अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दिवाली समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीयों की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच ‘बहुत अच्छे संबंध’ हैं, और मोदी रूस-यूक्रेन खत्म होते देखना चाहते हैं।
ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि भारत रूस से ‘बहुत अधिक’ तेल नहीं खरीदेगा। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी व्यापारिक नेताओं और समुदाय के प्रमुख व्यक्तियों की मेजबानी की, ओवल ऑफिस में पारंपरिक तरीके से दीप जलाया, और भारत व भारतीय-अमेरिकियों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने समारोह में आए भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने आज ही आपके प्रधानमंत्री से बात की। हमारे बीच विस्तृत बातचीत हुई। हमने व्यापार पर बात की, कई मुद्दों पर चर्चा की। वह इस विषय में काफी रुचि रखते हैं।’
मोदी को ‘एक महान व्यक्ति’ बताते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘वह बीते वर्षों में मेरे अच्छे मित्र बन गए हैं।’ राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘हमने थोड़ी देर पहले बात की थी कि पाकिस्तान के साथ कोई युद्ध न हो। व्यापार पर भी बात की गई। भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध नहीं है। यह एक बहुत ही अच्छी बात है।’
ट्रंप कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष को “सुलझाने में मदद की”। हालांकि, भारत ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि मई में पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम, दोनों देशों की सेनाओं के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के सीधे संवाद के जरिए हुआ था।
बाद में एक मीडिया बातचीत के दौरान, ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि भारत रूस से ‘बहुत अधिक’ तेल नहीं खरीदेगा। एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत “कुछ बेहतरीन समझौतों” पर मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे भारत के लोग बहुत पसंद हैं… मैंने आज प्रधानमंत्री मोदी से बात की, जैसा कि मैंने पहले भी बताया, हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं… वह (मोदी) रूस से ज़्यादा तेल नहीं खरीदेंगे। वह भी मेरी तरह चाहते हैं कि यह युद्ध खत्म हो। वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का अंत देखना चाहते हैं।’
ट्रंप ने दावा किया, ‘जैसा कि आप जानते हैं, वे बहुत ज्यादा तेल नहीं खरीदेंगे। उन्होंने इसमें भारी कटौती की है, और वे इसे और भी कम कर रहे हैं।’
अमेरिका का कहना है कि भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण युद्ध के लिए वित्तीय सहायता मिल रही है।
भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिका और भारत के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इसमें से 25 प्रतिशत शुल्क रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया था। भारत ने अमेरिका की इस कार्रवाई को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अकारण’ बताया था।
पिछले सप्ताह ट्रंप ने कहा था कि यदि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखता है तो उसे भारी भरकम शुल्क चुकाने पड़ेंगे।उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी से उन्हें यह आश्वासन मिला है कि भारत अब मास्को से तेल खरीदना बंद कर देगा।
ट्रंप के इस दावे के कुछ घंटों बाद भारत की ओर से जवाब आया कि वह ऊर्जा की आपूर्ति के स्रोतों को ‘व्यापक और विविध’ बना रहा है ताकि बाज़ार की परिस्थितियों के अनुसार अपनी जरूरतें पूरी कर सके।