आयोवा कॉकस से 1 फरवरी को शुरू हुए सिलसिलेवार प्राइमरी चुनावों के एक महीने बाद ट्रंप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के रिपब्लिकन दावेदारों में सबसे आगे पहुंचकर राजनीतिक पंडितों को चौंका रहे हैं और उनकी तूफानी बढ़त से पार्टी नेतृत्व हैरत में है। देशभर में हो रही उनकी रैलियों में हजारों की भीड़ जुट रही है जो अन्य उम्मीदवारों से कई गुना अधिक है। मंगल के महादंगल (सुपर ट्यूज्डे) के बाद ट्रंप के पास 319 प्रतिनिधियों का समर्थन है, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वियों, टेड क्रुज के पास 226 और मार्को रूबियो के पास 110 प्रतिनिधियों का समर्थन है।
इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए ट्रंप को कुल 2,472 प्रतिनिधियों में से।,237 प्रतिनिधियों की आवश्यकता है जो राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन प्राइमरी और सभी 50 राज्यों में कॉकस के दौरान चुने जाएंगे। ट्रंप को अब 918 प्रतिनिधियों की आवश्यकता है। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वह अपनी राष्ट्रीय लोकप्रियता के चलते यह आंकड़ा हासिल कर लेंगे। प्रमुख मीडिया संगठनों ने कल खबर दी कि शीर्ष रिपब्लिकन नेतृत्व इस विचार के खिलाफ है कि राष्ट्रपति पद के लिए अरबपति ट्रंप पार्टी के उम्मीदवार बनें।
चार राज्यों- कंसास, केंटकी, लुसियाना और माइने में शनिवार को चुनाव हुए तथा ट्रंप उनमें से तीन में आगे चल रहे हैं। इन राज्यों में मिलने वाली जीत उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारी हासिल करने के एक कदम और करीब ले आएगी। ट्रंप ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दिशा में हैं और वह पार्टी को एकजुट तथा विस्तारित करेंगे। उनकी यह बात पार्टी नेतृत्व की आशंका के विपरीत है। व्हाइट हाउस ने भी रिपब्लिकन नेतृत्व की आशंका साझा की है। इसके प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि जैसा कि बहुत से रिपब्लिकनों ने कहा है कि शीर्ष पद पर ट्रंप की मौजूदगी उचित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ट्रंप की विभाजक सोच वाली बातें इस देश के उन मूल्यों के खिलाफ हैं जो इसने लंबे समय से सहेज कर रखी हैं।