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भाजपा के शाह की मोर्चाबंदी

जीत के लिए बनाई जा रही हर चरण के लिए अलग-अलग रणनीति
भाजपा अध्यक्ष अम‌ित शाह

बारह फरवरी की शाम को भारतीय जनता पार्टी के लखनऊ कार्यालय में गहमागहमी के बीच इस बात की भी चर्चा जोरों पर थी कि आखिर चुनाव कौन जीत रहा है। पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका था और भाजपा को उम्‍मीद भी थी कि पहले चरण में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होती है जहां भाजपा अपना मजबूत दावा पेश कर रही है। पहले चरण की समाप्ति के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ में पत्रकार वार्ता का आयोजन कर यह बताया कि पार्टी पहले चरण में कुल 50 सीटें जीत रही है और दूसरा चरण आते-आते यह संख्‍या 90 पहुंच जाएगी। बाकी के चरणों में भी पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर रही है और भाजपा अध्यक्ष का दावा यही है कि पूर्ण बहुमत से पार्टी की सरकार बन रही है। पत्रकार वार्ता खत्म होने के बाद शाह पार्टी के रणनीतिकारों के साथ बैठक में व्यस्त हो जाते हैं और अगले दिन फिर सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचने का निर्देश देते हैं।

 अगले दिन 13 फरवरी की सुबह भाजपा अध्यक्ष का काफिला पार्टी कार्यालय पहुंचता है। पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के अलावा चुनिंदा पत्रकार भी पहुंचते हैं। फिर शुरूहोता है कि पार्टी को लेकर क्‍या माहौल है। चुनाव में कहां कमियां और कहां मजबूती बनी हुई है। कुछ देर की मंत्रणा के बाद शाह के चेहरे पर मुस्कान बिखरती है और उस दिन की तय चुनावी सभाओं में निकलने की तैयारी में लग जाते हैं। शाह एक-एक दिन में दो से तीन चुनावी सभाएं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा मांग शाह के चुनावी सभाओं की होती है। शाह के सामने वह सूची भी रखी जाती है जिसमें प्रचार के लिए प्रत्याशियों ने पत्र लिखा होता है। उन पत्रों को देखकर शाह आउटलुक के प्रतिनिधि से कहते हैं कि देख रहे हैं कितनी व्यस्तता है। बाहर टीवी चैनल वाले कैमरा लेकर खड़े हैं। कोई भाजपा अध्यक्ष के साथ हेलीकॉप्टर की यात्रा करना चाहता है तो कोई अलग से समय मांगकर साक्षात्कार के सवाल सौंपता है। इन व्यस्तताओं के बीच आउटलुक ने भी कुछ सवाल किए जिसका कि जवाब बखूबी देते हुए अमित शाह कहते हैं कि भाजपा की लहर अब सुनामी में बदल गई और हर चरण में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। मुद्दा क्‍या होगा इस सवाल पर शाह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में विकास एक बड़ा मुद्दा है और इसी मुद्दे पर पार्टी चुनाव लड़ रही है। शाह कहते हैं कि पिछले पांच साल से अखिलेश यूपी में शासन कर रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी राज्य में चरम पर है, न तो बहन-बेटियां सुरक्षित हैं और न ही विकास का कोई काम हुआ है। शाह कहते हैं कि प्रदेश का यह चुनाव राज्य से जातिवाद और परिवारवाद खत्म करने का चुनाव है और उत्तर प्रदेश के अंदर लोकतंत्र का नया सूर्य उगने का चुनाव है। शाह का दावा है कि प्रदेश में यदि भाजपा की सरकार बनती है तो राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसानों के कर्ज पूरी तरह से माफ कर दिए जाएंगे, साथ ही कृषि के लिए उन्हें बिना किसी ब्‍याज के लोन उपलब्‍ध कराया जाएगा।

चुनावी गहमागहमी में इस बात की भी चर्चा चल रही थी कि भाजपा का मुख्‍य मुकाबला किससे होना है? शाह कहते हैं कि पहले और दूसरे चरण में बसपा के साथ मुकाबला है और आगे के चरणों में भी पार्टी बसपा से ही लड़ेगी। शाह की नजर में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ज्यादा चलने वाला नहीं है। इसलिए वे इसको लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाते हैं। फिर भी कहते हैं कि यह अपवित्र गठबंधन है और जनता के बीच इसको लेकर कोई उत्साह नहीं है। भाजपा अध्यक्ष चुनावी सभाओं के बारे में अपने सहायक से जानकारी लेते हुए आगे बढ़ते हैं और यह कहते हैं कि पार्टी की सभाओं में उमड़ रही भीड़ इस बात का प्रमाण है कि जनता भाजपा के साथ है। शाह का काफिला निकलने के लिए तैयार है और उनके साथ एक टीवी चैनल के प्रतिनिधि भी जाने की तैयारी में हैं। शाह के हर कदम को कैमरों में कैद किया जा रहा है ताकि चैनल पर दिखाया जा सके।  

 

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