हरियाणा के जाटलैंड में वह नजारा कुछ और ही कह रहा था। जींद जिले के अपने गांव उचानाकलां में फेमिना मिस ग्रैंड इंडिया-2020 मनिका श्योकंद पहुंचीं तो भारी भीड़ फूल बरसा रही थी और नारे गूंज रहे थे। खाप पंचायतों की पुरातनपंथी बंदिशों वाले इलाके में यह देख 25 वर्षीय केमिकल इंजीनियर मनिका भी कुछ अलग ही जज्बे से भर उठी थीं। उन्होंने कहा, “आज मेरे सिर पर जो ताज है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए है। यही कहूंगी कि ऊंचे सपने देखेंगे तो आसमान छू लेंगे। 2017 में मिस वर्ल्ड बनी मानुषी छिल्लर ने साबित कर दिया था कि हरियाणा की बेटियों में बहुत दम है। अपनी मेहनत के बल पर मैं भी साबित कर दूंगी कि चार साल में हरियाणा ने दो विश्व सुंदरियां दी हैं। ऐसी बहुत-सी बेटियां हैं, जिन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।”
पिछले चार साल में जाटलैंड से निकली मनिका श्योकंद ऐसी तीसरी ‘ब्यूटी क्वीन’ हैं जिन्होंने यह खिताब हासिल किया है। उनसे पहले झज्जर जिले की मानुषी छिल्लर 2017 में मिस वर्ल्ड की खिताब से नवाजी गईं, और 2018 में मीनाक्षी चौधरी को फेमिना मिस इंडिया ताज मिला। बेशक, स्त्रियों के प्रति खाप पंचायतों के पुरातनपंथी रवैए के अलावा एक वक्त कन्या भ्रूण हत्या और ऑनर किलिंग की वारदात से कलंकित रहे हरियाणा में यह नई सुखद और खूबसूरत बयार बहने जैसा है। इससे भी बड़ा पहलू यह है कि छोटे शहरों, कस्बों, गांव-देहात और मामूली आर्थिक पृष्ठभूमि की लड़कियों में कामयाबी हासिल करने की लौ तेज हो गई है।
इसी साल फेमिना मिस ग्रैंड इंडिया-2020 में मनिका की रनर अप मान्या सिंह इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के छोटे-से गांव सहवां की मान्या के पिता मुंबई में ऑटोरिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मान्या भी पढ़ाई के साथ रेस्तरां में बर्तन साफ करने और कॉल सेंटर में काम करती रही हैं (देखें बॉक्स, सफरनामा)।
ऐसी खबरें सुदूर झारखंड से भी नमूदार हो रही हैं। इसी साल रूपाली फेमिना मिस इंडिया के फाइनल तक पहुंचीं। रूपाली की स्कूली पढ़ाई अपने ननिहाल हजारीबाग में हुई। रूपाली ने 2017 से ही मॉडलिंग की शुरुआत की और 2017 में मिस बिहार भी रह चुकी हैं। उन्हें मॉडलिंग के अलावा बेली डांस, वॉलीबॉल, बास्केट बॉल खेलने के साथ चित्रकारी का भी शौक है। हजारीबाग के ही कुम्हार टोली की स्टेफी पटेल 2018 में फेमिना मिस इंडिया स्पर्धा में पांचवें पायदान पर रहीं मगर फेमिना मिस इंडिया, झारखंड चुन ली गईं। 2014 में मिस झारखंड बनने वाली तनु राजपूत की लगन ने उन्हें 2017 में मिस इंडिया में फर्स्ट रनरअप का खिताब दिलवाया और 2019 में सिंगापुर में मिस मिलेनियम ग्लोबल यूनिवर्स का ताज भी। इसी साल रांची में हुए ट्राइबल ब्यूटी क्वीन ऑफ इंडिया 2021 में पांच राज्यों की आदिवासी युवतियों ने हिस्सा लिया, जिसमें झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम की प्रिया खेस्स फर्स्ट रनर अप रहीं।
ये कहानियां बताती हैं कि देश में एक नई लहर करवट ले रही है, जो महानगरों की बालाओं को चुनौती देने का दम भर रही हैं। यकीनन इसमें वैश्वीकरण और सोशल मीडिया तथा इंटरनेट की पहुंच की खास भूमिका है, जो हर जगह युवाओं में कामयाबी की लौ जगा रही है और अवसर भी तैयार कर रही है। इससे भी महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसी के साथ छोटे शहरों, कस्बों और यहां तक कि गांव-देहात की फितरत भी बदल रही है। हरियाणा में आज भी स्त्रियों को परदे में रखने की प्रथा जारी है, मगर भिवानी जिले में ‘दगंल गर्ल’ फोगाट बहनों के गांव बलाली में लोग बड़े गर्व से खुद को अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के सितारे गीता, बबीता, रीतू और विनेश फोगाट के गांव का बताते हैं। वहां लोग गर्व से कहते मिल जाएंगे कि राष्ट्रीय और ओलंपिक कुश्तियों में मैडल बटोरकर “म्हारी छोरियों” ने साबित कर दिया कि वे छोरों से कम नहीं हैं। आज यहां की छोरियां ग्लैमर की दुनिया में भी छा रही हैं।
मायानगरी मुंबई (तब बंबई) में 1966 में रीटा फारिया ने देश की पहली मिस वर्ल्ड खिताब जीतकर जिस दरवाजे को खोला, उसने विश्व मंच पर देश के ग्लैमर को नई पहचान दी। रीटा फारिया को अपना आदर्श मानकर उनके नक्शेकदम पर चली हरियाणा के झज्जर जिले की मानुषी छिल्लर ने 2017 में सोनीपत के भगत फूल सिंह गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकेंड इयर की पढ़ाई के दौरान फेमिना मिस हरियाणा, फेमिना मिस इंडिया के बाद मिस वर्ल्ड का ताज पहनकर हरियाणा के गांव-देहात की और लड़कियों को ग्लैमर की दुनिया के लिए प्रेरित किया है।
2018 के मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में पहली रनर अप रहीं पंचकूला की बीडीएस की छात्रा मीनाक्षी चौधरी ने 2018 का फेमिना मिस इंडिया खिताब हासिल किया। हरियाणा की इन बेटियों की उपलब्धियों पर आउटलुक से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा, “सौंदर्य प्रतियोगिताओं में ‘ब्यूटी विद ब्रेन’ का जीवंत उदाहरण पेश करके इन्होंने न केवल हरियाणा, बल्कि देश का विश्व में नाम रोशन किया है। हमारी बेटियां न केवल खेल, शिक्षा, प्रबंधन, कृषि, उद्योग जैसे क्षेत्रों में अग्रणी हैं, बल्कि अब फिल्मों और सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भी परचम लहरा रही हैं।” गौरतलब है कि तोक्यो ओलंपिक के लिए चयनित देश की 37 महिला बॉक्सर में से 22 हरियाणा की हैं।
इसी तरह जंगल, पहाड़ और झरनों की प्राकृतिक खूबसूरती से भरे-पूरे झारखंड की युवतियां अब हॉकी, फुटबॉल और तीरंदाजी के मैदान लांघकर रैम्प पर भी अपने जलवे बिखरने के लिए आगे बढ़ रही हैं। यह सफर तो बेशक प्रियंका चोपड़ा, तनुश्री दत्ता, स्टेफी पटेल जैसों की आमद से शुरू हुआ, लेकिन अब इसकी लौ निपट आदिवासी बालाओं में भी जगने लगी है। मसलन, इस साल ट्राइबल ब्यूटी क्वीन ऑफ इंडिया 2021 में पहली रनर अप रहीं प्रिया खेस्स उरांव जनजाति की हैं और जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज में बीकॉम की पढ़ाई कर रही हैं। हाल में उनके 15 एलबम वीडियो और कैलेंडर शूट हुए हैं। उनमें ऊंची उड़ान का जज्बा है।
आदिवासी बालाओं में यह प्रेरणा जगाने में झारखंड में बाहा नाम की संस्था सक्रिय है। बाहा के सीईओ डोमन टुड्डू बताते हैं कि मॉडलिंग और अदाकारी को लेकर अपने रंग की वजह से आदिवासी थोड़ी हीन भावना से ग्रस्त रहते हैं, मगर उनके रंग की अपनी सुंदरता है। पिछले सात साल से हर साल ट्राइबल ब्यूटी शो का आयोजन हो रहा है। आदिवासी मॉडलों को ट्रेनिंग के साथ मंच भी प्रदान किया जा रहा है।
आदिवासियों के अलावा स्थानीय लड़कियों में भी यह जुनून ठांठे मारने लगा है। 2014 में मिस झारखंड, 2017 में मिस इंडिया और 2019 में मिस मिलेनियम ग्लोबल यूनिवर्स का खिताब हासिल करने वालीं तनु राजपूत कोरियोग्राफी, प्रिंट शूट, कॉमर्शियल शूट, एड शूट, एल्बम शूट में व्यस्त हैं। वैसे, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन और रांची विवि से एमकॉम करने वाली तनु यूपीएससी की तैयारी में भी जुटी हैं। वे आइएएस बनना चाहती हैं और लॉ करने का भी इरादा रखती हैं।
2017 में एफबीबी कलर्स फेमिना मिस इंडिया में धनबाद के मनोरम नगर की वामिका निधि ने झारखंड का प्रतिनिधित्व किया था। तब वे मिस झारखंड चुनी गईं। वे मिस इंडिया नहीं बन पाईं मगर मिस बॉडी ब्यूटीफुल का खिताब जरूर हासिल कर लिया। धनबाद की ही सोनालिका सिन्हा छत्तीसगढ़ में अपना जलवा बिखेर रही हैं। मॉडलिंग और एक्टिंग के कारण वे छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नाम हैं। वे चार फिल्मों में काम कर चुकी हैं। धनबाद की स्वमति सेनगुप्ता, मधुरिमा तुली, पूजा चटर्जी, अश्विनी लाल, निधि जायसवाल भी मॉडलिंग की दुनिया में नाम कमा चुकी हैं। झारखंड से प्रकाशित फिल्म पत्रिका मूवी मूवमेंट के संपादक पूर्णेंदु पुष्पेश कहते हैं कि झारखंड की नई पीढ़ी में मॉडलिंग के प्रति कुछ वर्षों में आत्मविश्वास जागा है।
दरअसल 1966 में रीटा फारिया से शुरू हुए मिस वर्ल्ड के सफर को 28 साल बाद 1994 में ऐश्वर्या राय ने और 1994 में सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स तक आगे बढ़ाया। 1997 में आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद की डायना हेडन, 1999 में मुंबई की युक्ता मुखी के बाद 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम करने वाली बॉलीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा झारखंड के जमशेदपुर से जुड़ी रही हैं। जमशेदपुर से ही तनुश्री दत्ता 2004 में फेमिना मिस इंडिया रहीं, जो हाल में नाना पाटेकर पर 2009 में हार्न ओके प्लीज के सेट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर भी चर्चा में आई थीं। उन्हें मायानगरी में 'मी टू' अभियान छेड़ने का अगुआ माना गया।
छोटे शहरों और कस्बों से निकल सौंदर्य प्रतियोगिताओं के रास्ते बॉलीवुड की दुनिया में अपना करिअर बनाने वाली कई अभिनेत्रियां हैं। सुंदरता का पहला कीर्तिमान स्थापित करने के बाद डॉक्टरी के पेशे से जुड़ीं रीटा फारिया के अलावा बाकी सभी सुंदरियों ने बॉलीवुड और छोटे पर्दे पर ही भाग्य आजमाया। मानुषी छिल्लर ने यशराज फिल्म्स के बैनर तले इस साल नवंबर में रिलीज होने वाली पृथ्वीराज फिल्म में अक्षय कुमार के साथ प्रमुख भुमिका निभाई है।
ब्यूटी क्वीन्स का सिनेमा से जुड़ने का सिलसिला भी बरसों पुराना है। 1952 में मिस मसूरी खिताब जीतने वाली नूतन को पहला ब्यूटी कांटेस्ट विनर माना जाता है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में भी शानदार मुकाम कायम किया। सत्तर के दशक में सिनेमा के पर्दे को अपने ग्लैमरस लुक से जगमगाने वाली जीनत अमान ‘ब्यूटी पेजेंट’ के मंच से बॉलीवुड में पहुंचीं। 1970 में जीनत ने मिस एशिया पेसिफिक खिताब अपने नाम करके 1971 में फिल्म हलचल से हिंदी सिनेमा में करिअर शुरू किया। उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मी और चंडीगढ़ से शिक्षित 1977 की फेमिना मिस इंडिया रही पूनम ढिल्लों ने भी हिंदी फिल्मी जगत में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। 1999 में मिस इंडिया खिताब पाने के बाद मिस यूनिवर्स की प्रतिभागी रही चंडीगढ़ की गुलकीरत कौर पनाग ने हिंदी और पंजाबी फिल्मों के अलावा 2014 में चंडीगढ़ लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर सियासी दुनिया में भी कदम रखा।
गांव, कस्बों और छोटे शहरों से ग्लैमर की दुनिया के इस सफर के बारे में बॉलीवुड एक्टर, चंडीगढ़ की जोनिता डोडा कहती हैं, “कम्यूनिकेशन क्रांति ने दुनिया को छोटा कर दिया, इसलिए महानगरों की तुलना में छोटे शहरों से ज्यादा लड़कियां आगे आ रही हैं।” हिमाचल के मंडी के एक गांव से चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में ग्यारहवीं की पढ़ाई के साथ मॉडलिंग करने वाली बॉलीवुड एक्टर कंगना रनौत के स्कूल की प्रिंसीपल रही राकेश सचदेव का कहना है कि परिवारवाले उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन कंगना की दिलचस्पी मेडिकल की पढ़ाई से ज्यादा मॉडलिंग में थी, जिस पर घरवालों को भारी एतराज था, लेकिन यही शौक उसे फिल्मी दुनिया के शिखर तक ले गया।
हालांकि यह भी तर्क दिया जाता है कि सालाना 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ते 500 अरब डॉलर के सौंदर्य प्रसाधनों के वैश्विक बाजार और उत्पादों के लिए सौंदर्य प्रतियोगिताएं उपयोगी माध्यम हैं। लेकिन आउटलुक से बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा की दलील है, “सौंदर्य प्रसाधनों का ज्यादा कब्जा महानगरों और शहरों तक सीमित है। प्राकृतिक सुंदरता बिखेरती गांव-देहात की ज्यादातर लड़कियां रोजमर्रा की जिंदगी में ब्यूटी-पॉर्लर और सौंदर्य प्रसाधनों की बनावटी खूबसूरती से अभी दूर हैं। रुझान अच्छा है कि चूल्हे-चौके और खेत-खलिहानों की हरियाली संभालने वाली लड़कियां खेलों के बाद सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भी महानगरों की लड़कियों को पछाड़ रही हैं।”
शर्मा कहती हैं कि सरकारी और निजी क्षेत्र की कुछ उच्च पदस्थ महिला अधिकारियों पर गौर करें तो इन क्षेत्रों में स्त्रियों के प्रति पूर्वाग्रह और पुरुष प्रधान वातावरण के अलावा पारिवारिक ताना-बाना भी लड़कियों की जकड़बंदी की एक बड़ी वजह है। निजी क्षेत्र के अधिकारियों में उनकी भागीदारी मात्र 5 से 7 प्रतिशत है। पायलट, आइएएस या आइपीएस जैसे उच्च पदों पर भी महिलाओं की यही स्थिति है। सवाल यह भी उठाया जाता है कि क्या देह प्रदर्शन बाजारवाद को ही बढ़ाने का हिस्सा नहीं है? दरअसल हमारे देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में बेरोजगारी और शोहरत के बाजार की चमक-दमक नई उम्र की लड़कियों को नुमाइश में खींच ले जाती है।
बहरहाल, चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी के ‘सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज ऐंड डेवलपमेंट’ की संस्थापक प्रमुख डॉ. पैम राजपूत कहती हैं, “हरियाणा की ग्रामीण लड़कियों का खेलों के बाद ग्लैमर की दुनिया में ट्रेंड स्थापित करना बड़ी बात है। इसका एक असर यह होगा कि लड़कियों पर सामाजिक बंधनों की जकड़न टूटेगी, जो स्त्री-पुरुष भेदभाव दूर करने में कारगर हो सकता है।”
मनिका श्योकंद
उम्रः 25 साल
फेमिना मिस ग्रैंड इंडिया-2020 का खिताब जीतने वाली मनिका हरियाणा के गांव उचानाकलां की रहने वाली है। उन्होंने केमिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है। अब उनका सपना मिस वर्ल्ड का ताज जीतकर नया इतिहास बनाना है।
मीनाक्षी चौधरी
उम्रः 23 साल
साल 2018 के मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में पहली रनर अप। पंचकूला की रहने वाली मीनाक्षा बीडीएस की छात्रा हैं। उन्होंने 2018 में फेमिना मिस इंडिया का भी खिताब जीता।
प्रिया खेस्स
उम्रः 19 साल
ट्राइबल ब्यूटी क्वीन ऑफ इंडिया 2021 में पहली रनर अप। प्रिया, उरांव जनजाति की हैं और जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज में बीकॉम की पढ़ाई कर रही हैं। हाल में उनके 15 वीडियो एलबम और कैलेंडर शूट हो चुके हैं।
स्टेफी पटेल
उम्रः 25 साल
2018 में फेमिना मिस इंडिया स्पर्धा में पांचवें पायदान पर रहीं मगर फेमिना मिस इंडिया, झारखंड चुन ली गईं। वे झारखंड के हजारीबाग के कुम्हार टोली की हैं। इस समय वे फिल्मों में अपनी पहचान बनाने में लगी हुई हैं।
मानुषी छिल्लर
उम्रः 23 साल
2017 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता। हरियाणा के झज्जर से आने वाली मानुषी ने दुनिया में परचम लहराकर, हरियाणा के प्रति लोगों की धारणा भी बदल दी, जहां यह माना जाता रहा है कि लड़कियों के प्रति रवैया रूढ़िवादी है।