देशभर को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश देने वाले हरियाणा में बेटियों की सुरक्षा खतरे में है। बेटियों से दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के तेजी से बढ़ते मामलों ने इस सूबे की साख को राख कर दिया है। सरकार बेसुध सोई है। जनवरी के दूसरे हफ्ते में ही दुष्कर्म की एक के बाद एक लगातार छह घटनाओं ने सवाल खड़े किए हैं कि सूबे की कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति में महिलाएं कतई सुरक्षित नहीं हैं।
14 जनवरी को जब हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार 1000 पुरुषों के अनुपात में 914 महिलाएं होने का जश्न मना रही थी, उसी दिन चार अलग-अलग जगहों पर निर्भया जैसे कांडों की पुनरावृत्ति दुखद है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी.एस. संधू ने कहा, “नाबालिग लड़कियों से रेप करने वाले दोषियों को कम से कम 15 साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए। जल्द इसका प्रस्ताव सरकार को दिया जाएगा।”
एक हफ्ते में जींद, फरीदाबाद, पिंजोर, पानीपत, हिसार से लेकर रोहतक तक बच्चियों से लेकर महिलाओं के साथ दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के बावजूद सरकार सचेत नहीं हुई है। इन घटनाओं के खिलाफ राज्य में ही नहीं बल्कि दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के सामने भी प्रदर्शन किए गए।
सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल ऐंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (क्रिड) के समाजशास्त्री डॉ. एसएस सांगवान के मुताबिक ऐसी घटनाएं केवल कानून-व्यवस्था का मसला नहीं हैं बल्कि यह हरियाणा में एक ऐसी सामाजिक विद्रूपता है जिसमें एक वर्ग पैदा होने से पहले और पैदा होने के बाद हर क्षण खतरे में है। इस परिप्रेक्ष्य में यौन उत्पीड़न पर मुख्यमंत्री के उस दृष्टिकोण का जिक्र जरूरी है जो उन्होंने पद संभालने से पहले 2014 में अपने निवार्चन क्षेत्र करनाल की एक चुनावी रैली के दौरान जाहिर किया था। उन्होंने कहा था “कोई लड़की शालीन कपड़े पहनेगी तो कोई लड़का उसे बुरी नजर से नहीं देखेगा। आप (लड़कियां) आजादी चाहती हो तो नंगेपन के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हो? आजादी सीमित होनी चाहिए। तन पर कम कपड़े पश्चिम का प्रभाव है। हमारे देश की परंपरा लड़िकयों से शालीन कपड़े पहनने की अपेक्षा करती है।”
1090 हेल्पलाइन शुरू करेंगे: मुख्यमंत्री
सीएम मनोहर लाल ने इन घटनाओं के बाद कहा कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे, जल्द काबू कर लिए जाएंगे। ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए हर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से मैं बहुत आहत हूं। पुलिस ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। आईजी स्तर के बहुत से अफसरों में फेरबदल किया जा रहा है। विपक्षी दल कम से कम ऐसी घटनाओं पर तो राजनीति करने से बाज आएं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 हेल्पलाइन नंबर जल्द शुरू करने जा रहे हैं।
सीएम को पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहींः हुड्डा
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा अब बहू-बेटियों के रहने लायक नहीं रहा। जिस तरह से हफ्तेभर में ही गैंग रेप की दर्जनभर घटनाएं हुई हैं, नैतिकता के आधार पर सीएम मनोहर लाल खट्टर और डीजीपी को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। पुलिस के दुर्गा शक्ति अभियान की भी पोल खुल गई है। सीएम अपनी कुर्सी और पुलिस सिर्फ अपनी खाल बचाने की कोशिश कर रही है।
हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा का कहना है, “मुख्यमंत्री खट्टर ने लोगों की रक्षा की शपथ ली है। बलात्कार की बढ़ती घटनाओं का समाज के बड़े तबके पर असर यह है कि उनके जीने का अधिकार, आजादी और मानवता के मूल्यों की रक्षा करने में बतौर प्रशासनिक प्रमुख सीएम असफल रहे हैं। संविधान ने महिलाओं को सुरक्षा का अधिकार दिया है। जाहिर है, बलात्कार और हत्या की घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
सात दिन में 13 गैंगरेप
13 में से रेप की पांच घटनाएं फरीदाबाद में छह दिनों में हुईं। इनमें से तीन एक ही दिन की हैं।
-13 जनवरी: ओल्ड फरीदाबाद थाना इलाके में रेप की घटना, दो गिरफ्तारी
-13 जनवरी: 14 साल की नाबालिग बनी शिकार, एक गिरफ्तारी
-13 जनवरी: नौकरी मांगने गई महिला से सेक्टर 37 के मॉल में रेप। गिरफ्तारी नहीं
-16 जनवरी: पति को बंधक बना घर में पत्नी का रेप, कोई गिरफ्तारी नहीं
-18 जनवरी: सोहना रोड पर नाबालिग से गैंग रेप, कोई गिरफ्तारी नहीं