“हमारे सामने आने वाले संकटों से निपटने के लिए बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। यही कारण है कि आज, मैं ओवल कार्यालय में जा रहा हूं ताकि कुछ साहसी कदम लिए जाएं और अमेरिकी परिवारों को तत्काल राहत देने के लिए काम किया जा सके।” -अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (शपथ ग्रहण के तुरंत बाद)
अर्णब चैट बवंडर
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी आजकल फिर सुर्खियों में हैं। उनके वॉट्सऐप चैट बहुत वायरल हैं और माना जा रहा है कि ये चैट व्यूअरशिप रेटिंग एजेंसी, ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और अर्णब के बीच हुई बातचीत का है। इस चैट के लीक होने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। वायरल चैट में श्रीनगर में हुए पुलवामा हमले और भारत के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक का जिक्र है। सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट्स शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें अर्णब पार्थो को लिख रहे हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है। दरअसल चैट में अर्णब लिखते हैं, “कुछ बड़ा होने वाला है।” इस पर पार्थो पूछते हैं, “दाऊद।” जवाब में अर्णब फिर लिखते हैं, उससे भी पड़ा। इसी चैट के आधार पर अर्णब पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्हें पुलवामा हमले और बालाकोट पर भारत द्वारा की जाने वाली सर्जिकल स्ट्राइक की पहले से जानकारी थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है, “ऐसी सूचना सिर्फ सेना प्रमुख, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण लोगों के पास ही होती है। जाहिर है इन्हीं पांच में से किसी ने यह सूचना दी होगी। यह एक अपराध है।” पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने इसे देशद्रोह का मामला बताया है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस मामले में ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा है, “क्या स्ट्राइक से तीन दिन पहले एक पत्रकार (और उसके दोस्त) को बालाकोट में जवाबी हमले के बारे में पता था? यदि हां, तो इस बात की क्या गारंटी है कि उनके स्रोतों ने पाकिस्तान के साथ काम करने वाले जासूसों या मुखबिरों सहित अन्य लोगों के साथ जानकारी साझा नहीं की होगी? राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय निर्णय की जानकारी सरकार-समर्थक पत्रकार को कैसे मिली?” इस चैट पर हंगामा इसलिए भी हैं क्योंकि पुलवामा के बाद भाजपा को चुनाव में भारी सफलता मिली थी।
यह चैट उस सप्लीमेंट्री चार्जशीट का हिस्सा है, जो मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले की जांच के बाद 11 जनवरी को दाखिल की थी। अर्णब पर अपने चैनल की रेटिंग बढ़ाने के लिए रिश्वत देने का आरोप है। इस केस में पुलिस ने पार्थो के साथ अन्य दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इस विवाद की गूंज पाकिस्तान में भी सुनाई दे रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि उन्होंने 2019 में संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में कहा था कि मोदी सरकार ने बालाकोट का इस्तेमाल चुनावी फायदों के लिए किया था। रिपब्लिक टीवी ने पाकिस्तान के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि अर्णब ने पिछले 15 साल से पाकिस्तान और आइएसआइ के षड्यंत्रों का पर्दाफाश किया है। पिछले साल, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अर्णब ने मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। लेकिन हाल ही में बॉम्बे हाइकोर्ट ने इस प्रकरण में टाइम्स नाउ और उनके चैनल की कवरेज पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि वे खुद ही पुलिस, वकील और जज बन गए थे। महाराष्ट्र पुलिस ने एक अन्य मामले में अर्णब को पिछले साल गिरफ्तार किया था। वॉट्सऐप चैट मामले में फिर उनकी गिरफ्तारी की मांग उठने लगी है।
हार्वर्ड के नाम पर धोखाधड़ी
टेलीविजन पत्रकारिता की जानी-मानी हस्ती निधि राजदान ने पिछले साल घोषणा की थी कि उन्हें अमेरिका में प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय में असोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति मिल गई है। अब उनका कहना है कि हार्वर्ड के नाम पर उनसे धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, “हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का मुझे हायर करना, अपाइंटमेंट सब फिशिंग हमले का हिस्सा था। इसके जरिए, हैकर्स ने मेरे पर्सनल डीटेल हासिल कर लिए।” निधि के अनुसार, नवंबर 2019 में, उन्हें हार्वर्ड कैनेडी स्कूल द्वारा 2020 की शुरुआत में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। और इस प्रग्रोम के दौरान आयोजकों में से एक ने उनसे बात कर उनसे वहां पढ़ाने के बारे में पूछा था। सीवी भेजने के बाद उनका 90 मिनट का एक इंटरव्यू भी हुआ था। बाद में विश्वविद्यालय से संपर्क के बाद इसका खुलासा हुआ।
इंटर द कमलम
ड्रैगन फ्रूट का नया नाम कमलम हो गया है। गुजरात सरकार ने यह नया नामकरण किया है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का कहना है कि यह फल कमल जैसा दिखता है, इसलिए इसका नाम, ‘कमलम’ रखा जाता है। ड्रैगन फ्रूट को सुपर फ्रूट के रूप में जाना जाता है। गुजरात में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन हो रहा है। सीएम साहब को चीन का शब्द ड्रैगन रास नहीं आ रहा था। नाम बदलने का राजनैतिक असर दिखने लगा है। विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने सियासी कारणों से नाम बदला है, क्योंकि उनकी पार्टी का प्रतीक चिन्ह कमल है। सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़ के बीच सबसे दिलचस्प मीम ब्रूस ली की चर्चित फिल्म, इंटर द ड्रैगन को लेकर है, कहा जा रहा है कि अब इस फिल्म को इंटर द कमलम के रूप में जाना जाएगा!
शाहनवाज की घर वापसी
विधान परिषद सदस्य के रूप में, लंबे समय से भाजपा में उपेक्षित चल रहे सैयद शाहनवाज हुसेन की गृह राज्य बिहार में वापसी हो रही है। किसी समय पार्टी में बड़े मुस्लिम चेहरे रहे हुसेन 2014 में लोकसभा चुनाव हार गए थे और 2019 के चुनाव में उनकी भागलपुर सीट जद-यू के खाते में चली गई थी। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार भाजपा की बड़ी रणनीति के तहत उन्हें लाया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। अभी नीतीश मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम चेहरा शामिल नहीं है। हुसेन इस कमी को पूरा कर सकते हैं। राजनीतिक टिप्पणीकारों का मानना है कि भाजपा उन्हें वापस बिहार भेजकर अल्पसंख्यकों में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। अभी तक एनडीए को नीतीश कुमार की वजह से चुनाव में मुस्लिम वोट मिलते रहें हैं। हुसेन को आगे कर भाजपा भविष्य का बड़ा सियासी दांव खेल रही है। वैसे भी प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज- सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार को मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनाया गया है। पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी राज्यसभा चुनाव जीत कर दिल्ली कूच कर गए हैं। हुसेन की घर वापसी देखकर लग रहा है कि अब भाजपा अपने युवा नेताओं के हाथ पार्टी की कमान सौंपना चाहती है ताकि अगले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सके। इसलिए जो कह रहा हैं कि यह पूर्व केंद्रीय मंत्री का ‘डिमोशन’ है, उन्हें इस सियासी चाल को समझना चाहिए।
बीच बहस में
शताब्दी रॉय
तीन बार तृणमूल कांग्रेस की सांसद रहीं इस अभिनेत्री को इस बार पार्टी ने राज्य इकाई का उपाध्यक्ष बनाया है। भाजपा का दामन थामने की खबरें आने के बाद यह कदम उठाया गया। अब वे सुनिश्चित करेंगी की भाजपा हारे।
धनंजय मुंडे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के खिलाफ महिला गायक द्वारा दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने के बाद उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। महिला ने शिकायत की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर कर दी है। मंत्री जी इसे साजिश बता रहे हैं।
भावना कंठ
भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट होंगी। 2016 में अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ, भावना पहली महिला लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल हुई थीं।