ट्रंप की चर्चा तो वैसे हमारे यहां दीवाली पर होती है, जब ताश के पîो फेंटे जाते हैं। जिसके पास होता है ट्रंप, उसकी होती है दुनिया। पर मियां अमेरिका का ट्रंप तो उन्हें दुनिया से ही काट रहा है। इस बार होली के हुरियारों के बीच फंस गए हैं ताया (ताऊ) ट्रंप। वो भी मथुरा-वृंदावन की ल_मार होली में। ताया इसलिए कह रहे हैं कि वह खुद को दुनिया का बिग ब्रदर मानते हैं और हमारे बाबूजी के बिग ब्रदर तो हमारे यहां ताया ही कहलाते हैं। दुनिया को डंडे के दम पर हांकने वाले ताया ट्रंप इस बार सिर पर डंडे पर डंडे खा रहे हैं हमारी ड्रीमगर्ल से। अरे भइया डीमगर्ल आजकल मथुरा के हवाई दौरे पर रहती हैं उसी का असर है कि आजकल उनके गाल लालू के जमाने की तरह सपाट न होकर मथुरा की गलियों की तरह ऊपर-नीचे टाइप यानी झुर्रीदार हो गए हैं।
अरे ये क्या, पहला डंडा पड़ते ही जहां ट्रंप बाबू की निकली आह मथुरा की छोरियों के मुंह से निकला वाह! क्या मजा आ रहा है गुलाबी ट्रंप को लाल-पीला करने में। वैसे ट्रंप बाबू आजकल जहां-जहां मीडिया देखते हैं गुस्से में अपने आप लाल-पीले हो जाते हैं। हुरियारे तो उन्हें बख्शने के मूड में है ही नहीं आजकल। उन्हें भांग घोट-घोट के पिलाने में जुट गए हैं। अरे भाई, ताया ट्रंप को इतनी भांग मत पिलाओ, वह तो बिना पिए ही झूम रहे हैं। भांग का असर इतना चढ़ गया है कि ड्रीमगर्ल में ही उन्हें अपनी प्रतिद्वंद्वी रह चुकी हिलेरी चाची दिख रही हैं। हर बार जब डंडा पड़ता है तो कह बैठते हैं कि डंडा तो हमने चलाया था अपनी जुबान से ऐसा कि पूरे इलेक्शन का नजारा बदल दिया। चाचा ञ्चिलंटन की चालों को चारों खाने चित करने के लिए ऐसी ट्रंप चाल चली कि चाची हिलेरी की तो हार ली और हम मना रहे हैं वृंदावन में लठ्ठमार होली। ल_मार होली ताया ट्रंप की फेवरेट फैंटेसी है, ल_ चलाना उन्हें जुबान से भी आता है और आदेशों से भी। होली के हुरियारों का ल_ तो प्यार में चलता है और चोट जिसे भी लगती है वह हंसता है। यही सीख लो ताया ट्रंप कि प्यार की मार से भी होते हैं काम, जब सबको अपना मानो तो ही होता है देश खुशहाल।
ये क्या इस पर तो ल_ इराकी पर्यटक का पड़ा है। ट्रंप भइया भूल गए थे कि सात मुल्कों के लोग उन्हें ढूंढ़ते-ढूंढ़ते कान्हा की नगरिया जो पहुंच गए हैं। पर इस ल_ के बाद तो ताया ट्रंप मुस्करा रहे हैं। समझदार हैं, उन्हें पता है मुल्क अपना नहीं, तो ल_ भी अपना नहीं। ऐसे में चुपचाप एकाध ल_ खाओ और चलते बनो नहीं तो पता नहीं कब होली के नाम पर उनकी हो जाए जग हंसाई। ये तो अच्छा है कि ताया ट्रंप होली पर ही यहां आए हैं अगर दीवाली पर आते तो चौपड़ के चक्कर में ऐसी ट्रंप लगा बैठते कि सब हार जाते और बन जाते मथुरा में ठन-ठन गोपाल...। होली के मौसम में तो खूब चल रहा है रंग-फुहार लेकिन ताया ट्रंप का दिमाग तो बना रहा है, कैसे करूं सबको अमेरिका से बाहर, इसका प्लान। इसलिए इस बार डालो उन पर ऐसा रंग कि दूर हो जाएं उनके खयाल में आने वाले ऊलजुलूल जवाब।
वैसे भी वृंदावन की होली तो चलती भी लंबी है, ताया ट्रंप की जुबान से भी लंबी। सातों मुल्क जो अमेरिकी ट्रंप का शिकार हुए हैं, वो सात रंगों के साथ इस होली की रंगोली में ताया ट्रंप को रंगों से सरोबार जो कर रहे हैं, ऐसे में ट्रंप तो सिर्फ यही गुनगुना रहे हैं, 'मुझे छेड़ो न बावरिया, रहने दो कुमरिया जाकर अपने देश बसाऊंगा अपनी नगरिया...’ देर शाम ताया ट्रंप जब अपने सूट बूट में बाहर निकले तो उनकी महबूबा व्हाइट हाउस से सीधे पहुंच गई श्याम की नगरिया और लगाई उनकी क्लास। बोली, 'वहां तो सब पर अकड़ दिखाते हो पर यहां पर आकर डंडे खाते हो, अमेरिकी मीडिया ने लाइव दिखाई है तुम्हारी डंडे वाली ठुकाई। जब कूट रही थी तुम्हें न जाने किस-किसकी लुगाई। अगर कुटने का इतना ही शौक था तो बता देते मुझे मैं व्हाइट हाउस में ही मना देती तुम्हारी होली और चाची हिलेरी भी चार-पांच ल_ बजाकर कर देती विश तुम्हें हैप्पी होली।’ इस बार आया ठिकाने ताया ट्रंप का दिमाग। भारतीय रंगों से रंगे ताया ट्रंप बोले, 'अब नहीं खेलूंगा होली, ले चलो मुझे मेरे देश, चुपचाप रहूंगा, नहीं बोलूंगा कड़वी बोली और नहीं छीनूंगा किसी से उसकी खोली...’