छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को भले ही सवा साल बचा हो, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चुनावी गियर में आ गए हैं। सीएम लोक सुराज अभियान के तहत तीन अप्रैल से 20 मई तक जनता से सीधे रूबरू हुए। लोक सुराज अभियान खत्म होने के अगले दिन ही राज्य के 27 में से 17 जिलों के कलेक्टर बदल दिए। चुनावी बिसात बिछाते हुए ये तबादले किए गए। महासमुंद के कलेक्टर उमेश अग्रवाल को दुर्ग जिले का कलेक्टर बनाकर भेजा गया। कुछ महीने पहले इनके खिलाफ महासमुंद के कुछ बीजेपी कार्यकर्ता-पदाधिकारी रमन सिंह के सामने धरने पर बैठ गए थे। उमेश अग्रवाल के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने राज्य के एकमात्र निर्दलीय विधायक डॉ. विमल चोपड़ा पर लगाम लगा रखी थी। पुरस्कार में उन्हें दुर्ग जिले की कलेक्टरी दी गई है। दुर्ग में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय और मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय के बीच तलवार खिंची रहती है।
पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर पी. दयानंद की लोक सुराज अभियान के मंच से आलोचना की थी। वहीं राज्य के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कोरबा में ही उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी। अब सरकार ने उन्हें कोरबा से बड़े बिलासपुर जिले का कलेक्टर बना दिया है। बृजमोहन और ननकीराम दोनों ही रमन सिंह के विरोधी खेमे के माने जाते हैं। सभी कलेक्टरों की पोस्टिंग चुनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है।
इस बार लोक सुराज अभियान के तहत सरकार ने लोगों से जुडऩे के लिए उनकी समस्याएं पूछी। 28 लाख 54 हजार 360 लोगों ने आवेदन किया। इसमें 25 लाख 59 हजार 569 आवेदन ग्रामीण इलाकों से आए। सरकार का कहना है कि 26 लाख 55 हजार 833 आवेदनों में लोगों की समस्याएं हल कर दी गई हैं। जून के दूसरे हफ्ते में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आने वाले हैं। शाह यहां तीन दिन रुकेंगे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि शाह अगले चुनाव और संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से माइक्रो लेवल पर समीक्षा करेंगे।