अफगानिस्तान पर अपनी नीति को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने कदम का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास इसे "तार्किक, तर्कसंगत और सही निर्णय" के रूप में दर्ज किया जाएगा।
तालिबान ने अफगानिस्तान पर 15 अगस्त को सत्ता पर कब्जा कर लिया था, इससे दो हफ्ते पहले अमेरिका ने 20 सालों के युद्ध के बाद अपनी सेना की वापसी करने के लिए तैयार किया था।
नए तालिबान शासन से बचने और अमेरिका और कई यूरोपीय देशों सहित विभिन्न देशों में शरण लेने के लिए हजारों अफगान नागरिकों सहिता कई विदेशी देश से भाग रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप काबुल हवाई अड्डे पर अराजकता और भय का माहौल बना हुआ है।
हालांकि इन सब के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति अपने फैसले पर अब भी कायम हैं। उन्होंने रविवार को व्हाइट हाउस में एक बातचीत में संवाददाताओं से कहा, "मुझे लगता है कि इतिहास दर्ज करने जा रहा है कि यह तार्किक, तर्कसंगत और सही फैसला था।"
भारतीय-अमेरिकी राजनेता और संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी दूत निक्की हेली ने पहले दिन कहा था, "उन्होंने (अमेरिकी प्रशासन) अमेरिकी लोगों को आत्मसमर्पण कर दिया है और अमेरिकी लोगों को वापस लेने से पहले वास्तव में हमारे सैनिकों को वापस ले लिया है।"