नरेन्द्र मोदी सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए हैं। नरेन्द्र मोदी ने ऐसी सरकार बनाई जिसके पास मजबूत जनादेश है। इन तीन सालों में नरेन्द्र मोदी जन भावना, जन समर्थन बरकरार रखने में सफल हुए हैं। प्रचंड बहुमत पाने के बाद सामान्यत: होता यह है कि धीरे-धीरे जनता में नेता के प्रति आकर्षण कम होता जाता है। लेकिन इसके उलट मोदी सरकार के प्रति जनता का समर्थन और विश्वास उनके अलावा पार्टी के लिए भी जारी है।
जिन-जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां यह विश्वास व्यक्त हुआ है। मोदी सरकार की कार्यप्रणाली की वजह से दक्षिण और पूर्व के राज्यों में जहां भाजपा कमजोर रही वहां भी पार्टी को अपनी जमीन बनाने में कामयाबी मिली। इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि 'एक देश एक टैक्स’ के रूप में जीएसटी के लिए सामान्य सहमति बनाना, इसे संघीय व्यवस्था में सभी राज्यों की सहमति प्राप्त करते हुए, लोकसभा और राज्यसभा में पारित करा कर लागू करना भारत के इतिहास में क्रांतिकारी आर्थिक सुधार है। यह देश की अर्थव्यवस्था, टैक्स व्यवस्था, उपभोक्ता और सरकार के लिए उठाया गया प्रगतिशील कदम है।
इन तीन सालों में सरकार का कामकाज, कार्य संस्कृति को सरकार के सुधार और प्रदर्शन के अंतर्गत देख सकते हैं। जैसे, सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर राज्यों में पिछड़े वर्ग के विकास के लिए एक निरीक्षण करने वाली संस्था का निर्माण किया। कांग्रेस ने इसका विरोध किया वहीं कैबिनेट के माध्यम से सरकार की मंशा भी लोगों के सामने पहुंच गई। इस सरकार द्वारा जनधन योजना से लेकर मुद्रा योजना, नेशनल एग्रोमार्केट, फसल बीमा योजना, सबके लिए घर, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, गरीबों के लिए उज्ज्वला योजना जैसी कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस बीच सरकार जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जन औषधि केंद्र चलाने जा रही है जिसके अंतर्गत कम कीमत पर जनता के लिए दवाएं उपलब्ध होंगी।
तीन साल के कम समय में कल्याणकारी राज्य व्यवस्था को इस सरकार ने जिस तरह मजबूत बनाया ऐसा भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ। सरकार जितनी चिंता निवेश, इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर कर रही है उससे अधिक चिंता गरीबों को लेकर कर रही है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसान काफी वर्षों से त्रस्त हैं। देश के किसान अगर खुशहाल नहीं होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव संभव नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकारों से आह्वान किया है। किसानों की बेहतरी के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड और फसल बीमा योजना लागू की गई है। कृषि व्यवस्था में सबसे अहम सिंचाई है और लघु सिंचाई पर सरकार ने ध्यान देना शुरू किया है। सिंचाई कृषि का आधार है इसे बढ़ाने से कृषि विकास दर बढ़ सकती है।
नोटबंदी के दौरान कहा जा रहा था कि आर्थिक विकास दर गिर जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसकी वजह हैं मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां। अब जीएसटी आने के बाद विश्व के अर्थशास्त्री कह रहे हैं कि जीएसटी के कारण इस देश की जीडीपी में दो प्रतिशत तक की वृद्धि होगी। इसका मतलब है, मोदी सरकार लगातार आर्थिक विकास के लिए कदम बढ़ाने वाली सरकार है। मोदी सरकार ने लंबे समय के लिए आर्थिक विकास को सुनिश्चित कर दिया है।
पहले कांग्रेस सरकारों के समय अक्सर राज्यों द्वारा भेदभाव का आरोप लगाया जाता था। अब कोई मुख्यमंत्री ऐसी बात करते नहीं दिखाई देता। अब सरकार पारदर्शी और तय फॉर्मूला के आधार पर राज्यों को संसाधनों का आवंटन करती है। चाहे वह स्मार्ट सिटी की रैंकिंग हो या फिर अन्य बजट। इससे भविष्य के लिए दिशा तय हुई है। इन तीन वर्षों में हमारे देश की साख विश्व में बढ़ी है। प्रधानमंत्री और देश के अन्य मंत्रियों के विश्व दौरों से दूसरे देशों के साथ संवाद बढ़ गया है।
जिन देशों में जाने से अतीत में देश के प्रधानमंत्री बचते रहे हैं, पीएम मोदी वहां भी गए। इसकी वजह से विश्व के अलग-अलग देशों की सरकारें और नीति बनाने वाली व्यवस्थाओं में हमारे देश के प्रति रवैए में व्यापक परिवर्तन आया। बाहर के देशों में भारत के साथ संबंध बनाने की इच्छा और आकर्षण दोनों बढ़ा है। भारत के लिए समर्थन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों एक बड़े देश की भूमिका निभाते हुए सार्क सेटेलाइट छोड़ा गया जिसकी वजह से सार्क देशों को स्वास्थ्य, शिक्षा और कम्युनिकेशन में लाभ मिलेगा। सार्क में पाकिस्तान के अलगाव के बाद भी भारत का संबंध अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार से मजबूत हुआ है।
चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो, चाहे बिजली मुहैया कराने का सवाल, इसमें पारदर्शिता लाई गई है। अब सरकार स्वयं रिपोर्ट पेश करती है। कहां कितने टॉयलेट बन चुके हैं, कहां कितनी सफाई हुई है यह देखा जाता है। इस तरह का प्रतिस्पर्धात्मक माहौल पहले कभी नहीं था। पहले ऐसा विश्वास था कि भ्रष्टाचार कभी समाप्त नहीं हो सकता। लेकिन तीन सालों में सरकार के कामों में पारदर्शिता लाकर सरकार यह भ्रम तोड़ने में सफल रही है। सुरक्षा के संबंध में राजनीतिकरण नहीं करते हुए दृढ़ता का परिचय देने वाली सरकार हर मुद्दे पर मुखर है। चाहे वह नक्सलवाद से लड़ना हो या विदेश प्रेरित उग्रवाद-आतंकवाद से लड़ना हो। देश के सिपाही और पुलिस का हौसला बढ़ाने वाली इस सरकार ने सुरक्षा के संबंध में व्यवहारगत और नीतिगत परिवर्तन किए हैं।
नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सूचना तकनीक का इस्तेमाल कर जिम्मेदारी का परिचय दिया है। ट्विटर पर तुरंत संज्ञान लेने का काम पीएम मोदी, सुषमा स्वराज और सुरेश प्रभु सहित अन्य मंत्रियों ने शुरू किया। ऐसे असंख्य उदाहरण हैं-जब रेलवे से लेकर मिडिल ईस्ट तक, क्रिटिकल नीड से लेकर डेली नीड तक यह सरकार संवेदनशील और जवाबदेह रही है। अभी सूचना तकनीक के जरिए जनता की समस्याओं को सुलझाने के कार्य में व्यापकता आएगी।
(लेखक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं)