छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से करीब पांच किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में 14 अक्टूबर को मिले मां-बेटी के शव के बाद से पूरा जिला खबरों में बना हुआ है। बताया जा रहा है कि सूरजपुर में हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख की पत्नी और 11 साल की बेटी की हत्या इसलिए हुई क्योंकि वे उस पुलिस दल के सदस्य थे जो एक आदतन अपराधी को पकड़ने पहुंचा था। जिला पुलिस के मुताबिक, 13 अक्टूबर को जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन चल रहा था। शाम ढलने के काफी देर बाद तक सूरजपुर जिला के वार्ड क्रमांक 13 के मानपुर मोहल्ले का रहने वाला कुलदीप साहू कुछ साथियों के साथ पुराने बस स्टैंड पर बैठा था। रात करीब नौ बजे कॉन्स्टेबल घनश्याम सोनवानी ने देखा, तो जिला बदर कुलदीप को पकड़ने का प्रयास किया। आरोपी ने उस दौरान उनके ऊपर कड़ाही का खौलता तेल डाल दिया। यह देखकर मौके पर मौजूद हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख और अन्य पुलिसवाले उसकी और दौड़े। घनश्याम ने उन्हें कार से कुचलने की कोशिश की और फरार हो गया। पुलिस ने उसका पीछा किया और कई जगह तलाशी ली पर देर रात तक कुलदीप का कुछ भी पता नहीं चल पाया।
जिला पुलिस के मुताबिक तालिब शेख जब देर रात घर पंहुचे तो बाहर का दरवाजा टूटा हुआ था। घर से उनकी पत्नी और बेटी गायब थे और हर जगह खून बिखरा हुआ था। घबराए शेख ने पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। पुलिस ने पत्नी और बेटी की खोजबीन शुरू कर दी। इस बीच शक के आधार पर पुलिस कुलदीप साहू को पकड़ने में भी लगी रही। अगले दिन पीढ़ा गांव में एक नहर के पास खेत में दो शव मिले, जिनकी शिनाख्त शेख की पत्नी और बेटी के रूप में हुई। यह खबर जिले में आग की तरह फैल गई। लोग कुलदीप साहू के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। लोगों का हुजूम उसके घर पर जुट गया और उसकी गिरफ्तारी की मांग उठने लगी। इस बीच गुस्साई भीड़ ने कुलदीप साहू के घर और गोदाम के बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी।
एसडीएम पर भीड़ का हमला
बताया जा रहा है कि कुलदीप साहू जिले का सबसे बड़ा कबाड़ी है और शहर का पुराना अपराधी है। इसीलिए लोग उसके खिलाफ इतना भड़क गए कि उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला पुलिस को बाकायदे एक मार्च निकालना पड़ा और सरगुजा के आइजी अंकित गर्ग को सूरजपुर आना पड़ा। गर्ग ने साहू की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। अगले ही दिन खबर आई कि कुलदीप साहू पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक एमआर अहीरे ने बताया कि पुलिस ने झारखंड की सीमा से लगे बलरामपुर जिले से कुलदीप साहू को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने साहू सहित पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में से एक को एक राजनैतिक दल के युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष बताया जा रहा है, जिसने एक दिन पहले एक वीडियो जारी किया था। उक्त वीडियो में उसने कहा था कि साहू के साथ उसका कोई रिश्ता नहीं है और उसे इस मामले में जबरदस्ती फंसाया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि इस विवाद की शुरुआत कुछ दिन पहले हुए एक जगराता कार्यक्रम के दौरान हुई थी। उस दौरान कुलदीप के बड़े भाई संदीप की कुछ लोगों से कहासुनी हो गई थी। उन्हीं लोगों की राजनैतिक पहुंच के चलते कुलदीप के बड़े भाई को पुलिस ले गई थी, हालांकि पुलिस को संदीप के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला। एक पुलिसवाले के साथ हुए ऐसे अपराध ने समाज और प्रशासन दोनों को सकते में डाल दिया है।