Advertisement

बॉलीवुडः सितारों का इम्तिहान

क्या लोकप्रिय कलाकरों का ‘स्टार पावर’ 2021 में बॉलीवुड को 2020 की त्रासदी से उबार पाएगा? निस्संदेह इस साल सुपरस्टारों की असली परीक्षा होगी
बड़े सितारों के कंधों पर बॉलीवुड की जिम्मेदारी

साल भर से निराशा के अंधकार में डूबे बॉलीवुड को आशा की नई किरण नजर आ रही है। पिछले मार्च से कोरोनावायरस के प्रकोप से जूझ रही हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री ने राजकुमार राव-जाह्नवी कपूर की नई फिल्म रूही के अंतत: थिएटर में रिलीज होने के बाद राहत की सांस ली है। फिल्म ने पहले चार दिनों में दस करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है।

जिस इंडस्ट्री में अनेक हिट फिल्मों ने पहले तीन दिनों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का बिजनेस किया हो, वहां रूही का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता, लेकिन ये आंकड़े तब भी सुकून देने वाले हैं। दरअसल, पूरे फिल्म जगत को इस बात का बेसब्री से इंतजार था कि दर्शक इस फिल्म को देखने थिएटर आते हैं या नहीं?

दरअसल रूही मुख्यधारा की पहली प्रमुख हिंदी फिल्म है, जो 11 मार्च को 100 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघरों को दोबारा खोलने की अनुमति के बाद प्रदर्शित हुई है। इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन अन्य फिल्मों, खासकर बड़े बजट वाले मल्टीस्टारर, की रिलीज का मार्ग प्रशस्त करेगा।

निर्माता दिनेश विजन की हॉरर-कॉमेडी रूही कोई बड़ी फिल्म नहीं है। इसका पूरा बजट किसी सुपरस्टार के प्रति-फिल्म पारिश्रमिक का आधा भी नहीं है, लेकिन इस पर बॉलीवुड की उम्मीदें टिकी हैं। 2018 में, इसकी तथाकथित प्रीक्वेल स्त्री ने बॉक्स ऑफिस पर 180 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय किया था। लेकिन तीन साल बाद परिस्थितियां बिलकुल बदली हुई हैं। इसकी सफलता या विफलता इस बात को तय करेगी कि इस वर्ष फिल्म इंडस्ट्री के अपने पैरों पर वापस खड़े होने की कितनी संभावना है।

बॉलीवुड अभी सिनेमा के इतिहास के सबसे निराशाजनक युग से गुजर रहा है। फिर भी, फिल्म उद्योग को उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में इंडस्ट्री के लोकप्रिय और दमदार सुपरस्टारों की फिल्में उसे मंदी से उबरने में मदद करेगी। पिछले महीने बॉलीवुड ने कोविड-19 के कारण सिनेमाघरों पर लगे सभी प्रतिबंधों को वापस लेने का स्वागत किया था। इसके बाद कई संभावित ब्लॉकबस्टर समझी जाने वाली फिल्मों की रिलीज की तारीखों की भी घोषणा हुई, लेकिन महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कोरोनावायरस के संक्रमण के फिर से तेजी से फैलने से फिल्मकारों को बड़ा झटका लगा है।

इसके बावजूद बॉलीवुड ने बड़ी फिल्मों के थिएटर में प्रदर्शन के लिए कमर कस ली है। अंधेरे हॉल में मूवी देखना कई पीढ़ियों से सिनेप्रेमियों का पसंदीदा शौक रहा है और फिल्मकारों को उम्मीद है कि लोग बड़ी संख्या में इन फिल्मों को देखने के लिए लौटेंगे। इस महीने रूही के बाद जॉन अब्राहम की मुंबई सागा और यश राज फिल्म्स की संदीप और पिंकी फरार सहित कई हिंदी फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं। इस माह के अंत तक बॉलीवुड को यह पता चल जाएगा कि कोविड-19 के भय से उबर कर कितने दर्शक सिनेमाघरों में वापस आ रहे हैं।

लेकिन असली परीक्षा अप्रैल में शुरू होगी जब रोहित शेट्टी की बहुप्रतीक्षित सूर्यवंशी प्रदर्शित होगी जिसमें अक्षय कुमार, अजय देवगन और रणवीर सिंह सरीखे बड़े स्टार हैं। पिछले एक वर्ष में इंडस्ट्री के लिए बहुत कुछ बदल गया हैं। मार्च से लागू देशव्यापी तालाबंदी के कारण लगभग 1000 सिंगल-स्क्रीन सिनेमाघर बंद हो चुके हैं। इस संकट के दौर में, अमेजन प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स जैसे वैश्विक ओटीटी प्लेटफॉर्म ने छोटे-छोटे शहरों में अपनी पैठ बना ली है। इस दौरान गुलाबो सिताबो, लक्ष्मी, शकुंतला देवी और कुली नंबर 1 जैसी बड़ी फिल्मों की डायरेक्ट स्ट्रीमिंग होने से सिनेमाघरों का एकाधिकार खत्म हो गया है। हालांकि, ओटीटी प्लेटफार्मों पर सीधे रिलीज की गई अधिकांश फिल्में कुछ खास नहीं कर पाई हैं, जिससे फिल्म बिरादरी को कुछ राहत मिली। उनका कहना है कि थिएटर अभी तक डिजिटल युग में अप्रासंगिक नहीं हुए हैं।

इंडस्ट्री का मानना है कि दर्शकों को वापस सिनेमाघरों में ले जाने का दारोमदार अब सलमान खान, अक्षय कुमार, शाहरुख खान, आमिर खान और अजय देवगन जैसे बड़े सितारों के कंधे पर है, जिनका टिकट काउंटर पर वर्षों से वर्चस्व रहा है। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे आने वाले हफ्तों और महीनों में अपने ब्लॉकबस्टर से फिल्मोद्योग को वापस पटरी पर ले आएंगे, जैसा वे महामारी के पूर्व करते थे। लेकिन, क्या अब यह उनके लिए आसान है?

बॉलीवुड विशेषज्ञों को कथित स्टार पावर पर अब पहले जैसा भरोसा नहीं दिखता। फिल्म ट्रेड के जानकार अतुल मोहन आउटलुक से कहते हैं कि “200-300 करोड़ रुपये के ब्लॉकबस्टर के दिन अब खत्म होते दिख रहे हैं। अगर कोई फिल्म आज 50 करोड़ रुपये की कमाई कर ले तो वही काफी होगा।”

‘कंप्लीट सिनेमा’ के संपादक मोहन का कहना है कि इंडस्ट्री मुख्य रूप से रूही के प्रति दर्शकों का रुझान जानना चाह रही है ताकि सिनेमाघरों के भविष्य के बारे में अंदाजा लगाया जा सके। “इस साल कई सुपरस्टारों की फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं लेकिन अब समय बदल गया है। सुपरस्टार सिर्फ अपने बल पर अब सिनेमाघरों में दर्शकों को नहीं खींच सकते। मुझे नहीं लगता है कि इंडस्ट्री 2022 से पहले पूरी तरह से उबर पाएगी।”

मोहन के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान देश भर में 1,000 से अधिक सिंगल-स्क्रीन थिएटरों को बंद करना पड़ा। उनका कहना है, “केंद्र सरकार के 100 प्रतिशत क्षमता के साथ सिनेमाघरों को फिर से खोलने की छूट देने के बावजूद महाराष्ट्र सहित कई राज्य हैं, जहां पूरी क्षमता के साथ सिनेमाघरों को चलाने की अनुमति नहीं मिली है। इस कारण बड़े निर्माता अपनी फिल्मों की रिलीज टाल रहे हैं।”

मोहन, रोहित शेट्टी की मल्टी-स्टारर सूर्यवंशी और कबीर खान की 83 का उदाहरण देते हैं, जिनके निर्माता लगभग एक साल से अपनी-अपनी फिल्म के प्रदर्शन के लिए सिनेमाघरों के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। अब सूर्यवंशी 30 अप्रैल को और 83 चार जून को प्रदर्शित होगी।

मल्टीप्लेक्स कंपनी पीवीआर लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक संजीव कुमार बिजली का कहना है कि देश भर और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में सिनेमाघरों को फिर से खोलना आश्वस्त करने वाला है। वे कहते हैं, “हम जल्द से जल्द बड़े पर्दे पर अपनी फिल्मों को दर्शकों को दिखाने के लिए उत्सुक हैं।” इन फिल्मों में सूर्यवंशी और 83 दोनों शामिल हैं। 

पीवीआर पिक्चर्स के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी का कहना है कि हमसे ज्यादा कोई भी नहीं चाहता कि बड़े पर्दे पर फिल्में प्रदर्शित हों।

लेकिन इंडस्ट्री के साथ-साथ अधिकतर सिनेमाहॉल, खासकर सिंगल-स्क्रीन थिएटर अब भी पुराने दिनों की वापसी का इंतजार ही कर रहे हैं। भले ही उनमें से कई आंशिक रूप से अक्टूबर में सात महीने बाद फिर से खुल गए थे, लेकिन उनमें दर्शक न के बराबर देखे गए। नई और बड़ी फिल्मों के अभाव में थिएटर मालिकों के पास पुरानी फिल्मों या कम बजट की नई फिल्मों को चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। परिणामस्वरूप, कई थिएटरों को फिर से बंद करना पड़ा।

थिएटर मालिकों ने बाद में सलमान खान से अपनी अगली फिल्म राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई को सीधे सिनेमाघरों में रिलीज करने की गुहार लगाई है। सलमान ने अब घोषणा की है कि राधे 13 मई को ईद के अवसर पर सीधे सिनेमाघरों में रिलीज होगी। हालांकि, उनका अब भी कहना है कि स्थितियां पूरी तरह से अनुकूल नहीं हैं। मुंबई के एक हालिया कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “कई थिएटर बंद हो गए हैं और वे कब्रिस्तान जैसा एहसास दे रहे हैं। यह दुविधा वाली स्थिति है।”

सलमान के अनुसार, उनके पास इस साल रिलीज होने वाली तीन फिल्में (राधे, अंतिम और कभी ईद कभी दीवाली) हैं। इसके अलावा उनकी ब्लॉकबस्टर फ्रेंचाइज, किक और टाइगर के अगले संस्करणों पर भी काम हो रहा है। लेकिन क्या वे अपने प्रशंसकों को वैसे ही आकर्षित कर पाएंगे, जैसा उन्होंने अतीत में किया था? राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म लेखक विनोद अनुपम के अनुसार, अब यह मुमकिन नहीं है। “सुपरस्टारों के हिंदी सिनेमा का युग अब समाप्त हो गया है। दर्शक अब केवल एक सुपरस्टार नहीं, बल्कि अच्छा कंटेंट देखना चाहते हैं।”

हालांकि, अनुपम का यह भी कहना है कि महज कंटेंट भी दर्शकों को सिनेमाघरों में वापस लाने के लिए पर्याप्त नहीं है। वे कहते हैं, “पंकज त्रिपाठी जैसे अच्छे अभिनेताओं वाली अच्छी सामग्री वाली फिल्म अब भी छह इंच के मोबाइल फोन पर देखी जा सकती है। फिल्म निर्माताओं को अब भव्य पैमाने पर फिल्में बनानी होंगी, कुछ ऐसा बनाना पड़ेगा जिसका आनंद दर्शक अपने सेल फोन से न ले पाएं। यह दर्शकों को सिनेमाघरों में वापस लाने का एकमात्र तरीका है।”

फिलहाल बॉलीवुड ने अपने नामचीन स्टारों की बड़ी फिल्मों पर सब कुछ दांव पर लगा दिया है। अक्षय कुमार की कम से कम तीन फिल्में- बेल बॉटम, अतरंगी रे और पृथ्वीराज इस साल रिलीज के लिए तैयार हैं। शाहरुख खान ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म पठान की शूटिंग शुरू कर दी है, जिसमें सलमान भी छोटी भूमिका में हैं।

आमिर खान इस साल टॉम हैंक्स की चर्चित हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गम्प (1994) के आधिकारिक रीमेक लाल सिंह चड्ढा की क्रिसमस पर रिलीज की तैयारी में जुटे हैं। अजय देवगन भी मे डे और मैदान की शूटिंग में व्यस्त हैं। रणबीर कपूर और रणवीर सिंह की इस साल दो से तीन बड़ी फिल्में रिलीज होने वाली हैं।

बॉलीवुड इस समय केवल उम्मीद कर सकता है कि लोकप्रिय कलाकरों की ‘स्टार पावर’ 2021 में उन्हें 2020 के त्रासदी से उबरने का मौका देगी। यह निस्संदेह सुपरस्टारों की असली परीक्षा का साल होगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement