करीब तीन वर्ष पहले की बात है। देश में आम चुनावों की सरगर्मी बस शुरू ही हुई थी। हालांकि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की तारीख की घोषणा नहीं की थी मगर समाचार चैनलों पर इस बात को लेकर बहस जोर पकड़ चुकी थी कि देश में अगली सरकार किसकी बनेगी। नरेन्द्र मोदी राजनीतिक फलक पर प्रधानमंत्री पद की दावेदारी ठोक चुके थे और सर्वेक्षण कंपनियां विभिन्न चैनलों के लिए सर्वे करने मैदान में थीं। दिसंबर 2013 से लेकर अप्रैल 2014 तक कई बार कई चैनलों ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों का प्रसारण किया मगर कोई भी सर्वे भारतीय जनता की नब्ज नहीं पकड़ सका। भाजपा नीत राजग के आगे रहने की भविष्यवाणी तो सभी ने की मगर एक एजेंसी और चैनल को छोडक़र किसी ने यह नहीं कहा कि एनडीए को अपने दम पर बहुमत मिल जाएगा। भाजपा को अपने दम पर बहुमत की भविष्यवाणी तो खैर किसी ने नहीं की। सिर्फ 2014 ही नहीं, भारत में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों की विश्वसनीयता हमेशा से संदेहास्पद रही है। 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जब एनडीए एक बार फिर से जनादेश के लिए मैदान में था तो सभी सर्वेक्षणों में उनकी सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई मगर तब भी वो गलत साबित हुए। लगता है कि ये स्थिति इस बार यूपी तथा अन्य राज्यों के चुनाव में भी नहीं बदलने वाली है। दो समाचार चैनलों द्वारा अलग-अलग एजेंसी से करवाए गए सर्वे के अनुमान बताते हैं कि यूपी में भारतीय जनता पार्टी या सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन सकती है।
टाइम्स नाउ-वीएमआर सर्वे में जहां बीजेपी को पूर्ण बहुमत यानी 202 सीटें मिलती दिख रही हैं, वहीं एबीपी न्यूज के ओपिनियन पोल में एसपी-कांग्रेस को 187-197 सीटें मिलने का दावा किया गया है। साफ है कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर इन सर्वेक्षणों से कोई साफ तस्वीर नहीं उभर पा रही है। हां, एक बात जरूर है कि इस मुकाबले में दोनों ही सर्वेक्षण मायावती की बहुजन समाज पार्टी को तीसरे नंबर पर रख रहे हैं यानी उसे कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है। मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन में ही दिख रहा है।
टाइम्स नाउ जहां सपा-कांग्रेस गठबंधन को 147 सीटें मिलने का दावा कर रहा है वहीं बसपा को सिर्फ 47 सीटें और अन्य को 7 सीटें मिलने की बात कह रहा है। दूसरी ओर एबीपी न्यूज ने भाजपा को 118-128 जबकि बसपा को 76-86 सीटों का अनुमान लगाया है। एबीपी न्यूज के सर्वे में अखिलेश सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार बनकर उभरे हैं। सर्वे में यह दावा भी किया गया है कि मुस्लिम वोट एसपी-कांग्रेस गठबंधन को और जाटव वोट बीएसपी को मिल सकते हैं।
पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर किए गए दो सर्वे में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनती नजर आ रही है। एक प्री-पोल सर्वे में जहां कांग्रेस स्पष्ट बहुमत तक पहुंचती दिख रही है, वहीं एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में कांग्रेस बहुमत से ठीक पहले ठहरती नजर आ रही है। हालांकि एबीपी का सर्वे भी कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरता दिखा रहा है। खास बात यह है कि पंजाब चुनाव के तुरंत बाद एनडीटीवी ने वोट प्रतिशत को लेकर दावा किया कि वहां आप को सबसे अधिक वोट मिल रहे हैं इसलिए वहां आप की सरकार बन सकती है। एबीपी के सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद बने हुए हैं। जनवरी में कैप्टन अमरिंदर की लोकप्रियता के घटने का दावा किया जा रहा था। सर्वे में कांग्रेस को 37 फीसदी वोटों के साथ 60-65 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि एबीपी न्यूज का सर्वे 47-55 सीट दे रहा है। पंजाब विधानसभा में सीटों की संख्या 117 है। इस हिसाब से बहुमत के लिए 59 सीटों की जरूरत है। हालांकि अकाली-भाजपा और आप को लेकर दोनों सर्वे में अलग राय बनती दिख रही है। एक सर्वे आप को मजबूती से दूसरे स्थान पर देख रहा है, वहीं दूसरे सर्वे में आप तीसरे स्थान पर जाती नजर आ रही है।
एबीपी के सर्वे के अनुसार कांग्रेस को 34 फीसदी, अकाली-भाजपा गठबंधन को 28 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। सर्वे में इस गठबंधन को 28-36 सीटें मिलती दिख रही हैं। सर्वे में आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर नजर आ रही है। सर्वे के मुताबिक आप को 27 फीसदी वोट मिल सकते हैं। सीटों की बात करें तो आप 26-34 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।
ऐिक्सस के सर्वे में अकाली-भाजपा गठबंधन की हालत काफी खराब नजर आ रही है। इस गठबंधन को 24 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं, जबकि सर्वे के मुताबिक अकाली-भाजपा को 11-15 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इंडिया टुडे के सर्वे में आम आदमी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है। सर्वे के मुताबिक आप को 34 फीसदी वोट के साथ 41-44 सीटों पर जीत मिल सकती है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों पर न्यूज चैनल एबीपी न्यूज के ओपिनियन पोल में भाजपा को बहुमत मिलता दिख रहा है लेकिन सीएम पद के लिए लोगों की पहली पसंद हरीश रावत बने हुए हैं। पोल के मुताबिक कांग्रेस 36 प्रतिशत वोटों के साथ 24 से 32 सीट ला सकती है, वहीं भाजपा 39 प्रतिशत वोटों के साथ 32 से 40 सीट जीत सरकार बना सकती है। एबीपी न्यूज-सीएसडीएस सर्वे में भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार करती दिख रही है। 70 सीटों की उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा पार करना होगा। ओपिनियन पोल के मुताबिक गढ़वाल इलाके में भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है, वहीं कुमाऊं इलाके में कांग्रेस आगे निकलती नजर आ रही है। कांग्रेस कुमाऊं की 22 सीटों पर 42 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती है, वहीं भाजपा इस इलाके में 34 प्रतिशत वोट जुटाने में कामयाब हो सकती है। मैदान की 23 सीटों में कांग्रेस 33 प्रतिशत वोट, वहीं भाजपा बढ़त लेते हुए 39 प्रतिशत वोट ला सकती है।