Advertisement

जनादेश 2022/उपचुनाव: सबको मिला कुछ न कुछ

एक लोकसभा और छह विधानसभा उपचुनावों में मिश्रित नतीजे
डिंपल यादव : बचा लिया पार्टी का गढ़

बीते 8 दिसंबर को एक लोकसभा और छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के परिणाम भी आए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से मैनपुरी लोकसभा की सीट खाली हो गई थी। इस पर समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव की 2.8 लाख से ज्यादा मतों के भारी अंतर से जीत हुई है। भारतीय जनता पार्टी के रघुराज सिंह शाक्य को मिले 34.18 प्रतिशत वोटों के मुकाबले उन्हें 64.08 प्रतिशत वोट मिले हैं। रघुराज सिंह अपना ही बूथ नहीं बचा पाए। इस जीत को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने पिता को श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित किया है।

उत्तर प्रदेश की दो विधानभाओं खतौली और रामपुर में भी उपचुनाव हुए थे। खतौली में राष्ट्रीय लोक दल के मदन भैया की जीत हुई है। रामपुर की सीट सपा नहीं बचा पाई। रामपुर में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी असीम रजा को भारी मतों से हरा कर विजयी हुए हैं। खतौली सीट पर भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी की विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने के कारण उपचुनाव करवाना पड़ा था। मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में 11 अक्टूबर 2022 को मुजफ्फरनगर की स्पेशल कोर्ट ने विक्रम सैनी को दंगों का दोषी पाया था। उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इसी कारण से 4 नवंबर को उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। मदन भैया के खिलाफ विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी भाजपा से खड़ी थीं जबकि कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार यहां नहीं उतारे थे।

रामपुर विधानसभा सीट पर सपा के आजम खान विधायक थे, लेकिन 2019 में नफरत भरे भाषण एक मामले में एक कोर्ट की ओर से दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई थी। रामपुर को आजम खान का गढ़ माना जाता है। लिहाजा भाजपा के लिए यह जीत अहम मानी जा रही है।

बाकी चार विधानसभाएं जहां पर उपचुनाव हुए हैं उनमें एक-एक सीट ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और राजस्थान की थी। बिहार के कुढ़नी विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता की जीत हुई है। उन्होंने जेडीयू के प्रत्याशी मनोज कुशवाहा को दो प्रतिशत यानी 3645 वोटों के मामूली अंतर से हरा दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कुशवाहा 12000 वोटों के अंतर से हारे थे। मनोज कुशवाहा को मुजफ्फरपुर से जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह का करीबी माना जाता है। दिनेश सिंह की पत्नी वीना देवी वैशाली से लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) की सांसद हैं। माना जा रहा  है कि दिनेश सिंह से लोगों के असंतोष का नतीजा मनोज कुशवाहा को झेलना पड़ा।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर सीट कांग्रेस के खाते में गई है। यहां सावित्री मनोज मंडावी ने भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम को बीस हजार से ज्यादा मतों से हराया है। सावित्री मंडावी पूर्व विधायक मनोज मंडावी की पत्नी हैं, जिनके अक्टूबर में हुए निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी।

ओडिशा में बरगढ़ की पदमपुर सीट पर नाक की लड़ाई में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल की प्रत्याशी बर्षा सिंह बरिहा ने भाजपा के पूर्व विधायक प्रदीप पुरोहित को बीस प्रतिशत से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया है। यहां तीन बार के कांग्रेसी विधायक रहे सत्य भूषण साहू की जमानत जब्त हो गई, हालांकि वे तीसरे स्थान पर रहे। राजस्थान के सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल कुमार शर्मा ने भाजपा के अशोक कुमार को करीब पचीस हजार के अंतर से मात दी है। अनिल कुमार शर्मा कांग्रेस के विधायक रहे भंवर लाल शर्मा के पुत्र हैं जिनकी लंबी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर को हुई मौत से यह सीट खाली हो गई थी।

मैनपुरी उपचुनाव के अंतिम नतीजे आने से पहले ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सैफई में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी के विलय की घोषणा कर डाली। मैनपुरी उपचुनाव में शिवपाल ने डिंपल यादव के लिए वोट मांगे थे।

Advertisement
Advertisement
Advertisement