Advertisement
12 मई 2025 · MAY 12 , 2025

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ीः खिलाड़ी नहीं, ब्रांड कहिए हुजूर!

खेल मैदान तक सीमित नहीं रहा, अब ब्रांडों की स्पॉन्सरशिप और सोशल मीडिया से भी आगे पैसा उगाने की फटाफट मशीन बन चुकी है
खेल के सितारे बने ब्रांड के तारे

अब खेल सिर्फ मैदान पर नहीं खेले जाते। खिलाड़ी अब मैदान से बाहर भी चमक रहे हैं- कभी विज्ञापन, कभी सोशल मीडिया में, तो कभी करोड़ों की लीग में। जिस तेजी से खेल बदला है, उतनी ही तेजी से बदली है खिलाड़ियों की पहचान और कमाई की कहानी। पहले खिलाड़ी केवल खेल के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे सेलिब्रिटी हैं। पहले उनके लिए केवल नौकरी और पुरस्कार ही आय का स्रोत थे, अब विज्ञापन और लीग प्रमुख हैं। पहले खेल स्थानीय था, अब यह वैश्विक उद्योग बन चुका है। इसमें सबसे बड़ा योगदान उनके चाहने वालों का है। पहले प्रशंसक सीमित थे, अब सोशल मीडिया ने उन्‍हें विस्तार दिया है। पिछले कुछ दशकों में खेल उद्योग नाटकीय रूप से बदला है। अब इसमें मार्केटिंग, ब्रांड वैल्यू, खिलाड़ियों की आय के स्रोत जैसे पहलू भी शामिल हैं। आज के दौर में भारतीय खिलाड़ी जैसे विराट कोहली, एमएस धोनी और नीरज चोपड़ा न केवल अपने खेल के लिए, बल्कि ब्रांड वैल्यू और कमाई के लिए भी चर्चित हैं। अब आइपीएल में नए-नए खिलाड़ियों की आमद की चर्चाएं भी उनकी अचानक कमाई और गरीबी से अमीरी की दास्तान बन गई है।

यकीनन हमारे देश में अस्सी के दशक तक खेल की दुनिया मैदान तक सीमित थी। क्रिकेट, हॉकी और कुश्ती जैसे खेल लोकप्रिय थे, लेकिन उनका व्यावसायिक पहलू सीमित था। तब क्रिकेट की चर्चाएं भी शहरी और अभिजात वर्ग तक ही सीमित थीं। हॉकी बच्चे-बच्चे तक में लोकप्रिय थी। कुश्ती, फुटबॉल के सितारों की चर्चा खूब होती थी। लेकिन खिलाड़ियों की कमाई की चर्चाएं विरले ही होती थीं और उनके निजी जीवन की बातें भी न के बराबर थीं। चर्चाएं सिर्फ उनकी खेल महारत तक ही केंद्रीत थीं।

उस दौर में खिलाड़ी सरकारी नौकरी या छोटे-मोटे पुरस्कार पाकर ही घर बार चलाते थे। ध्यानचंद जैसे हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी अपने समय में बेहद सम्मानित थे, लेकिन उनकी कमाई कुछ भी नहीं थी। विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप का चलन न के बराबर था। टेलीविजन और रेडियो के माध्यम से खेल प्रसारित होते थे, लेकिन दर्शकों की संख्या या उससे होने वाली कमाई आज की तरह नहीं थी। टिकट बिक्री, स्थानीय आयोजन ही आय के साधन हुआ करते थे। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी ज्यादा आर्थिक सहायता नहीं मिलती थी। ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खास ध्यान नहीं दिया जाता था। खिलाड़ी बस प्रतिभा से जाने जाते थे।

आज खेल फटाफट पैसा कमाने की आर्थिक मशीन बन चुका है। टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया से इसका दायरा विराट हो गया है। भारत में क्रिकेट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) ने खेल को मनोरंजन उद्योग में तब्दील कर दिया। आइपीएल की शुरुआत 2008 में हुई। खिलाड़ियों की नीलामी, प्रायोजकों की भीड़ और टीवी प्रसारण अधिकारों से होने वाली कमाई ने इस खेल को पैसा उगाऊ मशीन बना दिया। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी निवेश बढ़ा है। प्रो कबड्डी लीग, इंडियन सुपर लीग (फुटबॉल) और प्रीमियर बैडमिंटन लीग जैसे आयोजनों ने दर्शकों और प्रायोजकों को आकर्षित किया है। नीरज चोपड़ा जैसे एथलीट ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर ब्रांड वैल्यू में इजाफा कर रहे हैं। बैडमिंटन में पीवी सिंधु और साइना नेहवाल, एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा और कुश्ती में बजरंग पुनिया जैसे खिलाड़ियों ने वैश्विक मंच पर नाम रोशन किया है। इसने भी ब्रांड को उनके साथ जुड़ने का मौका दिया। खिलाड़ी अब प्रतिभा के अलावा सोशल मीडिया फॉलोइंग, विज्ञापन सौदों और निजी ब्रांड वैल्यू के लिए जाने जाते हैं।

सोशल मीडिया खेलों के वैश्वीकरण की धुरी रहा है। टेलीविजन, इंटरनेट और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने खेल को घर-घर तक पहुंचाया। जैसे जैसे कारवां बढ़ा, वैसे वैसे बड़े ब्रांड नाइकी, एडिडास, कोका-कोला के अलावा टाटा और रिलायंस जैसी भारतीय कंपनियां खेल और खिलाड़ियों के साथ जुड़ने लगीं।

खिलाड़ियों की ब्रांडिंग में उनकी प्रतिभा के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व का भी बड़ा हाथ है। मसलन, कोहली का बल्लेबाजी रिकॉर्ड, धोनी का नेतृत्व, और नीरज का भालाफेंक में स्वर्ण पदक उन्हें मैदान पर स्टार बनाता है। प्रदर्शन अब भी मूल आधार है। धोनी की शांत छवि, कोहली की आक्रामकता, और सिंधु की सादगी उनके व्यक्तित्व को अलग बनाती है, जो प्रशंसकों को आकर्षित करती है। खिलाड़ी अब अपने ब्रांड को प्रमोट करने में माहिर हैं। कोहली और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर अपनी छवि को मजबूत करते हैं। पहले भारतीय खिलाड़ी मुख्य रूप से देश तक सीमित थे, लेकिन अब कोहली, सिंधु और चोपड़ा जैसे नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाते हैं। विज्ञापन के अलावा खिलाड़ियों को लीग में खेलने के लिए मोटी रकम मिलती है। आइपीएल जैसी लीग भी खिलाड़ियों को अमीर बनाने में आगे हैं। 2025 में ऋषभ पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ रुपये और श्रेयस अय्यर को पंजाब किंग्स ने 26.75 करोड़ रुपये में लिया है। इंस्टाग्राम और एक्‍स पर प्रायोजित पोस्ट से भी खिलाड़ी लाखों कमा रहे हैं। वे अलग अलग ब्रांड में निवेश भी करते हैं। यह आजकल खिलाड़ियों की आय के प्रमुख स्रोत हैं। कुछेक नामचीन मिसालें देखिएः

रोहित शर्मा

रोहित शर्मा

टीम इंडिया के एकदिवसीय और टेस्‍ट कप्‍तान रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल 1987 को नागपुर में हुआ। रोहित की अगुआई में टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीती। यह खिताबी जीत 2024 टी20 विश्व कप की ऐतिहासिक जीत के नौ महीने के भीतर आई है। इससे पहले 2023 में भी रोहित भारत को वनडे विश्व कप जिताने की दहलीज पर ले गए थे लेकिन अंतिम मैच में ऑस्ट्रेलिया से मात खा गए। वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज रोहित अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनकी ब्रांड वैल्यू 4.1 करोड़ डॉलर (344 करोड़ रुपये) है। रोहित सीएट, एडिडास और ला लीगा जैसे ब्रांडों से जुड़े हैं। वे ला लीगा के पहले ऐसे ब्रांड एंबेसडर जो फुटबॉलर नहीं हैं। वे बीसीसीआइ के ए+ ग्रेड में शामिल हैं, जिससे उन्हें सात करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं। शांत स्वभाव और बड़े शॉट लगाने की क्षमता उन्हें विशेष बनाती है।

एमएस धोनी

एमएस धोनी

महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ। उनकी कप्‍तानी में भारत ने 2007 टी20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती। 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद धोनी की लोकप्रियता और ब्रांड वैल्यू का कोई सानी नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 में धोनी की ब्रांड वैल्यू 9.58 करोड़ डॉलर (करीब 803 करोड़ रुपये) थी। उन्हें कैप्टन कूल कहा जाता है और इसी गुण के कारण वे प्रशंसकों के चहेते हैं। एमएस जियो सिनेमा, ड्रीम 11 और इंडिगो पेंट्स जैसे ब्रांडों के लिए वे चहेते बने हुए हैं। इसके अलावा सेवन नाम का उनका पोशाक ब्रांड भी है। आइपीएल में चेन्नै सुपर किंग्स के साथ उनका जुड़ाव अनवरत बना हुआ है। धोनी शानदार कार और बाइक कलेक्शन के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी व्यावसायिक रुचि ब्लू स्मार्ट जैसी कंपनियों में निवेश करना है। धोनी विराट से एकदम अलग हैं। वे साल में इक्का-दुक्का ही पोस्ट सोशल मीडिया पर डालते हैं। विज्ञापन की दुनिया में उन्हें आज भी बादशाह माना जाता है।

सचिन तेंडुलकर

सचिन तेंडुलकर

‘क्रिकेट का भगवान’ जैसी उपमा से नवाजे जाने वाले सचिन तेंडुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। मास्टर ब्लास्टर ने अपने 24 साल के करियर में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए, जो विश्व रिकॉर्ड है। 2011 विश्व कप जीतने वाली टीम में वे थे। संन्यास के 12 साल बाद भी सचिन की ब्रांड वैल्यू जस की तस बनी हुई है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिन की ब्रांड वैल्यू 9.14 करोड़ डॉलर (766 करोड़ रुपये) है। तेंडुलकर बीएमडब्ल्यू, ल्यूमिनस और अनएकेडमी जैसे ब्रांड से जुड़े हैं। वे राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं और सचिन तेंडुलकर फाउंडेशन के जरिये सामाजिक कार्यों में सक्रिय बताए जाते हैं। उनकी आत्मकथा प्लेइंग इट माइ वे बेस्टसेलर रही। देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान भारत रत्न से सम्मानित हो चुके तेंडुलकर युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा-स्रोत हैं। वे आज भी लीजेंड्स क्रिकेट लीग में खेलते हैं।

विराट कोहली

विराट कोहली

विराट कोहली तकरीबन दशक भर से भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े सितारे हैं। उनका जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था। अपनी शानदार बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमता के लिए मशहूर कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 80 से अधिक शतक लगाए हैं। उन्होंने भारत के 2024 टी20 विश्व कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई और बतौर कप्तान टेस्ट क्रिकेट में टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 तक उनकी ब्रांड वैल्यू लगभग 22.79 करोड़ डॉलर (1,912 करोड़ रुपये) आंकी गई, जो उन्हें देश में सबसे अमीर खिलाड़ी बनाती है। कोहली प्यूमा, एमआरएफ और ऑडी जैसे बड़े ब्रांड का विज्ञापन करते हैं और सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग बहुत है। उन्हें 26.6 करोड़ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। फिटनेस के कारण वे विज्ञापनदाताओं के पसंदीदा हैं। आइपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरू के लिए खेलते हुए उन्होंने 2024 में ऑरेंज कैप जीती। वे पत्‍नी अनुष्का शर्मा के साथ चैरिटी वेंचर सेवा चलाते हैं।

पीवी सिंधु

पीवी सिंधु

शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। भारत की सबसे सफल एथलीटों में से एक सिंधु ने ओलंपिक खेलों, विश्व चैंपियनशिप और वर्ल्ड टूर जैसे टूर्नामेंटों में पदक जीते हैं। उन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में रजत और टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीता, जिससे वे दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनकी ब्रांड वैल्यू 2024 में लगभग दो करोड़ डॉलर आंकी गई। पीवी सिंधु कई कंपनियों की ब्रांड एंबेसडर हैं, जिनमें प्यूमा इंडिया, हूप, ग्रीनडेज बेटर न्यूट्रिशन, किरानाप्रो और स्पिनी आदि शामिल हैं। वे विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय भी हैं। उन्होंने भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

जसप्रीत बुमराह

जसप्रीत बुमराह

तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का जन्म 6 दिसंबर 1993 को अहमदाबाद में हुआ। बुमराह की अनोखी गेंदबाजी एक्शन और सटीकता ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। बुमराह ने टेस्ट, एकदिवसीय और टी20 में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। 2023 विश्व कप में भारत रनर अप रहा और 2024 में टीम ने वेस्ट इंडीज में टी20 विश्व कप खिताब जीता। इन दोनों टूर्नामेंट में जसप्रीत भारत के तुरुप का इक्का रहे। बुमराह की ब्रांड वैल्‍यू 2024 में 2.5 करोड़ डॉलर के आसपास रही। वे रिबॉक, ड्रीम11 और आसिक्स जैसे ब्रांड के साथ जुड़े हैं। आइपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। बुमराह बीसीसीआइ के ए+ ग्रेड में हैं।

केएल राहुल

केएल राहुल

क्रिकेटर केएल राहुल का जन्म 18 अप्रैल 1992 को बेंगलूरू में हुआ। वे अपनी स्टाइलिश बल्लेबाजी और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। राहुल ने एकदिवसीय और टी20 में कई शतक लगाए और आइपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी की। फिलहाल वे दिल्ली कैपिटल्स से खेलते हैं। उनकी ब्रांड वैल्यू 2.5 करोड़ डॉलर आंकी गई। वे रेड बुल, प्यूमा और बोर्ड जैसे ब्रांड के साथ जुड़े हैं। सोशल मीडिया में भी उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। राहुल की शादी अभिनेत्री अथिया शेट्टी से हुई। राहुल बीसीसीआइ के ए ग्रेड में हैं और उनकी नेट वर्थ बढ़ रही है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन के बाद उनकी लोकप्रियता क्रिकेट और फैशन दोनों में है।

सुनील छेत्री

सुनील छेत्री

भारतीय फुटबॉल के दिग्गज सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद में हुआ। वे भारत के सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं और टीम के कप्तान रहे हैं। 2024 में छेत्री की ब्रांड वैल्यू 1.8 करोड़ डॉलर बताई जाती है। वे प्यूमा, एसर और स्केचर्स जैसे ब्रांड के साथ जुड़े हैं। उनकी मेहनत और सादगी ने उन्हें फुटबॉल में भारत का चेहरा बनाया। छेत्री ने 2024 में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लिया, लेकिन उन्होंने मार्च 2025 से शुरू हुई फीफा अंतरराष्ट्रीय विंडो में भारतीय टीम की मदद करने के लिए संन्यास वापस लेने फैसला लिया। वे आइएसएल में बेंगलूरू एफसी के लिए खेले और कई खिताब जीते। छेत्री ने भारतीय फुटबॉल को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है।

मैरी कॉम

मैरी कॉम

मैरी कॉम का पूरा नाम मंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम है। उनका जन्म 24 नवंबर 1982 को मणिपुर के कांगथेई में हुआ था। वे भारत की सबसे प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज हैं और विश्व मुक्केबाजी में एक आइकन मानी जाती हैं। मैरी कॉम ने अपने शानदार करियर में छह विश्व चैंपियनशिप खिताब जीते, जो किसी भी महिला मुक्केबाज के लिए रिकॉर्ड है। उन्होंने लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीता, जिससे वे ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। 2024 तक उनकी ब्रांड वैल्यू लगभग 1.5-1.8 करोड़ डॉलर के आसपास अनुमानित है। मैरी कॉम प्यूमा, नेस्ले, और टाटा साल्ट जैसे ब्रांड के साथ जुड़ी रही हैं। उन्होंने गरीबी, सामाजिक बाधाओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों को पार करके सफलता हासिल की। उनकी बायोपिक मैरी कॉम (2014) ने भी उनकी लोकप्रियता को बढ़ाया, जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने उनकी भूमिका निभाई थी। मैरी तीन बच्चों की मां हैं। वे मणिपुर में अपनी मुक्केबाजी अकादमी चलाती हैं, जहां वे युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देती हैं। सामाजिक कार्यों में भी उनकी सक्रियता देखने लायक है। 2018 में वे राज्यसभा सदस्‍य भी रहीं। मैरी को पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा

स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत में हुआ। नीरज का उदय भी भारतीय खेलों के इतिहास की सबसे रोचक कहानियों में शुमार है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक 2024 में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा और भारत को एथलेटिक्स में पहचान दिलाई। उनके नाम विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप स्वर्ण पदक भी है। उनकी ब्रांड वैल्यू 2024 में 2.96 करोड़ डॉलर (335 करोड़ रुपये) रही। वे कोका-कोला, बायजूस और टाटा एआइए जैसे ब्रांड का चेहरा बनाया। उनकी उपलब्धियों में विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों के पदक भी शामिल हैं। नीरज भारतीय सेना में सूबेदार हैं। उनकी सफलता ने एथलेटिक्स को मुख्यधारा में लाने में मदद की है। वे सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं और अपने प्रशंसकों से सीधा जुड़ाव रखते हैं।

हार्दिक पांड्या

हार्दिक पंड्या

हार्दिक हिमांशु पांड्या का जन्म 11 अक्टूबर 1993 को सूरत, गुजरात में हुआ। 2024 टी20 विश्व कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी की खिताबी जीत में उनकी भूमिका रही। 2024 में हार्दिक पांड्या की ब्रांड वैल्यू 3.84 करोड़ डॉलर (लगभग 322 करोड़ रुपये) आंकी गई। वे 20 से अधिक ब्रांड के साथ हैं, जिनमें गल्फ ऑयल, ड्रीम11, बोट, मॉन्स्टर एनर्जी शामिल हैं। उनकी औसत एंडोर्समेंट फीस 2.5-3 करोड़ रुपये प्रति डील बताई जाती है और टी20 विश्व कप के बाद इसमें 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। उन्होंने फैनकोड शॉप के साथ साझेदारी में क्लोदिंग ब्रांड हार्दिक पांड्या लॉन्च किया। हार्दिक ने 2016 में टी20 में डेब्यू किया और जल्द ही भारत के लिए सीमित ओवरों के प्रमुख खिलाड़ी बन गए।

सानिया मिर्जा

सानिया मिर्जा

टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा का जन्म 15 नवंबर 1986 को मुंबई में हुआ। सानिया मिर्जा ने अपने सुनहरे करियर में छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते, जिनमें तीन युगल और तीन मिश्रित युगल शामिल हैं। उनकी ब्रांड वैल्यू 2024 में लगभग दो करोड़ डॉलर रही। सानिया एडिडास, सहारा इंडिया और नेस्ले जैसे ब्रांड का चेहरा रही हैं। उनकी आक्रामक खेल शैली और आत्मविश्वास ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। संन्यास के बाद भी वे टेनिस अकादमी चलाती हैं और कमेंट्री में भी सक्रिय हैं। सानिया ने भारतीय महिला टेनिस को नई दिशा दी और युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं। वे सोशल मीडिया में भी लोकप्रिय हैं। उनकी विरासत भारतीय खेलों में अमिट है। सानिया अपने बेटे इजहान को प्रशिक्षण दे रही हैं।

पवन कुमार सहरावत

भारतीय कबड्डी के बड़े सितारों में एक पवन सहरावत का जन्म 9 जुलाई 1996 को नई दिल्ली में हुआ। ‘हाई-फ्लायर’ कहे जाने वाले पवन ने अपनी आक्रामक रेडिंग और अद्भुत चपलता के दम पर कबड्डी की दुनिया में तहलका मचा दिया। उन्होंने प्रो कबड्डी लीग में बेंगलूरू बुल्स के साथ अपने करियर की शुरुआत की और बाद में तेलुगु टाइटंस और तमिल तलाइवाज जैसी टीमों के लिए खेलते हुए खुद को सुपरस्टार के रूप में स्थापित किया। 2018 में बेंगलूरू बुल्स को पहला खिताब जिताने में पवन की अहम भूमिका रही, जिसके लिए उन्हें ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर’ (एमवीपी) का खिताब भी मिला। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पवन ने भारत को गौरवान्वित किया है—2019 साउथ एशियन गेम्स और 2023 एशियन कबड्डी चैंपियनशिप में उन्होंने टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में योगदान दिया।

 

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement