हर बार एक नई कामयाबी हासिल करने वाली एनसीसी यानी नेशनल कैडेट कोर इस वर्ष से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पाठ्यफ्म का हिस्सा बन जाएगा। इसे एक वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल किया जाएगा, जो हमारे देश के युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में सार्थक साबित होगा। एनसीसी की दस महिला कैडेट ने 21 और 22 मई, 2016 को पहलीबार एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। महिला कैडेट के साथ एक महिला अधिकारी ने भी एवरेस्ट फतह की थी। एनसीसी के कार्यफ्मों में हरदम हिस्सा लेने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी संगठन मानते हैं और देश की असली शक्ति भी। उनका कहना है, किसी भी राष्ट्र का निर्माण राजा, शासक या सरकार नहीं बल्कि शहरी, युवा, किसान, स्कॉलर, वैज्ञानिक, श्रमिक और साधु करते हैं। एनसीसी कैडेट्स देशभर में चल रही योजनाओं को एक आंदोलन के रूप में फैलाने में उत्प्रेरक भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री के अलावा देश के कई अन्य भी ऐसे मशहूर चेहरे हैं जो एनसीसी का हिस्सा रह चुके हैं, इनमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत राव, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सांसद व अभिनेत्री जया बच्चन, राजनेता एवं पुदुचेरी की उपराज्यपाल डॉ. किरण बेदी, ओलंपिक पदक विजेता भारतीय निशानेबाज एवं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, छत्तीसगढ़ के मुखयमंत्री रमन सिंह शामिल हैं।
युवाओं को एकता और अनुशासन का पाठ पढ़ाने और आज दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत युवा संगठन में शामिल एनसीसी ने राष्ट्र निर्माण और देश के युवाओं को जिम्मेदार बनाने में अनोखा स्थान कायम किया है। अपने आदर्श वाक्य 'एकता और अनुशासन’ से एनसीसी देश के युवाओं को एक अनुशासित नागरिक बना रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में चरित्र निर्माण, साथी भाव, अनुशासन, नेतृत्व, राष्ट्रीय दृष्टिकोण, उत्साह और नि:स्वार्थ भावना से सेवा का भाव भरना है।
युवक और युवतियों को बेहतर नागरिक और सुरक्षा बलों सहित जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व करने लायक प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक युवा संगठन बनाने की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम, 1948 के तहत एनसीसी का गठन किया गया। इस अधिनियम के तहत विद्यालयों में एनसीसी की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य सेना की सहयोगी इकाई के तौर पर काम करना है। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसे सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया था। वर्ष 1968 में इसे फिर स्वैच्छिक कर दिया गया। वर्ष 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान एनसीसी कैडेट्स सेना की दूसरी सुरक्षा पंक्ति में शामिल थे। उत्तर प्रदेश का एनसीसी निदेशालय देश के सबसे बड़े निदेशालयों में से एक है। यहां करीब 1.19 लाख कैडेट राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में स्कूलों और कॉलेजों में एनसीसी को अनिवार्य किए जाने की कोई संभावना है, के सवाल पर एडिशनल डायरेक्टर (पद्ब्रिलसिटी) लेक्रिटनेंट कर्नल उमंग कोहली ने कहा कि अनिवार्य तो नहीं, लेकिन इस वर्ष से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पाठ्यफ्म में यह शामिल हो जाएगा। कक्षा 9 और 10 के पाठ्यफ्म में यह एडिशनल विषय के तौर पर और क्रेडिट बिंदु के साथ कक्षा 11 और 12 में यह 'इलेञ्चिटव सब्जेक्ट’ के तौर पर लागू हो जाएगा। इससे यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में जो विद्यार्थी एनसीसी विषय पढऩे का इच्छुक है वह इससे अछूता नहीं रह सकता। देश के तटीय और सीमावर्ती इलाकों तक विस्तार करने की योजना बना चुकी एनसीसी के पास पंजीकृत होने के लिए 7,800 स्कूल एवं कॉलेज प्रतीक्षा सूची में हैं। इसकी योजना है कि वर्ष 2018 तक वह अपने कैडेटों की संख्या को 15 लाख तक पहुंचाएगी। एनसीसी की मौजूदा क्षमता 13 लाख कैडेट्स की है जिनमें लड़कियों की तादाद 28 फीसदी है। इस योजना का मुख्य जोर देश के दूरस्थ इलाकों तक पहुंचाने और लड़कियों की तादाद 33 फीसदी तक करना है। तकरीबन सौ करोड़ के बजट वाले एनसीसी के कैडेट्स की मूलभूत वस्तुओं और हर वर्ष आयोजित होने वाली प्रतियोगिता या कार्यफ्म में होने वाले व्यय को राष्ट्र और राज्य स्तर पर विभाजित किया गया। एनसीसी को दोनों (राष्ट्र और राज्य) ही स्तर पर आर्थिक सहायता मिलती है।
बढ़ेंगी करियर की संभावनाएं
राज्य और केंद्र सरकार की नियुक्तियों में एनसीसी कैडेट को प्राथमिकता दी जाती है। 'सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्स के लिए इंडियन मिलेट्री एकेडमी (आई.एम.ए.) में 64 सीटें आरक्षित होती हैं। 'बी’ या 'सी’ सर्टिफिकेट वाले कैडेट्स को शॉर्ट सर्विस कमीशन में सीडीएस की लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती। सशस्त्र बलों और पैरामिलेट्री फोर्सेस में एनसीसी 'सी’ सर्टिफिकेट धारी को विशेष छूट दी जाती है। नौसेना के हर कोर्स में छह नियुक्तियां और वायुसेना में दस फीसदी की छूट हर कोर्स में होती है।
सरकार का 'स्वच्छ भारत मिशन’ और 'नकदी रहित’ अर्थव्यवस्था जैसी योजनाओं में एनसीसी कैडेटों का बहुत बड़ा योगदान है। नकदी रहित अर्थव्यवस्था के दौरान कुल 12000 कैडेट्स ने 1700 बैंकों की ब्रांच में जाकर अनपढ़ और बीमार जरूरतमंदों की मदद की। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बड़ी संख्या में कैडेट्स ने देशभर के 5500 जगहों पर योग किया।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रिपद्ब्रिलक डे कैंप (आरडीसी) 2017 का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया। कैंप के इस आयोजन में एनसीसी के महानिदेशक ले. जनरल विनोद वशिष्ट ने उपराष्ट्रपति की अगवानी की। इस दौरान कैडेट के तीनों विंग (सेना, नौसेना, वायुसेना) के चुने हुए दस्ते ने भी हामिद अंसारी के आगमन में सम्मान गारद प्रस्तुत किया। इस शिविर में सभी राज्यों से 17 एनसीसी निदेशालयों के 699 छात्रा समेत 2070 कैडेटों ने भाग लिया। एनसीसी के यूथ
एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत वर्ष 2016-2017 में 23 अधिकारी और 148 कैडेटों को सिंगापुर, रूस, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, कजाकिस्तान, वियतनाम, मालदीव भेजा गया। इस कार्यफ्म के तहत कैडेट्स को वहां की संस्कृति और सञ्जयता को समझने का मौका मिलता है।
इसके अलावा देश के कोने-कोने से आए एनसीसी कैडेट्स को अनुशासन प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रतियोगिता, हॉर्स शो, लेग एरिया प्रतियोगिता, राष्ट्रीय एकता जागरूकता कार्यफ्म, गणतंत्र दिवस परेड, प्रधानमंत्री रैली जैसे अनेक कार्यफ्मों के लिए तैयार किया जाता है। देश में अंदरूनी व्यवस्थाओं जैसे यातायात, सुरक्षा इंतजामों में पुलिस और सेना के साथ काम करना, विशेष मौकों पर व्यवस्थाएं संभालना और प्राकृतिक या दूसरी आपदाओं के दौरान भी एनसीसी कैडेट्स काम करते हैं। एनसीसी का एडवेंचर प्रशिक्षण भी उतना ही उपयोगी है जितना कि अन्य प्रतियोगिता और कार्यफ्म। एडवेंचर युवाओं का प्राण है। यह प्रशिक्षण कैडेटों को शिविर परिस्थितियों में स्थल विशेष की जानकारी के साथ-साथ विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में रहने और साहसिक जीवन जीने का अनुभव प्रदान करता है। प्रतिभावान कैडेटों को फुटबॉल, हॉकी एवं निशानेबाजी जैसे उच्च संभावना वाले खेलों में भी भाग लेने की सुविधा प्रदान की जाती है ताकि वे टीम भावना एवं खेल संबंधी अपना कौशल बढ़ा सकें। एनसीसी टीमें नियमित रूप से सुब्रतो कप फुटबॉल, नेहरू कप हॉकी एवं राष्ट्रीय निशानेबाजी जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेती हैं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं। 3 अक्टूबर से 15 नवंबर, 2016 तक आयोजित 26वीं अखिल भारतीय मावलंकर प्रतियोगिता में एनसीसी ने कुल 18 मेडल अपने नाम किए जिनमें 9 गोल्ड, 6 सिल्वर और 3 ब्रांज मेडल शामिल हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि एनसीसी तरक्की कर रहा है, लेकिन हमारे युवक और युवतियों की ऊर्जा व उत्साह को उद्देश्यपूर्ण तथा उपयोगी राष्ट्रीय गतिविधियों में लगाने की आवश्यकता है। विभिन्न मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे देश का युवा वर्ग एनसीसी की गतिविधियों में काफी सक्रिय है।