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भारतीय/अमेरिकी आईटी पेशेवर एच।बी विधेयकों से चिंता में

हाल ही में भारतीय मूल के करीब सैकड़ों अमेरिकी आईटी पेशेवर इन मुद्दों पर चिंता प्रकट करने के लिए सिलिकॉन वैली में एकत्रित हुए थे और उन्होंने मुद्दे पर सांसदों तथा नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता महसूस की।
भारतीय/अमेरिकी आईटी पेशेवर एच।बी विधेयकों से चिंता में

        ग्लोबल इंडियन टेक्नोलाजी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन :जीआईटीपीआरओ: के अध्यक्ष खांडेराव कंद ने कहा,  हम किसी भी तरह के दुरपयोग को रोकने का समर्थन करते हैं,  लेकिन अधिकतर विधेयक न्यूनतम वेतन में वृद्धि और अर्हताओं को बढ़ाने पर केंद्रित हैं जिसका प्रतिकूल प्रभाव अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्नातक हुए नए भारतीय छात्रों पर पड़ेगा और साथ ही उन कुशल पेशेवरों पर भी, जिनके पास कुछ साल का ही अनुभव है।

   एच।बी एक गैर प्रवासी वीजा है। यह अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारी रखने की अनुमति देता है जिनमें विशेष क्षेत्रों में सैद्धांतिक और तकनीकि विशेषग्यता चाहिए होती है। हर साल हजारों कर्मचारियों के लिए कंपनियां इस पर निर्भर होती हैं।

   विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लिखे एक पत्र में राव ने कहा कि देशों के हिसाब से ग्रीन कार्ड के लिए निर्धारित किए गए कोटा की वजह से वर्तमान में भारत से ग्रीन कार्ड :स्थाई निवासी: आवेदक अनुचित रूप से प्रभावित हुए हैं।

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