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खबर-चक्र

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प्रिया रमानी

मानहानि मामले में प्रिया रमानी बरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर को मानहानि मामले में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने 17 फरवरी को प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि का केस खारिज करते हुए उन्हें बरी कर दिया है। अदालत ने फैसला सुनाया कि महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है। यौन शोषण महिला के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को खत्म कर देता है। अदालत ने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की रक्षा किसी के सम्मान की कीमत पर नहीं की जा सकती है। पीड़िता को कई साल तक यह नहीं पता था कि उसके साथ क्या हो रहा है। महिला को अपने साथ हुए अपराध के बारे में कभी भी और कहीं भी अपनी बात रखने का अधिकार है। उसे यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सजा नहीं दी जा सकती है। इससे पहले 10 फरवरी को दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने 17 फरवरी तक के लिए फैसला स्थगित कर दिया था। अदालत ने यह भी कहा है कि प्रभावित पक्ष इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील दायर कर सकते हैं। असल में, अक्टूबर 2018 में प्रिया रमानी ने दावा किया था कि एम.जे. अकबर ने मुंबई के ओबेराॅय होटल में दिसंबर 1993 में नौकरी के लिए साक्षात्कार के दौरान उनका यौन शोषण किया था। अकबर का कहना था कि उन्होंने होटल में प्रिया रमानी के साथ कोई मुलाकात ही नहीं की थी। रमानी की वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि उनकी मुवक्किल को इस मामले में बरी कर दिया जाए। वहीं अकबर की वकील का कहना था कि रमानी के आरोपों के कारण अकबर की छवि खराब हुई है।

‘मी-टू’ अभियान के तहत अक्टूबर 2018 में एम.जे. अकबर पर यौन शोषण के आरोप उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने लगाए थे। जब आरोप लगा, तब अकबर विदेश राज्यमंत्री थे। घटना के बाद उन्हें उसी महीने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन पर आरोप लगाने वालों में प्रिया रमानी भी शामिल थीं, जिनके खिलाफ अकबर ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

 

 

बड़े भैया ही मुसीबत

 

लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव अक्सर अपने बयानों से अपनी ही पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के लिए मुसीबत पैदा कर देते हैं। वैसे तो वे हमेशा अपने अनुज तेजस्वी प्रसाद यादव को अर्जुन और स्वयं को उनका सारथी कृष्ण कहते रहते हैं, लेकिन समय-समय पर उनके विवादास्पद बयान अक्सर छोटे भाई के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं। तेज प्रताप यादव इन दिनों बीमार पिता की जेल से रिहाई के लिए एक पत्र अभियान चला रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात का रंज है कि प्रदेश राजद उनका समर्थन नहीं कर रहा है। पत्र अभियान को अपेक्षित सफलता न मिलने के कारण पिछले सप्ताह उनका गुस्सा बिहार राजद के अध्यक्ष और वरिष्ठ पार्टी नेता जगदानंद सिंह पर फूट पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि इन जैसे नेताओं के कारण ही लालू जी की तबियत खराब हुई और पार्टी को इतना नुकसान हुआ। उनके इस बयान ने विरोधियों को राजद पर हमला करने का एक नया मौका बैठे-बिठाए दे दिया है।

 चर्चित इतिहासकार डी.एन. झा का निधन

 

भारतीय इतिहास की अनेक धारणाओं को चुनौती देने वाले ख्यात इतिहासकार प्रोफेसर द्विजेंद्र नारायण झा का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। झा ने हमेशा भारतीय इतिहास की विकृतियों को उजागर किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से जुड़े प्रोफेसर झा ने गुप्त काल को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण काल’ कहे जाने को भी चुनौती दी थी। वे मानते थे कि प्राचीन भारत में जाति व्यवस्था आज से भी ज्यादा थी। उनके अनुसार प्राचीन भारतीय इतिहास में गैर-ब्राह्मणों पर कई तरह से पाबंदी और अत्याचार के साक्ष्य मिलते हैं। खासतौर से शूद्र और अछूतों पर। अपनी चर्चित पुस्तक ‘द मिथ ऑफ होली कॉउ’ में उन्होंने यह भी दावा किया कि गाय को प्राचीन काल में पवित्र नहीं माना जाता था।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला की दावेदारी

संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत भारतीय मूल की महिला कर्मचारी आकांक्षा अरोड़ा ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद के लिए दावेदारी घोषित की है। 75 साल के इतिहास में अब तक एक भी महिला यूएन सेक्रेटरी पद पर नहीं रही है। 34 वर्षीय आकांक्षा, यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) में ऑडिट कोऑर्डिनेटर हैं और इस पद पर दावेदारी जताने वाली पहली महिला हैं। हालांकि मौजूदा महासचिव एंटोनियो गुटेरस और पांच साल तक काम करने की इच्छा जता चुके हैं। नए महासचिव का कार्यकाल जनवरी 2022 से शुरू होगा। अपने ढाई मिनट के वीडियो संदेश में आकांक्षा कहती हैं कि उनके स्तर के लोग प्रभारी पद के लिए खड़े नहीं होते हैं। “हम बारी का इंतजार करते हैं। हम सिर झुका कर अपने काम पर जाते हैं और उसे ही स्वीकार करते हैं जैसे दुनिया चल रही होती है।”

भारत में जन्मी आकांक्षा लोक प्रशासन की विशेषज्ञ हैं और उनके पास कनाडा की भी नागरिकता है। उनकी उम्मीदवारी पर महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डूजारिक का कहना है कि गुटेरस इस पद के लिए इच्छा जता चुके हैं, इसलिए वे दूसरे की दावेदारी पर टिप्पणी नहीं करेंगे। गुटेरस 1 जनवरी 2017 को यूएन के महासचिव बने थे।

 “कंगना (रनौत) के ट्वीट्स पढ़कर लग रहा है फिर से ज्यूडिशियल कस्टडी में चला जाऊं”

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी

 

दिनेश त्रिवेदी

विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के इस्तीफा से उनके भाजपा में जाने के आसार। त्रिवेदी ने बनर्जी पर पार्टी को “कॉरपोरेट स्टाइल में चलाने” का आरोप लगाया था।

गुलाम नबी आजाद

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखें नम होने से भाजपा का दामन थाम लेने के कयास। बाद में उन्होंने कहा, जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन वे भाजपा में शामिल होंगे।

रश्मि सामंत

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ रहीं भारतीय मूल की रश्मि सामंत वहां छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गईं हैं। इस पद को पाने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं। चुनाव में उन्हें, 3,708 मतों में से 1,966 मत हासिल हुए।

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