लंबे समय तक हताशा, निराशा, और अनिश्चितता का दौर झेलने के बाद बॉलीवुड को आखिरकार उम्मीद की किरण दिखने लगी है। हाल में महाराष्ट्र में मल्टीप्लेक्स और सिंगल-स्क्रीन थिएटर के फिर से खुलने के बाद फिल्म इंडस्ट्री के पटरी पर वापस आने की संभावना जागी है। इसलिए, बड़े निर्माता न सिर्फ अपनी रुकी हुई फिल्मों के प्रदर्शन की तारीखों की ताबड़तोड़ घोषणा कर रहे हैं, बल्कि कई नए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बनाने के लिए भी सामने आ रहे हैं। देश-विदेश में दर्जनों फिल्मों की शूटिंग शुरू हो चुकी है और इंडस्ट्री में अरसे बाद हर्ष और उल्लास का माहौल नजर आ रहा है।
आशंकाओं के विपरीत, अगर कोविड-19 की तीसरी लहर नहीं आती है, तो अगले साल की शुरुआत तक स्थितियां सामान्य होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सब इस बात पर भी निर्भर करता है कि दर्शक जल्द ही रिलीज होने वाली बड़े बजट की फिल्मों का कैसे स्वागत करते हैं।
इसकी एक झलक दिवाली पर मिल सकती है। तब रोहित शेट्टी की बहुप्रतीक्षित सूर्यवंशी प्रदर्शित होने वाली है। अक्षय कुमार, अजय देवगन, रणवीर सिंह और कैटरीना कैफ अभिनीत यह मल्टीस्टारर बॉलीवुड के इतिहास में बनी चंद सबसे बड़े बजट की फिल्मों में से एक है। इसे पिछले साल 24 मार्च को रिलीज होना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण की गई देशव्यापी तालाबंदी से इसका प्रदर्शन अंतिम समय में टालना पड़ा।
लगभग उन्नीस महीने बाद दिवाली में यह रिलीज हो रही है। गोलमाल जैसी हिट सीरीज के लिए मशहूर निर्देशक रोहित शेट्टी ने इस फिल्म के प्रदर्शन को तब तक स्थगित रखा जब तक महाराष्ट्र, खासकर मुंबई के थिएटर न खुल गए। किसी भी हिंदी फिल्म का कम से कम तीस प्रतिशत व्यवसाय मुंबई में ही होता है।
सूर्यवंशी में शेट्टी की पिछली सफल फिल्मों के नायक अजय देवगन (सिंघम) और रणवीर सिंह (सिम्बा) के साथ अक्षय कुमार की पुलिस ऑफिसर के रूप में तिकड़ी है। बॉक्स ऑफिस के जानकार आशान्वित हैं कि यह फिल्म जबरदस्त बिजनेस कर बॉलीवुड में नई जान फूंक सकती है। तो, क्या दिवाली पर इंडस्ट्री के दिन वाकई बहुरेंगे?
ट्रेड विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले डेढ़ साल में फिल्म इंडस्ट्री को कम से कम दस से बारह हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। सूर्यवंशी जैसी भव्य पैमाने पर बनी फिल्में ही इसे अब मुश्किल परिस्थितियों से निकाल सकती है।
यही वजह है कि इस साल के बचे दो महीने, नवंबर-दिसंबर बॉलीवुड के लिए महत्वपूर्ण हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह में बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान की अंतिम और जॉन अब्राहम की सत्यमेव जयते 2 की टक्कर होनी है। अंतिम के जरिये सलमान अपने बहनोई आयुष शर्मा के करिअर को आगे बढ़ाना चाहते हैं। आयुष की पिछली फिल्म, लव यात्री टिकट खिड़की पर कमाल नहीं दिखा सकी थी। दर्शकों को थिएटर तक खींचने के लिए इस फिल्म में सलमान खुद एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन उनका मुकाबला उसी सप्ताह रिलीज हो रही जॉन अब्राहम की एक ऐसी एक्शन फिल्म से है, जिसका पिछले कई महीनों से दर्शक इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, 19 नवंबर को सैफ अली खान और रानी मुखर्जी की बंटी और बबली 2 भी रिलीज हो रही है, जिसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और शर्बरी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। बंटी और बबली 2 यश राज फिल्म्स की पृथ्वीराज, शमशेरा, जयेशभाई जोरदार जैसी महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है, जो करीब-करीब बन कर तैयार है।
मशहूर फिल्मकार यश चोपड़ा द्वारा स्थापित बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित बैनरों में एक, यश राज फिल्म्स के लिए आने वाले कुछ महीने खास हैं क्योंकि निर्देशक आदित्य चोपड़ा 1995 में प्रदर्शित अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे को ‘कम फॉल इन लव’ नाम से एक ब्रॉडवे म्यूजिकल में नए सितारों के साथ लॉन्च करने जा रहे हैं।
जाहिर है आने वाला समय बॉलीवुड के सभी लोकप्रिय फिल्मी सितारों, खासकर सुपरस्टारों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। सभी की नजरें न सिर्फ सूर्यवंशी पर बल्कि उन तमाम बड़ी फिल्मों पर है, जो एक के बाद एक रिलीज होने की कतार में है। अंतिम के अलावा सलमान खान फिलहाल अपनी सुपरहिट फिल्मों किक और टाइगर जिंदा है की अगली कड़ी बनाने में जुटे हुए हैं। अपनी पिछली फिल्म, राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई के पिट जाने के बाद उन्हें अपना सुपरस्टारडम बरकरार रखने के लिए बड़ी सफलता की दरकार है।
इधर, अपने बेटे आर्यन खान के ड्रग्स मामले में गिरफ्तार होने के कारण शाहरुख खान को यूरोप में पठान की शूटिंग छोड़कर आना पड़ा, जो उनकी अगली संभावित रिलीज है। जीरो के फ्लॉप होने के बाद उनकी कोई भी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है और इस फिल्म में उनका करिअर दांव पर है। कमोबेश यही स्थिति आमिर खान की है, जिनकी पिछली फिल्म, ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई थी। उनकी आगामी फिल्म, लाल सिंह चड्ढा, जो टॉम हैंक्स की हॉलीवुड फिल्म, फॉरेस्ट गंप का रीमेक है, अगले वैलेंटाइन डे पर प्रदर्शित होगी। यह पहले पर क्रिसमस पर रिलीज होनी थी, लेकिन अब उस मौके पर रणवीर सिंह की ’83 आएगी।
अक्षय कुमार की पिछली दो फिल्मों, लक्ष्मी और बेल बॉटम का प्रदर्शन भी आशा के अनुरूप नहीं रहा, जबकि अजय देवगन की भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया को ओटीटी के दर्शकों ने सिरे से नकार दिया। अगले साल के अंत तक अक्षय की आधे दर्जन से अधिक फिल्में प्रदर्शित हो सकती हैं, जिनमें पृथ्वीराज के अलावा अतरंगी रे, रक्षाबंधन, रामसेतु, ओएमजी 2 और बच्चन पाण्डेय शामिल है। अजय भी अपनी रुकी हुई दो फिल्मों, मैदान और मे डे पूरी करने में लगे हैं, ताकि वे भुज की विफलता से उबर सकें। उन्हीं की तरह, इंडस्ट्री के हृतिक रोशन, रणवीर सिंह और रणबीर कपूर जैसे बड़े सितारों की भी कई फिल्में एक साथ आने वाली हैं, जिसके कारण दो बड़ी फिल्मों के एक ही दिन रिलीज होने का खतरा बढ़ गया है।
इस साल मार्च में कोविड-19 की पहली लहर से जूझने के बाद जब कई प्रदेशों में थिएटर आंशिक रूप से खुले, तो जाह्नवी कपूर की रूही, जॉन अब्राहम-इमरान हाशमी की मुंबई सागा और अर्जुन कपूर-परिणिति चोपड़ा की संदीप और पिंकी फरार प्रदर्शित हुई, लेकिन इनका व्यवसाय निराशाजनक रहा। अप्रैल में वैश्विक महामारी के विकराल रूप से वापसी के बाद नई फिल्मों के प्रदर्शन पर फिर विराम लग गया। पिछले कुछ सप्ताह में कंगना रानौत की थलैवी जैसी फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही। इसका प्रमुख कारण मुंबई में सिनेमाघरों का बंद रहना समझा गया। अब थिएटरों के खुलने से बॉक्स ऑफिस पर अच्छे परिणाम आने की उम्मीद बढ़ी है। लेकिन क्या फिल्म इंडस्ट्री में सब कुछ फिर से वैसा हो जाएगा जैसा महामारी से पहले था?
कोरोना काल के बाद इंडस्ट्री में बहुत कुछ बदल गया हैं। लगभग 1000 सिंगल-स्क्रीन सिनेमाघर बंद हो जाने से कई निर्माताओं ने अमेज़न प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफार्म पर अपनी फिल्में रिलीज कीं, जिनमें अमिताभ बच्चन की गुलाबो सिताबो, अक्षय कुमार की लक्ष्मी, विद्या बालन की शकुंतला देवी, वरुण धवन की कुली नंबर 1, जाहनवी कपूर की गुंजन सक्सेना, सिद्धार्थ मल्होत्रा की शेरशाह जैसी बड़ी और छोटी फिल्में शामिल हैं। इससे सिनेमाघरों का एकछत्र राज खत्म हो गया और उन पर खतरा बढ़ गया है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या लॉकडाउन के दौरान दर्शकों का फिल्में देखने का नजरिया बदला है और सुपर स्टारों के प्रति उनका मोहभंग हो गया है? अभी यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन बॉलीवुड में स्टार सिस्टम भविष्य में रहेगा या खत्म हो जाएगा, इसका आकलन सूर्यवंशी देखने आई दर्शकों की भीड़ को देख कर समझा जा सकता है।