Advertisement
04 मार्च 2024 · MAR 04 , 2024

ग्रैमी अवॉर्ड: संगीत की‘शक्ति’

विश्वभर के संगीतज्ञों के जुटान के इस प्रतिष्ठित समारोह में इस बार भारत के संगीतकारों का रहा बोलबाला
ताल से ताल: (बाएं से) गायक शंकर महादेवन, वायलिनवादक गणेश राजगोपालन, तबला उस्ताद जाकिर हुसैन और वी. सेल्वागणेश 66वें ग्रैमी अवॉर्ड में

दुनिया भर से जुटे संगीतकारों के मेले- ग्रैमी अवॉर्ड में इस बार भारत का भी दबदबा रहा। 2024 के ग्रैमी अवॉर्ड्स में इस बार पांच भारतीयों ने अवॉर्ड जीत कर धूम मचा दी। संगीत के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित ग्रैमी अवॉर्ड्स में मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन, बांसुरी वादक राकेश चौरसिया, गायक शंकर महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और ऑर्केस्ट्रा अरेंजर सेल्वागणेश विनायकराम छाए रहे। जाकिर हुसैन ने तीन ग्रैमी पुरस्कार अपने नाम किए, तो राकेश चौरसिया की झोली में दो अवॉर्ड्स आए। गायक शंकर महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और ऑर्केस्ट्रा अरेंजर सेल्वागणेश विनायकराम के फ्यूजन संगीत बैंड ‘शक्ति’ ने ‘दिस मोमेंट’ के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम की श्रेणी में 2024 का ग्रैमी पुरस्कार जीता। ‘दिस मोमेंट’ ने दुनिया भर के श्रोताओं का दिल जीत लिया था। इस एल्बम में संगीत समूह के संस्थापक सदस्य ब्रिटिश गिटार वादक जॉन मैकलॉगिन के साथ हुसैन, महादेवन, गणेश राजगोपालन और सेल्वागणेश विनायकराम शामिल हैं।

यह भी दिलचस्प है कि शक्ति बैंड की ‘दिस मोमेंट’ प्रस्तुति 45 से भी ज्यादा साल बाद आई। इस एल्बम को जून 2023 में रिलीज किया गया था। जाकिर हुसैन को शक्ति के अलावा ‘पश्तो’ के सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत और ‘एज वी स्पीक’ के लिए सर्वश्रेष्ठ समसामयिक वाद्य एल्बम का अवॉर्ड मिला।

हर साल संगीत के क्षेत्र के सबसे बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड का आयोजन करने वाली रिकॉर्डिंग एकेडमी ने सोशल मीडिया मंच एक्स के अपने पेज पर जैसे ही यह घोषणा की कि सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम विजेता ‘दिस मोमेंट’ के लिए शक्ति को बधाई तो भारत में खुशी की लहर दौड़ गई।

सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रस्तुति की श्रेणी में आठ नामांकन थे, जिसमें फाल्गुनी पाठक यानी फालू का गीत ‘अबन्डंस इन मिलेट्स’ शामिल था। शक्ति के बाद जैसे ही दिग्गज बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे राकेश चौरसिया को अमेरिका के बेंजो वादक बेला फ्लेक और अमेरिकी बास वादक एडगर मेयेर के साथ ‘पश्तो’ और ‘एज वी स्पीक’ के लिए दो ग्रैमी पुरस्कार मिला, भारत में खुशी की लहर उत्सव में तब्दिल हो गई।

हुसैन ने ‘पश्तो’ के लिए पुरस्कार लेते हुए कहा, “प्रेम और संगीत के बिना हम कुछ भी नहीं हैं।” गौरतलब है कि ग्रैमी अवॉर्ड्स में हुसैन की यह पहली जीत नहीं हैं। उन्होंने पहले भी विभिन्न श्रेणियों और एकल वर्ग में ग्रैमी पुरस्कार जीता है। शंकर महादेवन ने अपनी जीत का श्रेय पत्नी संगीता को दिया। दिलचस्प बात यह है कि राकेश चौरसिया पहली बार इसमें नॉमिनेट हुए थे। पहली ही बार में दो ग्रैमी जीतने पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि यह उनके लिए बड़ी बात है और इस खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे दो अवॉर्ड लेकर भारत लौटेंगे।  

स्लमडॉग मिलेनियर के लिए 2008 में दो ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले ए.आर. रहमान इस जीत से इतने गदगद हुए कि उन्होंने तुरंत इंस्टाग्राम पर हुसैन, महादेवन और सेल्वागणेश के साथ एक सेल्फी साझा की और लिखा, भारत के लिए ग्रैमी में बरसात हो रही है, ग्रैमी विजेताओं उस्ताद जाकिर हुसैन (तीन ग्रैमी), शंकर महादेवन (पहला ग्रैमी) और सेल्वागणेश (पहला ग्रैमी) को बधाई।

ग्रैमी अवॉर्ड संगीत की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। इसमें अलग-अलग शैलियों, जैसे पॉप, रॉक, कंट्री, जैज, हिप-हॉप आरबी और शास्त्रीय संगीत श्रेणी में संगीतकारों को सम्मानित किया जाता है। इसके समारोह में विजेताओं को प्रतीक स्वरूप एक ग्रामोफोन की प्रतिकृति दी जाती है। ग्रैमी नाम ग्रामोफोन और संगीत उद्योग में ग्रामोफोन के आगमन से आई क्रांति को भी दर्शाता है। शायद दुनिया भर में हर संगीतकार की इच्छा रहती है कि जीवन में कम से कम एक बार उसके द्वारा रचे गए संगीत को ग्रैमी पुरस्कार मिले। इसके पीछे विदेशी पुरस्कार की मंशा नहीं होती, बल्कि इस मंच पर आ जाने से संगीत को वैश्विक पहचान मिल जाती है। इससे यह भी न समझिए, कोई संगीत कम या बेशी सुरीला है।

ग्रैमी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

. ग्रैमी की शुरुआत नेशनल एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एेंड साइंसेज (एनएआरएएस) ने 1959 में की थी। संगीतकारों को दिए जाने वाला यह सबसे बड़ा अवॉर्ड है।

. पहले समारोह में 28 ग्रैमी अवॉर्ड दिए गए थे। समय के साथ-साथ संगीत स्टाइल बढ़े, तो अवॉर्ड्स की संख्या बढ़ने लगी। 2011 में एनएआरएएस ने अवॉर्ड कटगरी की संख्या 109 से 78 कर दी थी।

. 2010 में ए.आर. रहमान को स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल साउंडट्रैक श्रेणी में ग्रैमी मिला था।

. सबसे अधिक ग्रैमी पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड जॉर्ज सोल्टी के पास है। उन्होंने कुल 31 पुरस्कार जीते हैं।

. सबसे अधिक ग्रैमी नामांकन प्राप्त करने का रिकॉर्ड जॉर्ज सोल्टी और क्विंसी जोंस के पास है। दोनों को कुल 79 बार नामांकित किया गया था।

. बेयॉन्से ने 2023 में 29 ग्रैमी पुरस्कार जीत कर रिकॉर्ड बनाया था।

. ग्रैमी पुरस्कार 94 श्रेणियों में दिए जाते हैं।

. ग्रैमी पुरस्कार समारोह दुनिया का सबसे ज्यादा देखे जाने वाले अवॉर्ड समारोहों में से एक है।

पहले भी बजा भारत का डंका

. यह पहली बार नहीं है, जब भारत ने ग्रैमी में अपना जलवा बिखेरा है। इससे पहले भी कई भारतीय इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को अपने नाम कर चुके हैं। पंडित रविशंकर के नाम के बिना अवॉर्ड जीतने वालों का जिक्र अधूरा है। भारत के प्रसिद्ध सितारवादक और संगीतकार पहले व्यक्ति थे, जो एकदम पहली बार ग्रैमी के मंच पर पहुंचे थे। अलग-अलग साल में चार बार उन्हें यह अवॉर्ड मिला। 2013 में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए ग्रैमी की तरफ से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

. जुबिन मेहता इस अवॉर्ड के लिए कुल 23 बार नॉमिनेट हुए थे। संगीत की दुनिया में जाना-माना नाम जुबिन को पांच बार यह सम्मान मिला।

. दक्षिण के बड़े संगीतकार टी.एच. विनायकरम ने 1 बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता है। उन्हें जाकिर हुसैन के साथ जुगलबंदी में ये सम्मान मिला था।

. दुनिया भर के चहेते संगीतकार ए.आर. रहमान को दो बार ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें स्लमडॉग मिलेनियर के लोकप्रिय गाने, ‘जय हो’ के लिए भी ग्रैमी मिला था। इसी गाने के लिए गुलजार को भी बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में अवॉर्ड मिला था।

. दो बार के ग्रैमी अवॉर्ड विजेता, रिकी केज ने इस साल तीसरी बार यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीता है। केज ने यह अवॉर्ड रॉक लीजेंड स्टीवर्ड कोपलैंड के साथ डिवाइन टाइड के लिए जीता है।

. मुंबई में जन्मीं फाल्गुनी शाह अब भले ही अमेरिका में रहती हैं। 2022 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल एल्बम श्रेणी में 'ए कलरफुल वर्ल्ड' के लिए पहला ग्रैमी मिला था।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement