अमेरिका ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमलों के बीच धार्मिक और आधारभूत मानवाधिकारों सहित मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान का आह्वान किया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत लगातार चिंता व्यक्त कर रहा है।
हाल ही में हिंदुओं के जाने-माने नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद से यहां लगातार तनाव जारी है। इस पूरे मामले पर अमेरिका ने चिंता जताई है। उसका कहना है कि अल्पसंख्यकों की रक्षा करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का दायित्व है। साथ ही यह भी कहा कि मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए।
सप्ताह के अंत में बांग्लादेश से आए हिंदुओं ने चिन्मय दास की रिहाई और बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा की मांग को लेकर व्हाइट हाउस में एक रैली भी आयोजित की।
अमेरिका ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच मंगलवार को बांग्लादेश में धार्मिक और बुनियादी मानवाधिकारों सहित मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान का आह्वान किया। विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, 'हम हर उस सरकार के साथ सुसंगत हैं जिसके साथ हमारा संबंध है। हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि सरकारों को कानून के शासन का सम्मान करने की जरूरत है। उन्हें इसके हिस्से के रूप में बुनियादी मानवाधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता है। यह कुछ ऐसा है जिस पर हम जोर देना जारी रखेंगे। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और बुनियादी मानवाधिकारों के लिए सम्मान की आवश्यकता है। किसी भी तरह का प्रदर्शन होना चाहिए, मगर शांतिपूर्ण होना चाहिए।
पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों को उचित प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है और उनके साथ मूलभूत मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।
अमेरिका के वरिष्ठ सांसद ब्रैड शेरमैन ने कहा, 'बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह दायित्व है कि वह अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और हालिया हमलों एवं उत्पीड़न के खिलाफ हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरोध प्रदर्शनों का सार्थक ढंग से समाधान करे।'
उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन से पहले और उसके बाद हुए दंगो के दौरान हत्याओं और अन्य अधिकारों के उल्लंघन के लिए बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से जांच की मांग के साथ, वर्तमान प्रशासन को हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को खत्म करने में नेतृत्व का प्रदर्शन करना चाहिए।