नागपंचमी पर होने वाले दंगल अब किसी पर्व के मोहताज नहीं रह गए हैं। कुश्ती के दांव-पेंच अब रोमांच और रफ्तार को साथ लेकर चलते हैं। जब से सुनहरे परदे ने धोबीपाट, चित्त जैसे शब्दों से दोस्ती की है, इस खेल के प्रति रुचि और बढ़ गई है। अब दंगल सभी का मंगल कर रहा है, पेशेवर खिलाडिय़ों से लेकर छोटे शहरों के पहलवानों तक। हाल ही में कुश्ती जैसे खेल पर आधारित फिल्म 'सुल्तान’ और 'दंगल’ ने बड़े परदे पर जिस तरह का धमाल मचाया उसी तरह का धमाल प्रो-रेसलिंग लीग के दूसरे संस्करण में भी देखने को मिला। इस लीग में जहां देश-दुनिया के जाने-माने पहलवान ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया वहीं पहले के मुकाबले कुश्ती में लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ी।
प्रो-रेसलिंग लीग के दूसरे संस्करण में कुल छह टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें जयपुर निंजास, मुंबई महारथी, यूपी दंगल, एनसीआर पंजाब रायल्स, हरियाणा हैमर्स और दिल्ली सुल्तान शामिल थी। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक नीलामी में दिल्ली सुल्तान का हिस्सा बनी। साक्षी को इस टीम का कप्तान और आइकान बनाया गया था। हालांकि मुकाबले के दौरान साक्षी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं लेकिन लीग में उनके नाम की सुर्खियां बनी रहीं। 'दिल्ली सुल्तान’ के संरक्षक अनुराग बत्रा आउटलुक से बातचीत में कहते हैं कि खेल में हार-जीत चलती रहती है और मुझसे अधिक खिलाडिय़ों और उनके कोचों के चेहरों पर अधिक निराशा होती है। इस निराशा को दूर करने और अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन के लिए मैं उन्हें प्रोत्साहित करता हूं।
प्रो-रेसलिंग लीग के दूसरे चरण के रोमांचक मुकाबले में पंजाब रायल्स ने इस बार बाजी मारी। वहीं हरियाणा लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचकर खिताब से चूक गई। बाकी टीमों ने भी मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन इस बार की खास बात रही कि दर्शकों की रुचि कुश्ती के प्रति बढ़ी है। दिल्ली में हुए सभी मुकाबलों को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। इतना ही नहीं कुश्ती के मुकाबले को देखने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा, बॉलवुड अभिनेता बॉबी देओल भी पहुंचे। वहीं 'दिल्ली सुल्तान’ की ओर से पंजाबी गायक शंकर साहनी, जसबीर जस्सी और क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने पहुंचकर दर्शकों का उत्साह बढ़ाया। रेसलिंग की दुनिया को और रोमांचक बनाने के लिए आयोजकों की ओर से विशेष प्रबंध किए गए थे। इतना हीं नहीं भारतीय रेसलर के अलावा विदेशी रेसलर को भी प्रमुखता से आयोजकों ने नीलामी के दौरान खरीदा था। इस तरह की लीग का आयोजन करके कुश्ती के प्रति लोगों का उत्साह बढ़ाया जा रहा है। इस लीग में खिलाडिय़ों को खरीदने के लिए नीलामी की राशि तय कर दी गई थी। प्रत्येक टीम को दो करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे। जिसके तहत हर टीम को नौ खिलाड़ी खरीदना था। जिसमें दो अंतराष्ट्रीय पुरुष और दो अंतराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी के अलावा पांच भारतीयों को शामिल करना था। दिल्ली सुल्तान ने अलीना मखानिया, बजरंग पुनिया, डेविड ट्लेडजी, इर्डानिबट बेखबायर, मारिया स्टैडनिक, प्रवीण राणा, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यवीर कादियान को खिलाड़ी के तौर पर शामिल किया गया था जबकि कुलदीप मलिक और प्रवेश मान को सलाहकार के रूप में जोड़ा गया था ताकि कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाए तो उसकी जगह शामिल किया जा सके।
कुश्ती को लोकप्रिय बनाने के लिए शुरू की गई इस लीग का भले ही यह दूसरा संस्करण हो लेकिन कुश्ती के प्रति लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ी है। हाल ही में कुश्ती को लेकर बनी फिल्में सलमान की 'सुल्तान’ और आमिर खान की ' दंगल’ भी इसकी प्रमुख वजह हैं। 'सुल्तान’ फिल्म एक पहलवान के जीवन पर आधारित थी। इसी से प्रेरित होकर साक्षी मलिक की टीम को दिल्ली सुल्तान नाम दिया गया। वहीं फिल्म 'दंगल’ कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली गीता फोगाट और उसकी बहन बबीता फोगाट के जीवन पर बनी है। इस फिल्म में गीता और बबिता के पिता महावीर फोगाट बेटियों को किस तरह से रेसलिंग की दुनिया में उतारते हैं इसको फिल्म में दिखाया गया है। महावीर फोगाट का किरदार आमिर खान ने निभाया है। कुश्ती पर बनी इन हालिया फिल्मों से रेसलिंग की दुनिया में आने वाले युवाओं को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
प्रो-रेसलिंग लीग की दूसरी सफलता के बाद आयोजकों का उत्साह और दोगुना हो गया है। यह संभव है कि अब इस तरह के आयोजन बड़े शहरों से निकलकर छोटे शहरों में भी आयोजित किए जाएंगे। 'दिल्ली सुल्तान’ के संरक्षक अनुराग बत्रा कहते हैं कि रेसलिंग की दुनिया में अब नए लोगों को अवसर मिलने से इस तरह की लीग और भी सफल हो रही हैं। कारण साफ है कि तेजी से इस क्षेत्र में युवाओं का रुझान बढ़ा है। बत्रा बताते हैं कि भले ही उनकी टीम मुकाबले में हार गई हो लेकिन अगली लीग में भी वे इन्हीं खिलाडिय़ों को शामिल करना चाहेंगे।
बाबा रामदेव ने भी कुश्ती में दिखाया हुनर
योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रो-रेसलिंग लीग के दूसरे संस्करण में कुश्ती में हाथ आजमाया और सफल भी रहे। रामदेव ने ओलंपिक में रजत पदक विजेता यूके्रन के पहलवान आंद्रे स्टेडनिक को 12-0 से मात दी। दरअसल कुश्ती को लोकप्रिय बनाने के लिए आयोजकों ने बीच-बीच में ऐसा कार्यफ्म रखा था ताकि लोग इस आयोजन का लुत्फ उठा सके। इसके लिए जहां कई हस्तियां मैच देखने पहुंचीं वहीं बाबा रामदेव को अखाड़े में ही उतार दिया गया। मुकाबले में बाबा रामदेव ने स्टेडनिक को मात देने के लिए कई तरह के दांव अपनाए। रामदेव अपनी स्टाइल में स्टेडनिक को मात देते रहे और बीच-बीच में सूर्य नमस्कार भी करते रहे।