हाल के दौर में दुनिया भर में किताबों पर आधारित फिल्मों और धारावाहिकों का चलन बढ़ा है। यूं तो चर्चित किताबों और कहानियों पर हमेशा ही फिल्में बनाई जाती रही हैं, मगर इन दिनों किताबों पर बन रही फिल्मों के पीछे नए और ताजा कथानक की कमी दिखाई देती है, साथ ही कमाई की खातिर विवादास्पद विषयों को उठाने का चलन भी बढ़ा है। इस सिलसिले में थ्रिलर तथा अपराध कथाओं को फिल्माने का चलन भी तेज हुआ है। एक वजह तो यह है कि पहले से ही चर्चित किताबों पर बनी फिल्में दर्शकों को आसानी से खींचती हैं। दूसरी वजह यह है कि बनी-बनाई कहानी मिल जाती है जिस पर बहुत माथापच्ची नहीं करनी पड़ती है। कोरोना के बाद जिस तरह नई कहानियों का इंडस्ट्री में टोटा पड़ा है और सिनेमाघरों में आ रही फिल्में पिट जा रही हैं, फिल्मकार अब कहानी लिखवाने पर खर्च करने के बजाय रेडिमेड माल की खोज में हैं। ऐसे में किताबों पर बनी अपराध कथा, रोमांच कथा, जासूसी कथाएं ज्यादा दर्शक खींच रही हैं। आजकल विक्की कौशल अभिनीत छावा सुर्खियों में है। मराठी के प्रसिद्ध लेखक शिवाजी सावंत के उपन्यास छावा पर आधारित फिल्म में संभाजी महाराज का जीवन, संघर्ष और वीरता दिखाई गई है। इसी साल एक और कमाल की सीरीज आई है जिसका नाम ब्लैक वॉरंट है। यह वेब सीरीज एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर सुनील कुमार गुप्ता और पत्रकार सुनेत्रा चौधरी की लिखी किताब ब्लैक वॉरंट: कन्फेशंस ऑफ ए तिहाड़ जेलर पर आधारित है। सीरीज में पहली बार जेहान कपूर परदे पर आए हैं, जो शशि कपूर के पोते हैं।
द नाइट मैनेजर
इसी साल विनीत कुमार सिंह, अनुजा साठे और मनोज जोशी की मुख्य भूमिका से सजी मैच फिक्सिंग नाम की फिल्म भी रिलीज हुई, जो पूर्व आर्मी इंटेलिजेंस ऑफिसर कर्नल कंवर खटाना की किताब द गेम बिहाइंड सैफ्रन टेरर पर आधारित है। यह फिल्म मालेगांव ब्लास्ट, कर्नल पुरोहित, अभिनव भारत, साध्वी प्रज्ञा और मुंबई हमले पर फोकस करती है। इस साल जनवरी में सत्यजीत राय की लिखी बंगाली लघुकथा गल्पो बोलिए तारिणी पर आधारित फिल्म द स्टोरीटेलर रिलीज हुई। फरवरी के अंत में रिलीज हुई वेब सीरीज क्राइम बीट दिग्गज निर्देशक सुधीर मिश्रा के सह-निर्देशन में बनी है। इसकी कहानी सोमनाथ बताब्याल की किताब द प्राइस यू पे पर आधारित है। यह दिल्ली के पत्रकारों, पुलिसकर्मियों और अपराध जगत के बीच मौजूद जटिल समीकरणों को उजागर करती है।
गांधी-गोडसे एक युद्ध
वर्ष 2023, 2024 और 2025 कई चुनिंदा किताबों पर आधारित फिल्मों और वेब सीरीजों के नाम रहा। 2023 की शुरुआत प्रसिद्ध लेखक और नाटककार असगर वजाहत के नाटक गोडसे@गांधी.कॉम पर आधारित फिल्म से हुई। गांधी-गोडसे एक युद्ध नाम से आई इस सीरीज को लेकर बहुत विवाद हुए। इसमें उठाए गए प्रश्नों की वजह से यह फिल्म असाधारण बन गई थी। नाथूराम गोडसे और गांधी के बीच संवाद के माध्यम से अखंड भारत का मुद्दा, अखंड भारत की परिकल्पना, भारत की बहुलतावादी संस्कृति, सांप्रदायिकता, भारत विभाजन जैसे तमाम विषयों पर यह फिल्म बात करती है।
इसी साल एक और फिल्म आई जो एक ऐतिहासिक विषय पर लिखे उपन्यास पर आधारित थी। तमिल के विख्यात लेखक कल्कि कृष्णमूर्ति के लिखे प्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित मणि रत्नम ने पोन्नियिन सेल्वन नाम से दो भागों में फिल्म बनाई जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। तमिल की प्रसिद्ध पत्रिका कल्कि में पोन्नियन सेल्वन की कथा धारावाहिक रूप में छपना शुरू हुई थी। पहली ही किस्त से पाठकों में इस धारावाहिक के प्रति अलग ही दीवानगी देखने को मिली। यह उपन्यास साढ़े तीन साल तक लगातार धारावाहिक रूप में छपा और पसंद किया गया। वह करीब ढाई हजार पन्नों का तमिल का सबसे बड़ा उपन्यास था। किताब के रूप में भी इसे तीन किस्तों में छापा गया।
स्कूप
फिल्म में चोल साम्राज्य की राजनीति, सत्ता संघर्ष, राजसी प्रेम और धोखे की गाथा थी, जो आदित्य करिकालन, पोन्नियन सेल्वन और वंदियत्थेवन जैसे पात्रों के माध्यम से चोल साम्राज्य के उत्कर्ष और उसके भीतर छिपी साजिशों को उजागर करती है। फिल्म का पहला भाग 2022 में रिलीज हुआ था।
किताब पर बनी फिल्मों की सूची में द वैक्सीन वॉर ने भी अपना नाम दर्ज किया। लेखक-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव की किताब गोइंग वायरल- मेकिंग ऑफ कोवैक्सिन: द इनसाइड स्टोरी पर आधारित थी। यह फिल्म उन भारतीय वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत को उजागर करती है जिन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए दिन-रात कोशिश कर स्वदेशी वैक्सीन विकसित की।
नेटफ्लिक्स पर आई वेबसीरीज जाने जां को भी खूब दर्शक मिले। जापानी उपन्यास द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट एक्स थ्रिलर था और सुजॉय घोष ने इसका भारतीयकरण कर खूबसूरती से इसे परदे पर उतारा। कीगो हिगाशिनो के इस उपन्यास में एक जासूस की कहानी है। इस रोमांचक कहानी में करीना कपूर, जयदीप अहलावत और विजय वर्मा ने जान डाल दी थी। इसी फिल्म से करीना कपूर ने ओटीटी की दुनिया में प्रवेश किया है।
द वैक्सीन वॉर
इसी तरह खुफिया ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा। फिल्म की कहानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के काउंटर एस्पियनेज यूनिट के पूर्व प्रमुख अमर भूषण के जासूसी उपन्यास एस्केप टु नोव्हेयर पर आधारित थी। अमर भूषण के जीवन की सच्ची कहानी पर आधारित इस उपन्यास को हालांकि काल्पनिक बताया गया, लेकिन लेखक-निर्देशक विशाल भारद्वाज ने बेहतरीन तरीके से इसे फिल्माया था। अमर भूषण बीएसएफ के खुफिया एजेंट, स्टेट स्पेशल ब्रांच और इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी काम कर चुके हैं। कहानी के साथ-साथ इस फिल्म के कलाकारों की अदाकारी की भी खूब चर्चा हुई थी। विशेष रूप से तब्बू और वामिका गब्बी की शानदार एक्टिंग ने दर्शकों को बांधे रखा।
यह सच है कि थ्रिलर फिल्मों का अपना अलग दर्शक वर्ग होता है लेकन सामाजिक फिल्मों के दर्शकों की भी कोई कमी नहीं रहती है। अनुराग पाठक के बेस्टसेलर उपन्यास 12वीं फेल पर इसी नाम से फिल्म बनी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। 2005 बैच के मुंबई में तैनात सहायक पुलिस आयुक्त मनोज कुमार शर्मा की कहानी को विधु विनोद चोपड़ा ने जीवंत कर दिया। विक्रांस मैसी को इस फिल्म ने अलग पहचान दी। 2023 के जाते-जाते एक और फिल्म आई जो किताब पर आधारित थी, लेकिन यह फिल्म उतना असर नहीं डाल पाई जितनी अच्छी किताब थी। राजा कृष्ण मेनन ने ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर को लेकर पिप्पा बनाई लेकिन यह खास असर नहीं डाल पाई। यह फिल्म सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की किताब द बर्निंग चैफीज पर आधारित थी। यह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की कहानी है।
ब्रिटिश लेखक जॉन ले कैरे के जासूसी उपन्यास द नाइट मैनेजर पर आधारित इसी नाम से ओटीटी पर आई एक सीरीज ने खूब धूम मचाई थी। हथियार डीलर की इस कहानी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। इस उपन्यास पर सबसे पहले 2016 में ब्रिटेन में एक शो बना था। इसकी प्रसिद्धि ऐसी हुई कि उसके बाद दुनिया भर में कई भाषाओं में इस सीरीज को बनाया गया।
जिग्ना वोरा की लिखी किताब बिहाइंड बार्स इन भायखलाः माइ डेज इन प्रिजन पर निर्देशक हंसल मेहता ने वेब सीरीज बनाई स्कूप। हंसल का कुशल निर्देशन और जागृति पाठक के किरदार में करिश्मा तन्ना ने कमाल कर दिया था। इसी तरह स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी ने भी खूब धूम मचाई। टीवी पत्रकार संजय सिंह की चर्चित किताब तेलगी स्कैम- एक रिपोर्टर की डायरी पर बनी वेब सीरीज जालसाज अब्दुल करीम की जिंदगी पर आधारित थी, जो फर्जी सरकारी स्टॉम्प पेपर छापता था। इसे भी हंसल मेहता ने ही बनाया था।
द फ्रीलांसर वेब सीरीज भी किताब पर आधारित थी। क्राइम और थ्रिलर को पसंद करने वालों के लिए यह किसी सौगात से कम नहीं थी। द फ्रीलांसर लेखक शिरीष थोराट की किताब ए टिकट टू सीरिया पर आधारित है। इसका निर्देशन भाव धूलिया ने किया था। यह युद्ध से प्रभावित सीरिया में जबरदस्ती पकड़कर रखी गई युवा लड़की के बचाव अभियान की कहानी है। 2023 में ही किताब पर आधारित इस साल की पांचवीं वेब सीरीज बंबई मेरी जान आई। शुजात सौदागर के निर्देशन में बनी यह वेब सीरीज मशहूर पत्रकार और क्राइम राइटर एस हुसैन जैदी ने लिखी किताब पर आधारित है। निर्माताओं का दावा था कि इसकी कहानी काल्पनिक है, लेकिन देखने वाले जान जाते हैं कि यह जैदी की किताब डोंगरी टु दुबई से प्रेरित है। कहानी 1970 के दशक की है जब कहा जाता था कि मुंबई (तब बंबई) पर सरकार से ज्यादा अंडरवर्ल्ड का राज चलता था।
2023 के समाप्त होने से पहले एक वेब सीरीज रिलीज हुई चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलंग वैली। यह सीरीज अपराध कथाओं को रचने में माहिर अगाथा क्रिस्टी के जासूसी उपन्यास द सिटाफोर्ड मिस्ट्री पर आधारित है। इस सीरीज का निर्देशन और सह-निर्माण राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज ने किया था।
किसी भी महान साहित्यिक कृति को पर्दे पर उतारना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। बॉलीवुड में थ्रिलर विधा के महारथी श्रीराम राघवन ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार किया बल्कि अपनी निर्देशन प्रतिभा से मेरी क्रिसमस फिल्म को बेमिसाल रूप दिया। फिल्म ने न केवल अपने मूल उपन्यास की गहराई को जीवंत किया, बल्कि उसे नई ऊंचाई तक पहुंचाया। मेरी क्रिसमस लोकप्रिय फ्रांसिसी लेखक फ्रेडरिक दा के लिखे उपन्यास ला मोंटे चार्ज पर आधारित है। फिल्म की बारीकियों और इसके रहस्यात्मक पहलुओं ने सिनेमा की समझ रखने वाले दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। अनुजा चौहान की किताब क्लब यू टू डेथ पर आधारित होमी अदजानिया के निर्देशन में बनी फिल्म मर्डर मुबारक दिल्ली के मशहूर द रॉयल क्लब में हुई एक हत्या के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में एसीपी भवानी सिंह की भूमिका में पंकज त्रिपाठी का अभिनय कमाल का है।
मशहूर लेखक जेरी पिंटो के चर्चित उपन्यास मर्डर इन माहिम पर आधारित आठ एपिसोड की वेब सीरीज भी दर्शकों की पसंद की सूची में अव्वल रही। विजय राज और आशुतोष राणा का दमदार अभिनय देखने लायक है।
(स्वतंत्र लेखक, साहित्य, सिनेमा और घुमक्कड़ी में दिलचस्पी।)