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खेलों की चमक पड़ने लगी है फीकी

सरकार का दावा है कि खिलाडिय़ों को किया जा रहा है प्रोत्साहित
खेल मंत्री अन‌िललि व‌िज राज्य के युवा ख‌िलाड़‌ियों के साथ

खेल मंत्री अनिल विज की मानें तो खेल और खेल संघों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद समाप्त करने के पिछले दो वर्षों से किए जा रहे उनके प्रयास जल्द रंग दिखाने लगेंगेे, पर हकीकत थोड़ी कड़वाहट भरी है। खट्टर सरकार द्वारा नई खेल नीति बनाने के बावजूद खेल को लेकर देश-दुनिया में मुकाम रखने वाले हरियाणा में इस समय खेल गतिविधियां मृतप्राय और खिलाड़ी मायूस हैं। प्रतियोगिताओं से ज्यादा सूबे में खेल पर सियासत गर्म है।

ओलंपिक एवं पैराओलंपिक में साक्षी मलिक और दीपा मलिक की उपलद्ब्रिधयां एक तरफ कर दी जाएं तो पिछले दो वर्षों में हरियाणा के हिस्से कोई बड़ा पदक हाथ नहीं आया है। केवल पेशेवर मुक्‍केबाजी और कुश्ती का जोर बढ़ा है, मगर गैर पेशेवर खेल गतिविधियां निरंतर सिकुड़ रही हैं। बिजेंदर सिंह के बाद अंतर्राष्ट्रीय बॉक्‍सर अखिल कुमार और जितेंद्र कुमार भी सरकारी नौकरी छोडक़र प्रो बॉञ्चिसंग में आ गए हैं। विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर एवं हरियाणा वालीबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपीचंद गहलौत कहते हैं कि वालीबॉल सहित कुछ खेलों के कतिपय खिलाड़ी यदि बेहतर कर रहे हैं, तो केवल इसलिए कि उन खेलों की ओर सरकार का ध्यान नहीं गया है।’ खेल के जानकारों को बखूबी मालूम है कि बगैर भारतीय ओलंपिक संघ या राष्ट्रीय खेल फेडरेशनों से संबद्धता के राज्य के किसी भी खेल संघ का कोई वजूद नहीं, इसके बावजूद सरकार की शह पर कई समांतर खेल संघ खड़े कर दिए गए हैं। वर्चस्व प्राप्त करने के कारण अभी फुटबॉल, बॉञ्चिसंग एवं हॉकी संघ में विवाद चल रहा है। जूनियर और सब-जूनियर स्तर की खेल गतिविधियां लगभग समाप्त हैं। बॉक्‍सरों की मशीन माने जाने वाले भिवानी बॉञ्चिसंग क्‍लब से पिछले दो वर्षों से एक भी बड़ा बॉक्‍सर नहीं निकला है। भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद का अड्डा बताकर सूबे की अधिकांश खेल नर्सरियां एवं अकादमियां बंद कर दी गई हैं। भिवानी, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र की वालीबॉल नर्सरी में से दो पर ताला लगा दिया गया है। गुरुग्राम का स्पोर्ट्स हॉस्टल भी बंद पड़ा है। नेहरू स्टेडियम के एस्ट्रोटर्फ पर अब राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी मैच नहीं होते। दो साल से स्पैट के तहत खेल में दिलचस्पी रखने वाले पांच हजार बच्चों के चयन का सिलसिला भी थमा हुआ है। जब खिलाडिय़ों की पौध ही तैयार नहीं होगी तो हरियाणा खेल में प्रतिष्ठा कैसे बरकरार रख पाएगा ?

खिलाड़ी कहते हैं कि इसके विरुद्ध वे इसलिए आवाज नहीं उठाते कि उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। गोपीचंद गहलौत के मुताबिक, 'खेेल के मामले में भाजपा सरकार भी हुड्डा सरकार के नक्‍स-ए-कदम पर चल रही है। खेल संघों पर कब्‍जा करने की होड़ मची है।’ इंडियन नेशनल लोकदल के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला को ओलंपिक संघ से बाहर करने का षंडयंत्र रचा जा रहा है। हालांकि आउटलुक से विशेष बातचीत में इन आरोपों को खारिज करते हुए खेल मंत्री अनिल विज कहते हैं कि, तमाम मसले क्षणिक हैं। जल्द ही खेल की सभी गतिविधियां सामान्य हो जाएंगी।’ नई खेल नीति के तहत सरकार ने प्रत्येक गांव में जिम-मैट का प्रबंध करने और खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करने को 400 कोच भर्ती करने का ऐलान किया था, उसपर अभी तक अमल नहीं हुआ हैै। कभी खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी देने में उदार माने जाने वाले हरियाणा में पिछले दो वर्षों में एक भी खिलाड़ी की सरकारी नौकरी नहीं लगी है।

'जल्द पदक बटोरते दिखेंगे खिलाड़ी’

खेल मंत्री अनिल विज राज्य सरकार की योजनाओं से खुश हैं। वे कहते हैं कि सरकार  ने कई महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए हैं जिससे कि खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित किया जा सके। आउटलुक के लिए उनसे की गई बातचीत के प्रमुख अंश-

'खेल डिपार्टमेंट में जान डालने की कोशिश चल रही है। नई खेल नीति बनाई गई है। खिलाडिय़ों को मिलने वाली इनामी राशि दोगुनी कर दी गई है। साई के तर्ज पर हरियाणा स्पोट्र्स अथॉरिटी और काउंसिल का गठन किया गया है। प्रत्येक जिले, सब-डिवीजन में काउंसिल बनेंगे। बच्चों में खेल के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने को हर जिले में खेलों की बीस-बीस नर्सरियां बनाई जाएंगी, जिसमें बच्चों को स्टाइपेेंड देने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने की खातिर सभी 6500 पंचायतों में योग टीचर रखे जा रहे हैं। बच्चों को पांच खेलों में भी पारंगत किया जाएगा। इस वर्ष एक हजार पंचायतों में यह व्यवस्था होगी। कुश्ती और कबड्डी को बढ़ावा देने की खातिर एक करोड़ रुपये इनामी राशि वाली प्रतियोगिताएं शुरू की गई हैं। खेल संघों की मठाधीशी समाप्त करने की भी पहल हुई है। खिलाडिय़ों को नौकरी देने में कोई परेशानी नहीं। हमारे कार्यकाल में केवल साक्षी मलिक ने ओलंपिक में मेडल लिए हैं। उन्हें उनकी पसंद की एमडीयू में नौकरी की व्यवस्था कर दी गई है। सरकार की तमाम योजनाओं पर अमल प्रारंभ हो गया है। जल्द ही सभी स्तरों पर प्रदेश के खिलाड़ी पदक बटोरते दिखेंगे।’

 

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