना मुलायम सिंह की कुंडली से करें तो पता चलता है कि कर्क लग्न की मुलायम सिंह की कुंडली दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश के आगामी 2017 के चुनाव तुलनात्मक दृष्टि से दोनों के लिए ही चुनौतीपूर्ण हैं। राजनाथ सिंह यदि नए समीकरणों के बारे में सोचें तो हो सकता है कि बहुत बड़ी सफलता मिल जाए। लेकिन प्रजा भाव का स्वामी शनि दशम भाव में बैठा है जो संकेत दे रहा है कि प्रजा का समर्थन अवश्य मिलेगा लेकिन शायद पूर्णता को लेकर संशय बना रहे। संकेत यह है कि चुनाव पूर्व कुछ निश्चित समीकरण बने तो सफलता का प्रतिशत बढ़ सकता है। भारत की लग्न कुंडली की तुलना यदि नरेन्द्र मोदी की कुंडली से की जाए तो पता लगता है कि भारत की कुंडली में चंद्र की दशा चल रही है और नरेन्द्र मोदी की कुंडली में भी चंद्र की महादशा चल रही है। इस तरह चंद्र एक निर्धारक तत्व के रूप मे सामने आता है। वर्ष 2017 जो कि रविवार से प्रारंभ हो रहा है उस दिन भी चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में ही है। इस तरह यह स्पष्ट है कि भारत की कुंडली में राशि स्वामी चंद्र ही वर्ष 2017 में सफलता के पैमाने तय करेगा।

 

आवरण कथा / ज्योतिषीय आकलन

सभी के लिए चुनौतियों भरा रहेगा 2017

आचार्य रामचंद्र शर्मा 'वैदिक’

भारतीय ज्योतिष वृहद् विज्ञान है। ज्योतिष के जरिए भविष्य की घटनाओं का आभास किया जा सकता है। वर्तमान, भूत, भविष्य की घटनाओं की संभावना को केवल एक सच्चा ज्योतिष साधक ही (दैवज्ञ) बता सकता है। इसीलिए भारत वर्ष में राजा-महाराजाओं की सबसे पहली पसंद होती थी ज्योतिषाचार्य से चर्चा। भारत वर्ष में प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्‍ल प्रतिपदा पर राष्ट्र के भविष्य पर विचार किया जाता है। दिन बदलते गए अब लोग चैत्र शुक्‍ल प्रतिपदा की बजाय पाश्चात्य नववर्ष को आनंदपूर्वक मनाने लगे हैं। आइए देखें कैसा होगा वर्ष 2017 भारत और भारत के प्रमुख व्यक्तियों के लिहाज से...

भारत की साख एक आध्यात्मिक और धार्मिक देश के रूप में उभरेगी। योग धर्म के प्रति विदेशों में भारत का मान बढ़ेगा। 2017 में भारत को कला और साहित्य के क्षेत्र में विशेष उपलद्ब्रिध प्राप्त होगी। वैज्ञानिकों के नए शोध भारत को एक शञ्चितशाली देश के रूप में अपनी पहचान देंगे। भारत-पाक के संबंधों में सुधार होगा, इसमें शंका है। 15 जनवरी से मार्च अंत तक पाक सीमा पर आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं।

नरेन्द्र मोदी-वृश्चिक लग्न के मोदी के लिए 2017 मिला-जुला रहेगा। शुरुआत में आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला चलेगा। विमुद्रीकरण उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी बनेगा। चंद्रमा में शनि की दशा पार्टी में उन्हें विरोध का सामना करवाएगी। मार्च पश्चात का समय पुन: उनके लिए उपलद्ब्रिध और उन्नति दायक है। मोदी का वर्चस्व पुन: बढ़ेगा। सोनिया गांधी - सोनिया के लिए यह वर्ष स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं है। पार्टी में उनका दखल कम रहेगा। मीन का सूर्य और धनु के शनि से उनके लिए चुनौतियां बढ़ेंगी।

राहुल गांधी- राहु, केतु के राशि परिवर्तन से अगस्त 2017 से राहुल गांधी के लिए अच्छा रहेगा। जनता के मध्य उनकी छवि सुधरेगी। लेकिन पार्टी में अंतर्कलह बढऩे से उनका वर्चस्व कम होगा। कानूनी मामलों में राहुल के लिए यह वर्ष अच्छा नहीं है। राहुल की बातों को मजाक में लिया जाएगा किंतु साल के अंत तक उनके राजनीतिक कॅरिअर में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। अरविंद केजरीवाल- अरविंद केजरीवाल वृषभ लग्न के हैं। यह वर्ष उनके लिए उपलद्ब्रिध और उन्नति की ओर इशारा कर रहा है। पंजाब चुनाव में आप पार्टी का वर्चस्व बढ़ेगा। हालांकि गुरु का तुला राशि में प्रवेश और कर्क राशि में राहु के आने से पार्टी की छवि बिगड़ेगी। लोंगो का आप से विश्वास भी उठ सकता है।

भाजपा- मिथुन लग्न की भाजपा के लिए 2017 मिश्रित ही रहेगा। विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति कुछ हद तक बिगड़ सकती है। हां, यह जरूर है कि शनि का परिवर्तन भाजपा के वोट बैंक को इतनी आसानी से कम नहीं होने देगा। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के सहयोग से ही सरकार बन सकती है। कन्या का गुरु भाजपा के वरिष्ठï राजनेताओं के मध्य विवाद और अंतर्कलह को दर्शा रहा है। पार्टी के बड़े नेताओ को दरकिनार किया जाएगा। कांग्रेस- धनु लग्न की कांग्रेस के लिए शनि का परिवर्तन शुद्धिकरण की बात कर रहा है। कन्या राशि का गुरु कांग्रेस के लिए आत्ममंथन की स्थिति निर्मित कर रहा है। पार्टी कोई बड़ा राजनेता खो सकती है। उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर ग्रह गोचर की मानें तो किसी पार्टी के पक्ष में मतदान होंगे इसमें शंका है। मायावती के सितारे कमजोर हैं वहीं मुलायम सिंह इस वर्ष पारिवारिक अंतर्कलह में पड़ सकते हैं।

अमिताभ बच्चन- अमिताभ कुंभ लग्न के हैं, यह वर्ष उनके लिए अच्छा नहीं रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी लंबी समस्या उनकी कार्यक्षमता में बाधा पहुंचा सकती है। विराट कोहली भारत के लिए छुपा रुस्तम बनकर सामने आएंगे। धोनी इस वर्ष खेल जगत से अलविदा कर सकते हैं। सलमान खान के लिए 2017 अच्छा नहीं है। पुराने कानूनी मामले फिर परेशान करेंगे। खान तिकड़ी में से शाहरुख खान को स्वास्थ्य संबंधी समस्या पूरे वर्ष घेर सकती है।

भारत-पाक संबंध: नववर्ष कुंडली में छठे स्थान में शुफ्, मंगल और केतु, भारत-पाक के रिश्ते की डोर को कमजोर कर रहे हैं। इस वर्ष कोई बड़ी आतंकी घटना भारतीय सेना की परीक्षा ले सकती है। भारत-चीन संबंध: भारत और चीन के राजनीतिक संबंध इस वर्ष कुछ नया कर पाएंगे, इसमें संदेह है। हां, यह जरूर है कि भारत और चीन के व्यापारिक संबंधों की स्थिति यथावत रहेगी।

भारत-रूस संबध: धनु राशि का शनि, टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में भारत रूस के मध्य कोई बड़ी उपलद्ब्रिध दिलवा सकता है। भारत रूस के साथ खड़ा होकर एक सशक्‍त और समृद्धशाली देश बनकर उभर सकता है। भारत-अमेरिका संबंध: अमेरिका की नीति भारत के लिए हालांकि अच्छी नहीं रहेगी लेकिन फिर भी भारत और अमेरिका के मध्य बड़े समझौते हो सकते हैं जिससे भारत को आर्थिक लाभ मिल सकता है।

वर्षा: रोहिणी का वास तट पर तथा समय का वाहन बैल व तक्षक नाम का मेघ सामान्य वर्षा कराएगा। साधारण नाम का सवंत्सर प्राकृतिक आपदाओं एवं नई बीमारियों की ओर इशारा कर रहा है। कुल मिलाकर केंद्र की परीक्षा लेगा वर्ष 2017।

बेकारी बढ़ेगी, आर्थिक स्थिति कमजोर होगी

केदार शर्मा

नया साल भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए चुनौतियों भरा होगा। देश में अस्थिरता का वातावरण रहेगा। बेकारी बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। पाकितान के साथ संबंध तनावपूर्ण रहेंगे। हालांकि लड़ाई जैसे हालात तो नहीं बनेंगे लेकिन सीमा पर तनाव

और छुटपुट घटनाएं होती रहेंगी। आतंकवादी घटनाएं जारी रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए यह साल सरकार और पार्टी दोनों ही स्तरों पर चुनौतियों वाला रहेगा। लेकिन मोदी इन चुनौतियों से पार पाने में कामयाब होते नजर आएंगे।

राहुल गांधी के लिए वर्तमान समय संफ्मण काल है। इससे उबरने के लिए उनको कठिन परिश्रम करना होगा। नए साल

Advertisement
Advertisement
Advertisement