तहजीब का शहर
घेरदार लाल सूट और लाल लहराता दुपट्टा पहने जब अनन्या पांडे लखनऊ की गलियों में घूमीं, तो पहचानना मुश्किल था। उनकी फिल्मों पर ध्यान मत दीजिए, झुमके और बिंदी को भी तो देखिए। पहले आप, पहले आप के चक्कर में पड़े बिना अनन्या बिंदास घूमीं और अपनी हर फोटो में जैसे यही कही, मुस्कराइए कि आप तहजीब के शहर में हैं। उनकी खुशी ही बता रही है कि शहर उन्हें रास आ गया।
बारी जाएगी नहीं
चाहे कुछ हो जाए आलिया भट्ट की बारी खत्म नहीं होगी। अभी भले ही वह बेबी बंप के साथ सुकून भरे पल बिता रही हों लेकिन एक तगड़ी फैन फॉलोइंग है, जो उनके सपोर्ट में ट्रोल आर्मी को करारा जवाब देती है। ब्रह्मास्त्र आने वाली है और बेबी ने कह दिया कि जिसे न देखना हो वह न देखे। जनता ने बायकॉट का झंडा उठाया तो उनकी सेना आइ सपोर्ट आलिया को ट्रेंड करा ले गए। इसे कहते हैं अभिनय का दम।
बस पोज है
ये किसी रहस्य-रोमांच फिल्म की शूटिंग का सीन नहीं है। ये तो बस दोस्ती का पोज है। सारा अली खान और जाह्नवी कपूर की दोस्ती की चर्चा अब कहां नहीं होती। चाहे वो कॉफी विद करण हो या कही साथ में सैर-सपाटा। छुट्टियां मनाने कहीं जाओ, तो हमेशा ही बीच पर बिकिनी में फोटो नहीं खिंचवाई जा सकती न। न हरियाली को परेशान किया जा सकता है कि वो फ्रेम में आए। इसलिए एक जैसी ड्रेस पहन कर थोड़ा अलग पोज देने से फोटो की चर्चा हो जाती है।
पलटी बाजी
फिल्मी दुनिया में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता। कल तक विकी कौशल थे, जो सैम मानकेशॉ के पहले लुक पर वाहवाही बटोर रहे थे। फिल्म आई भी नहीं कि मिलिंद सोमण आ गए। रोल वही इंदिरा गांधी को स्वीटी कहने वाला। फील्ड मार्शल के रोल में दोनों कलाकारों के पास चुनौती है कि दोनों एक ही भूमिका को अलग-अलग फिल्मों में ऐसा करें कि दर्शकों की स्मृति में बस जाएं। सोमण के लिए शायद बड़ी चुनौती हो, क्योंकि कौशल तो कई बार अभिनय का लोहा मनवा चुकें।
गलती से मिस्टेक
किसी ने कोई घोषणा की, तो उसे जरूर याद रखा जाना चाहिए। और यदि ये घोषणा कंगना रणौत द ग्रेट ने की है, तो भूलने की कोई गुंजाईश ही नहीं है। मिस स्पष्टवादी ने कहा था कि वे फिल्म फेयर से कोई पुरस्कार नहीं लेंगी। ये साल 2014 की बात है। बेचारे फिल्मफेयर वाले भूल गए। थलाइवी के लिए नामांकित कर दिया। बजाय विनम्रता से उन्हें मना करने के मैडम ने उन्हें कोर्ट की धमकी दी।