कानून की नजर में सब बराबर
इस दौर में जब रसूखदार अपराधियों को बचाने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पिता की न गिरफ्तारी रोकी, न उन्हें बचाने की पैरवी की। किसी भी तरह दोषियों को बचा लेने की प्रवृत्ति के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल को उनके एक विवादित बयान के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि बघेल ने ब्राह्मणों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। लेकिन भूपेश बघेल ने अपने पिता को बचाने की कोई कोशिश नहीं की, न ही राज्य पुलिस को उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोका। उन्होंने माना कि उनके पिता की टिप्पणी सही नहीं थी इसलिए उन पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता लखनऊ में एक कार्यक्रम में गए थे, जहां उन्होंने ब्राह्मण समाज के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद ब्राह्मण समुदाय में रोष था। उनके खिलाफ रायपुर में एफआइआर दर्ज कराई गई। रायपुर पुलिस एफआइआर दर्ज होने के बाद ही उनकी गिरफ्तारी के लिए आगरा गई और वहां से उन्हें गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया। लखनऊ में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बुजुर्ग बघेल ने कथित तौर पर कहा था, “ब्राह्मण विदेशी हैं और यहां रहने योग्य नहीं हैं। मैं भारत के सभी गांववालों से आग्रह करता हूं कि ब्राह्मणों को अपने गांवों में प्रवेश न करने दें। मैं हर अन्य समुदाय से बात करूंगा ताकि हम उनका बहिष्कार कर सकें।”
गिरफ्तारी के बाद बुजुर्ग बघेल को रायपुर की एक अदालत में पेश किया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मामले में कोई दखलंदाजी नहीं की। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
बुजुर्ग बघेल ने कहा है कि वे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। उन्होंने जमानत लेने से भी इनकार कर दिया। फिलहाल कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 21 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई है।