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क्रिकेट/स्मृतिः आयरन ग्लव्स का जाना

मार्श ने 1968-69 में पहली बार पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेला
रॉडनी मार्शः (1947-2022)

रॉडनी मार्श एक बेहतरीन विकेटकीपर और तेज स्ट्रोक खेलने वाले बल्लेबाज थे। 1970 और 1980 के दशक की ऑस्ट्रेलियाई टीम के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में एक मार्श का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। टीम के साथी गेंदबाज डेनिस लिली के साथ उनकी साझेदारी बेजोड़ रही। स्कोरबोर्ड पर ‘कॉट मार्श, बोल्ड लिली’ 95 बार लिखा गया।

मार्श ने 1968-69 में पहली बार पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेला। उन्होंने 257 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिनमें 31.17 के औसत से 11067 रन बनाए। 1984 में रिटायर होने से पहले उन्होंने 869 बल्लेबाजों को आउट किया। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए मार्श ने 96 मैच में 26.51 के औसत से 3635 रन बनाए। इन मैचों में उन्होंने 355 बल्लेबाजों को आउट किया। 92 एकदिवसीय मैचों में उनका रिकॉर्ड 20.08 के औसत से 1225 रन बनाने और 124 बल्लेबाजों को आउट करने का है।

1970-71 में जब एशेज सीरीज के लिए मार्श का चयन खासतौर से उनकी बैटिंग को देखते हुए किया गया था। 1972-73 में एडिलेड में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में उन्होंने विकेट कीपिंग करने के साथ सेंचुरी भी बनाई। वे ऑस्ट्रेलिया के पहले विकेटकीपर बने जिसने टेस्ट क्रिकेट में सेंचुरी बनाई हो। करियर आगे बढ़ने के साथ मार्श बेहतरीन कलाबाजियां खाने वाले विकेटकीपर के तौर पर मशहूर होते गए। उन्हें ‘आयरन ग्लव्स’ नाम भी दिया गया, खासकर 70 के दशक में लिली और जेफ थॉमसन जैसे तेज गेंदबाजों की गेंदे रोकने के कारण।

क्रिकेट खेलना बंद होने के बाद भी मार्श का ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों के विकास में बड़ा योगदान रहा। वे ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट अकादमी के डायरेक्टर रहे। इसके अलावा इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड नेशनल अकादमी के भी डायरेक्टर बने। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें एलिट कोचिंग डेवलपमेंट का मैनेजर नियुक्त किया। वे ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता टीम के चेयरमैन भी रहे। उन्हें 1981 में ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर सम्मान मिला। वे ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट हॉल ऑफ फेम, स्पोर्ट ऑस्ट्रेलिया हॉल ऑफ फेम और आइसीसी हॉल आफ फेम के सदस्य भी रहे।

उनके निधन पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान पैट कमिंस ने कहा, “रोडनी मार्श ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट का पर्याय थे। उन्होंने 1970-71 में एशेज सीरीज के साथ शुरुआत करने के बाद 50 साल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को दिए। ऑस्ट्रेलिया के लाखों अन्य लोगों की तरह मैं भी उनकी निर्भीक और निष्ठुर क्रिकेटर की कहानियां सुनकर बड़ा हुआ। ताबड़तोड़ बैटिंग और विकेट के पीछे बेहतरीन प्रदर्शन ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सर्वकालिक महान क्रिकेटरों में शुमार किया है।”

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