बॉलीवुड में कई स्टार किड्स अपना जलवा बिखेरने की तैयारी में हैं। अपने जमाने के प्रसिद्ध सितारों के बच्चों को परदे पर देखने के लिए दर्शकों की एक बड़ी जमात पलकें बिछाए है। सभी को इंतजार है कि ये बच्चे अपने माता-पिता की तरह फिल्म उद्योग में सफलता का वह मुकाम हासिल कर पाते हैं या नहीं, जो उनके माता-पिता के खाते में था। बीते जमाने के बहुत से सितारे अपने बच्चों को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने में लगे हुए हैं। यह तो वक्त ही बताएगा कि सितारों की दूसरी पीढ़ी का भविष्य बॉलीवुड में कैसा रहता है।
बॉलीवुड में अब अभिनेता और अभिनेत्रियों की मजबूत और आशावादी रवैये वाली पूरी पीढ़ी दस्तक देने को तैयार है। गाहे-बगाहे सोशल मीडिया पर भी इन लोगों की चर्चा होती रहती है। यह पीढ़ी चकाचौंध भरी फिल्मी दुनिया में बहुत सोच समझ कर कदम रख रही है। इनमें से कुछ बच्चे लॉन्च से पहले ही भविष्य के सुपरस्टार के तौर पर देखे जा रहे हैं। जबकि कुछ कॅरिअर की उड़ान भरने के लिए सही प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान अभिषेक कपूर के निर्देशन में केदारनाथ फिल्म से बॉलीवुड में कदम रख रही हैं। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत उनका साथ देंगे। फिल्मी पार्टी सर्कल में सारा पहले से ही चर्चित हैं। पहले चर्चा थी कि खूबसूरत और प्रतिभाशाली सारा अली खान करन जौहर की फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर के सीक्वेल से अपना कॅरिअर शुरू करेंगी। लेकिन अब वह रॉक ऑन फेम अभिषेक की फिल्म केदारनाथ से जल्दी ही दर्शकों से रूबरू होंगी जिसकी शूटिंग शुरू हो चुकी है।
बीते दौर की एक और सुपरसितारा श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर को लेकर भी इन दिनों बहुत हलचल है। सभी को मौका देने वाले या यूं कहें नए सितारों को तारने वाले करण जौहर इस बार भी अपनी चिरपरिचित मेंटर की भूमिका में हैं। करण जाह्नवी को पहले ही साइन कर चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही हम उन्हें परदे पर देख सकेंगे। संभावना है कि जाह्नवी मराठी ब्लॉकबस्टर फिल्म सैराट के हिंदी रीमेक से बॉलीवुड में शुभारंभ करेंगी। स्टार बच्चों की सूची में ईशान खट्टर का नाम भी है जो बॉलीवुड के चहेते हीरो शाहिद कपूर के सौतेले भाई हैं। ईशान सैराट में जाह्नवी के साथ नजर आएंगे। फिल्म निर्माताओं की नजर चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे पर भी है। निर्माताओं की पसंदीदा नायिकाओं की सूची में उन्होंने भी अपनी जगह बना ली है। अठारह साल की खूबसूरत अनन्या फिलहाल अभिनय का प्रशिक्षण ले रही हैं। खबरें हैं कि उन्हें कोई और नहीं बल्कि अनन्या के पिता के अच्छे दोस्त सलमान खान मौका दे सकते हैं। करण जौहर की तरह सलमान खान को भी परिवार के सदस्यों और दोस्तों को लॉन्च करने के लिए जाना जाता है। 2010 में सलमान खान शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी को दबंग फिल्म में सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुके हैं। आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली और सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी को भी वह हीरो (2015) फिल्म के जरिए मौका दे चुके हैं। हीरो 1983 में आई सुभाष घई की सुपरहिट फिल्म का इसी नाम से रीमेक थी। अथिया के भाई आहन शेट्टी भी जल्द ही फिल्मों में दिखाई देंगे। संभावनाएं तो यही कहती हैं कि जल्द ही निर्माता साजिद नाडियादवाला उन्हें लॉन्च करेंगे। नाडियादवाला ने आहन के पिता सुनील शेट्टी को भी 1990 के दौरान बड़ा ब्रेक दिया था। इससे पहले साजिद जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ को 2014 में अपनी फिल्म हीरोपंती में ब्रेक दे चुके हैं।
इस कतार में कई और सितारों के बच्चे हैं जो अपने माता-पिता के नक्शे-कदम पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। गोविंदा के बेटे यशवर्द्धन, विनोद मेहरा के बेटे रोहन मेहरा, विनोद खन्ना के बेटे साक्षी खन्ना, भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु दासानी और मोहनिश बहल की बेटी प्रनूतन स्टारडम की दौड़ में शामिल होने के लिए तैयार हैं। लेकिन इनमें से एक उभरता युवा सितारा ऐसा भी है जो हर दिन खबरों में रहता है। सनी देओल के बेटे, सदाबहार अभिनेता धर्मेंद्र के पोते करण देओल भी जल्द ही रुपहले परदे पर दिखेंगे। देओल परिवार की तीसरी पीढ़ी के करन ने पल पल दिल के पास फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है। उनके लिए लॉन्चिंग पैड का इंतजाम उनके पिता ने ही किया है। करन इस मायने में भी भाग्यशाली हैं कि वह अपने जीवन का पहला शॉट देते, उससे पहले ही हो सकता है वह दूसरा प्रोजेक्ट साइन कर लें।
बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान के दोनों बच्चों आर्यन, सुहाना खान तथा अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली पर भी सभी की निगाहें हैं। यह अलग बात है कि सभी बच्चे सोशल मीडिया पर खासे जलवा अफरोज रहते हैं। हालांकि फिल्मों की शुरुआत के लिए ये अभी थोड़े छोटे हैं लेकिन निर्माताओं की नजर में ये बच्चे अभी से 'फायदेमंद संभावना’ हैं। सुहाना के अभिनय की तारीफ प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आजमी पहले ही कर चुकी हैं। शबाना आजमी ने सुहाना के स्कूल में हुए एक नाटक का वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर देखने के बाद उनकी तारीफ की थी। लेकिन क्या ये सभी नए बच्चे वाकई स्टारडम के लिए बने हैं।
क्या परिवार के संबंधों का इन बच्चों को फायदा मिलेगा? इस पर फिल्म काराबोर विशेषज्ञ अतुल मोहन का कहना है, 'यह जरूरी नहीं है। उम्मीद की जा सकती है लेकिन जब तक वे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा देते तब तक कुछ नहीं कह सकते।’
कंप्लीट सिनेमा पत्रिका के संपादक इस ओर ध्यान दिलाते हैं कि पहले भी कई सितारों के बेटे-बेटियां फिल्म लाइन में आए और हाई प्रोफाइल लॉन्चिंग के बाद भी गायब हो गए। 'हमें इंतजार करना होगा कि कौन सा शुक्रवार (इस दिन फिल्में प्रदर्शित होती हैं) उन्हें स्टारडम देगा।’ मोहन का मानना है कि बाहर से आए कलाकारों के मुकाबले सितारों के बच्चों को सिर्फ यही फायदा होता है कि उनकी पहली फिल्म को बढ़िया मीडिया कवरेज मिल जाता है। 'जब भी किसी सितारे का बेटा या बेटी फिल्मी परिदृश्य में कदम रखता है तो उत्सुकता बनी रहती है, लेकिन अंतत: उसका भाग्य और आगे की संभावनाएं फिल्म से ही तय होती हैं।’ कुछ सितारों के बच्चे, उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो बड़े फिल्मी घरानों से आए और दर्शकों का दिल न जीतने के चलते गुमनामी में चले गए।
नाकाम होने वाले सितारों के बच्चों में राज कपूर के बेटे राजीव कपूर, देव आनंद के बेटे सुनील आनंद, राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव, मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी जैसे कई असफल बच्चों के उदाहरण हैं। इनमें कई ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी शुरुआत शानदार की। उनकी पहली या दूसरी फिल्म ब्लॉकबस्टर रही लेकिन वे अपनी सफलता को कायम नहीं रख पाए। फिल्मों पर लिखने वाले और कई नए सितारों को प्रमोट करने के कार्यक्रमों का हिस्सा रहे शशिकांत सिंह कहते हैं, 'किसी भी सितारे के बच्चे के लिए धूमधाम से की गई शुरुआत कॅरिअर में सफलता सुनिश्चित नहीं करती। अभिषेक बच्चन को ही देख लीजिए। वे अपने पिता की कामयाबी का अनुसरण नहीं कर पाए।’ सिंह का कहना है कि किसी भी फिल्म में स्क्रिप्ट मायने रखती है। वह कहते हैं, 'शोर-शराबे के साथ किसी सितारे के बच्चे को लॉन्च कर उसमें रुचि तो पैदा की जा सकती है लेकिन अच्छी स्क्रिप्ट के बिना फिल्म नहीं चलाई जा सकती। जैसे, बाहुबली श्रृंखला की फिल्म (2015-17) को ऐसी और इतनी ही सफलता मिलती। प्रभास इसमें अभिनय न कर रहे होते तब भी।’
पिछले साल अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्द्धन को राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मिर्जिया में बहुत पब्लिसिटी के साथ लॉन्च किया लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई। बॉलीवुड विश्लेषक नितिन एन. सेठी कहते हैं कि अच्छी स्क्रिप्ट मिले तो कोई भी अभिनेता बेहतर काम कर सकता है। अच्छी स्क्रिप्ट या अच्छा निर्देशक न मिले तो नया अभिनेता क्या कर सकता है? अनिल कपूर के बेटे ने अपनी पहली फिल्म में दर्शकों को प्रभावित करने की ईमानदार कोशिश की लेकिन व्यावसायिक विफलता के कारण उन पर किसी का ध्यान ही नहीं है। बॉलीवुड में बॉक्स ऑफिस कलाकारों के भविष्य और उनका काम परखने की कसौटी है। ग्लैमशैम डॉट कॉम के संस्थापक सेठी कहते हैं, 'अभिनेता दरअसल निर्देशकों के अभिनेता होते हैं। कैमरे के सामने रोने का सीन देते वक्त धर्मेन्द्र अपना चेहरा छुपा लिया करते थे। यह उनकी अभिनय सीमा थी। बावजूद इसके उन्होंने शोले (1975) सहित कई तूफानी हिट फिल्में दीं। क्योंकि उनकी फिल्मों का संपूर्ण कहन और कथन शानदार होता था। यदि नए कलाकारों को मैंने प्यार किया (1989) जैसी अच्छी पटकथा मिलेगी तो वे उत्कृष्ट देंगे ही। आखिरकार सलमान खान जैसे बड़े सितारे की फिल्म जय हो (2014) कमजोर स्क्रिप्ट के चलते फ्लॉप हो गई थी।’ सेठी कहते हैं, 'सारा काफी ग्लैमरस हैं जबकि अपनी मां की झलक लिए जाह्नवी को थोड़ा 'पॉलिश’ करने की जरूरत है। करन देओल पता नहीं कैमरे के आगे कैसा परफार्म करेंगे।’
फिल्म उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा समय में स्टार बच्चों के मुकाबले बाहर से आए लोग ज्यादा अच्छा काम कर रहे हैं। सेठी कहते हैं, 'रणवीर सिंह को देखिए, बंदा इंडस्ट्री के बाहर से आया है लेकिन वह वाकई लंबी रेस का घोड़ा है। हालांकि अभी उसे ऊंचाई पर पहुंचना बाकी है लेकिन वह फिल्मी परिवारों के बच्चों को चुनौती दे रहा है। उसने जो भी हासिल किया है अपने दम पर हासिल किया है। बिलकुल कीर्ति सैनन की तरह। फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि सभी सितारों के बच्चे प्रतिभाहीन हैं। उनमें से कुछ जैसे, रणबीर कपूर, करीना कपूर, सोनाक्षी सिन्हा और ऋतिक रोशन ने समय के साथ अपने आपको साबित किया है, पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण नहीं काबिलियत के बल पर। ऐसे उदाहरण नए आने वाले कलाकारों में आत्मविश्वास पैदा करते हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रतिभा का कोई विकल्प नहीं होता। यह अलग बात है कि फिल्म उद्योग प्रतिभा की कीमत पर सार्वजनिक रूप से पूरी बेशर्मी के साथ कुनबापरस्ती करता रहता है।