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मैगज़ीन डिटेल

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ीः खिलाड़ी नहीं, ब्रांड कहिए हुजूर!

खेल मैदान तक सीमित नहीं रहा, अब ब्रांडों की स्पॉन्सरशिप और सोशल मीडिया से भी आगे पैसा उगाने की फटाफट मशीन बन चुकी है

पंजाबः आतंक के सियासी समीकरण

पुलिस चौकियों और थानों पर हमलों के बीच राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ीः खेल से राजनीति तक खिलाड़ियों का नया मैदान

भारत में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने खेल से संन्यास लेने के बाद अपनी लोकप्रियता को सामाजिक सेवा में बदलने का निर्णय लिया और राजनीति की राह पकड़ी

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ीः खेल से परदे तक

जब खिलाड़ियों की जिंदगी बनी फिल्मी कहानी

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ीः खिलाड़ी नहीं, एंटरटेनर

एक दौर था जब क्रिकेटर विज्ञापनों तक सीमित थे, लेकिन अब ओटीटी, फिल्मों और म्यूजिक वीडियो में उनका चेहरा दिखना आम हो गया है

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ीः विश्व के शीर्ष पांच खिलाड़ी

सर्वकालिक सबसे अधिक कमाई करने वाले

आवरण कथा/खेल-खिलाड़ी/आइपीएल 2025: ब्रांडिंग बनी क्रिकेट की नई भाषा

क्रिकेट अब सिर्फ गेंद और बल्ले का खेल नहीं रहा। इंडियन प्रीमियर लीग ने उसे एक ग्लोबल ब्रांडिंग प्लेटफॉर्म में बदल दिया है

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

फिल्म: बच्चों के पालन-पोषण का सवाल

धारावाहिक अडॉलेसेंस ने नई आर्थिकी और इंटरनेट तथा सोशल मीडिया से बालमन में पैदा होने वाली विकृति पर ध्यान खींचा

दुनियादारीः बदलती भूराजनीति में भारत

भारत को अमेरिका के साथ हो रहे नुकसान को कम करते हुए चीन से सौदेबाजी की राह अपनानी चाहिए

फिलस्तीन-इजरायलः द्विराष्ट्र सिद्धांत का अंत?

ट्रम्प और नेतन्याहू की मुलाकात से नहीं निकली कोई उम्मीद

बीमा: टर्म इंश्योरेंस का फंडा

बीमा अवधि से ज्यादा जीते हैं तो क्या होगा? क्या आप अपनी रकम गंवा बैठेंगे या आपके पास विकल्प हैं?

तहव्वुर राणा: आखिर प्रत्यर्पण

सत्रह साल बाद मुंबई हमले के षडयंत्रकारियों में एक राणा को भारत लाया गया, क्या सुलझेगी सबसे बड़े आतंकी हमले की गुत्थी

न्यायपालिका बनाम कार्यपालिकाः आईन ऊपर या कोई और

सुप्रीम कोर्ट के हालिया कुछ फैसलों और अंतरिम आदेशों पर उठे विवाद से संवैधानिक लोकतंत्र की पहली बार हदें टूटीं

न्यायपालिका बनाम कार्यपालिकाः मुर्शीदाबाद की लपटें

पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद से उभरी चिंगारी की ओर ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे इशारा करते लगते हैं

पुस्तक समीक्षा: गिरीश का स्वतंत्र आकाश

यह कृति शुरू से ही गिरीश कर्नाड की ऑक्सफोर्ड के रोड्स स्कॉलर के रूप में दर्शन शास्त्र, राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र की शिक्षा की 1960-63 तक की लंबी पारी पर टिकी है, पर उस पर आश्रित नहीं है

पुस्तक समीक्षाः अंधेरे जीवन की विडंबना

बाल मनोविज्ञान का विश्लेषण भी इस पुस्तक में बहुत बारीकी से किया गया है

पत्र संपादक के नाम

पाठको की चिट्ठियां

प्रथम दृष्टिः बन गए नवाब!

सुकून यह है कि अब सिर्फ क्रिकेटर ही इस देश में खेल का स्टार या सुपरस्टार नहीं है। अन्य खेलों के महारथियों की भी पूछ है, चाहे वह बैडमिंटन की सायना नेहवाल और पीवी संधू हों या जेवलिन थ्रो में ओलंपिक का गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा

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