भारत और हरियाणा का छोरा तो कमाल पर कमाल किए जा रहा है। नाम है नीरज चोपड़ा। अपने भाले से कामयाबी की नई बुलंदियों को चूमना 25 बरस के नीरज चोपड़ा की मानो आदत ही बन गई है। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में रविवार रात नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक फाइनल में दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर दूर भाला फेंक कर नए विश्व चैंपियन बन गए हैं। भाला फेंक के नए सिकंदर भारत के नीरज को उनकी इस सुनहरी कामयाबी के लिए दुनिया और देश का सलाम। नीरज भाला फेंक में अब विश्व चैंपियन, ओलंपिक चैंपियन, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले दुनिया के विरले एथलीटों में से एक हैं। नीरज विश्व एथलेटिक्स के इतिहास के चार दशकों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट हैं।
हरियाणा के पानीपत शहर से आकर जूनियर जेवलिन थ्रोअर के रूप में नीरज ने जो संभावनाएं जगाई थीं, उसे ओलंपिक के बाद विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर सीनियर वर्ग में भी साकार किया है। नीरज तीसरी बार विश्व एथलेटिक्स में उतरे और 2022 के पिछले संस्करण के अपने रजत पदक के रंग को और चमकदार करके बुडापेस्ट में सुनहरे तमगे में तब्दील कर दिया। नीरज 2022 में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में एंडरसन पीटर्स से पिछड़ गए थे। लेकिन बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स की सुनहरी कामयाबी ने उनके 2017 में पहली बार इसमें शिरकत के दौरान फाइनल में न पहुंच पाने की नाकामी के दर्द को पूरी तरह भुला दिया। नीरज ने हालांकि विश्व एथलेटिक्स क्वॉलिफाइंग दौर में 88.77 मीटर दूर भाला फेंका था, जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा और इसी की बदौलत उन्होंने फाइनल और अगले साल पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई भी कर लिया। इसी का नतीजा था कि नीरज विश्व एथलेटिक्स के फाइनल में सहजता से स्वर्ण जीत करके तिरंगा लहरा भारत का गौरव बढ़ाने में कामयाब रहे।
बेशक, दुनिया के नंबर एक जेवलिन थ्रोअर नीरज को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के अरशद नदीम (87.82 मीटर) ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में अंतिम थ्रो तक टक्कर दी लेकिन वे रजत पदक ही हासिल कर पाए। नदीम को छठे और आखिरी थ्रो में नीरज को पीछे छोड़ने के लिए 88.17 मीटर दूर भाला फेंकना था लेकिन उनका भाला 81.86 मीटर की दूरी ही नाप पाया। नीरज के पास अंतिम थ्रो में 90 मीटर दूर भाला फेंकने का मौका था लेकिन वे 83.98 मीटर ही फेंक पाए। चेक गणराज्य के याकूब वालेस (86.67 मीटर) को तीसरे स्थान पर रहकर कांसे से ही संतोष करना पड़ा। नीरज की सुनहरी कामयाबी का ही असर है कि भारत के दो नौजवान जेवलिन थ्रोअर किशोर जेना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके विश्व एथलेटिक्स में 84.77 मीटर के थ्रो के साथ पांचवें और डीपी मनु (84.14 मीटर) छठे स्थान पर रहे।
विश्व एथलेटिक्स फाइनल के इतिहास में यह पहला मौका था जब स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा सहित शीर्ष छह में तीन भारतीय रहे। अब अगले महीने हांगजू (चीन) में होने वाले एशियाई खेलों में बेशक भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के बीच स्वर्ण के लिए सबसे रोचक संघर्ष की उम्मीद दोनों मुल्कों के खेल-प्रेमियों को रहेगी। नीरज के लिए बड़े गौरव की बात है कि भारत ने विश्व एथलेटिक्स में अब तक जो तीन पदक जीते हैं उनमें दो- एक स्वर्ण और एक रजत -उनके नाम हैं, जबकि भारत को अब तक एकमात्र कांसा 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में दिलाया था।
एशिया के लिए बड़े फख्र की बात है कि अब भाला फेंक में विश्व एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम यूरोपीय और अमेरिकी जेवलिन थ्रोअरों को पीछे छोड़ चुके हैं। नीरज चोपड़ा और नदीम की कामयाबी से अब दुनिया में जेवलिन थ्रो में एशिया बड़ी ताकत बन कर उभर रहा है।
नीरज चोपड़ा ओलंपिक और विश्व एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले दुनिया के तीसरे जेवलिन थ्रोअर बन गए हैं। उनसे पहले चेक गणराज्य के जॉन जेलेज्नी और नार्वे के आंद्रियाज यह कारनामा कर चुके हैं। जेलेज्नी ने 1992, 1996 , 2000 में भाला फेंक में स्वर्ण जीतने के साथ 1993, 1995 और 2001 में विश्व एथलेटिक्स में खिताब जीते थे। आंद्रियाज ने 2008 में ओलंपिक और 2009 में विश्व एथलेटिक्स में ऐसी सुनहरी कामयाबी हासिल की थी। नीरज चोपड़ा ने 2018 के एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के साथ टोक्यो ओलंपिक और विश्व एथलेटिक्स में स्वर्ण जीतकर चार डायमंड लीग खिताब और 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में सुनहरा तमगा अपने नाम किया। नीरज भारत के हर नए उभरते एथलीट के लिए नई प्रेरणा बन गए हैं।
2023 विश्व एथलेटिक्स फाइनल में नीरज के छह प्रयास
पहला : फाउल
दूसरा: 88.17 मीटर
तीसरा : 86.32 मीटर
चौथा : 84.64 मीटर
पांचवा : 87.83 मीटर
छठा : 83.89 मीटर
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं, उनकी कई चर्चित किताबें हैं)