इजराइली सेना के मुताबिक दिन में चलाए गए जटिल अभियान के दौरान उसे भारी गोलीबारी का सामना करना पड़ा। चार बंधकों को जीवित बचाने पर इजराइलियों ने अभियान को सफलता के रूप में मनाया।
माना जाता है कि घनी आबादी वाले इलाकों में या हमास की सुरंगों के अंदर बड़ी संख्या में बंधकों को रखा गया, जिससे ऐसे अभियान अधिक जटिल और जोखिम भरे हो जाते हैं। फरवरी में इसी तरह की एक छापेमारी की कार्रवाई में दो बंधकों को मुक्त कराया गया था। अभियानन के दौरान 74 फलस्तीनियों की भी मौत हो गई थी।
शनिवार को छापेमारी में करीब 700 लोग घायल हुए हैं। मंत्रालय ने फिलहाल हताहतों में महिलाओं और बच्चों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन पास के शहर दीर अल बलाह के अस्पताल में कई लोगों का उपचार चल रहा है। इजराइलियों ने 26 वर्षीय नोआ अरगामनी, 22 वर्षीय अल्मोग मीर जान, 27 वर्षीय एंड्री कोजलोव और 41 वर्षीय श्लोमी जिव की वापसी का जश्न मनाया।
इजराइल के सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि बंधकों को नुसेरात शिविर के केंद्र में एक-दूसरे से लगभग 200 मीटर दूर दो अपार्टमेंट में रखा गया था। हगारी ने बताया कि बचाव दल को बंदूकधारियों द्वारा रॉकेट चालित हथगोले से निशाना बनाए जाने के बाद सेना दल को घटनास्थल से निकालने और बंधकों को मुक्त करने के लिए विमानों सहित भारी बल का इस्तेमाल किया।
इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल कैट्ज ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में अभियान के आलोचकों पर हमला बोला। उन्होंने कहा ‘‘ केवल इजराइल के दुश्मनों ने हमास आतंकवादियों और उनके साथियों के हताहत होने की शिकायत की।’’
हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल पर हमला कर करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था जिनमें से लगभग आधों को नवंबर में एक सप्ताह के संघर्ष विराम के बाद रिहा कर दिया गया। करीब 120 बंधक अब भी बचे हुए हैं, जिसमें से 43 की मौत हो चुकी है। जीवित बचे लोगों में लगभग 15 महिलाएं, पांच वर्ष से कम उम्र के दो बच्चे और 80 वर्ष से अधिक उम्र के दो पुरुष शामिल हैं।
शनिवार को अभियान के बाद सैन्य अभियान में मुक्त कराए गए कुल बंधकों की संख्या सात हो गई, जिसमें से एक को अक्टूबर के हमले के तुरंत बाद मुक्त कर दिया गया था। सरकार के अनुसार, इजराइल सैनिकों ने कम से कम 16 अन्य लोगों के शव बरामद किए हैं।