अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पारित हो गया। इससे पहले अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बुधवार को लगभग 10 घंटे तक बहस हुई। निचले सदन से प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद अब ऊपरी सदन सीनेट में मुकदमा चलेगा।
अमेरिकी समय के मुताबिक बुधवार को अमेरिका के निचले सदन में ट्रंप के ऊपर लगे दो आरोपों पर विस्तृत चर्चा हुई। अमेरिका के राष्ट्रपति पर पहला आरोप है कि उन्होंने करदाताओं के पैसे का प्रयोग अपने निजी हित और राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया। उनके ऊपर दूसरा आरोप है कि इस आरोप की जांच के लिए उन्होंने कांग्रेस की जांच प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की।
इस दौरान डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि सुसान डेविस ने सदन में भाषण देते हुए कहा, “हम राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं लगा रहे हैं। वह खुद ही ऐसा कर रहे हैं। आप राष्ट्रपति हैं और आप न्याय में बाधा डालते हैं। आप एक विदेशी नेता को रिश्वत देने का प्रयास करते हैं। आप राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हैं। आपका महाभियोग होगा।”
अगले महीने सीनेट में करना पड़ सकता है मुकदमे का सामना
ट्रंप को अगले महीने सीनेट में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है, मगर यहां उनकी पार्टी को बहुमत है। ऐसे में नहीं लगता है कि उन्हें पद से हटाया जा सकेगा। इससे पहले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैन्सी पॉलोसी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की बतौर राष्ट्रपति उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मंगलवार की शाम को ही डोनाल्ड ट्रंप ने नैन्सी पॉलोसी को चिट्ठी लिखकर उन्हें खरी-खोटी सुनाई थी।
डोनाल्ड ट्रंप का पलटवार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नैन्सी पॉलोसी के लिए चिट्ठी लिखी थी, जिसे सभी डेमोक्रेट्स सदस्यों के लिए संबोधित किया गया था। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चिट्ठी में कहा कि मेरे खिलाफ जो महाभियोग लाने की कोशिश की जा रही है, वह अमेरिकी इतिहास में लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला है। जो बिडेन के सहयोगियों के द्वारा मुझे मेरे पद से हटाने का प्रयास है।
ट्रंप को है भरोसा
ट्रंप (73) अगले महीने सीनेट में सुनवाई का सामना कर सकते हैं, लेकिन गौरतलब है कि इस सदन में रिपब्लिकन का नियंत्रण है तथा ट्रंप भी रिपब्लिकन नेता हैं। ट्रंप को भरोसा है कि डेमोक्रेटों को उन्हें पद से हटाने के लिए जरूरी दो तिहाई सीनेटरों का समर्थन नहीं मिलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘वे केवल राष्ट्रपति पर प्रभुत्व दिखाना चाहते हैं। उनका उचित जांच का कोई इरादा नहीं है। वे कोई अपराध नहीं खोज सके इसलिए सत्ता और कांग्रेस के दुरुपयोग का अस्पष्ट सा आरोप लगा दिया।’’ उन्होंने जोर दिया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और चरमपंथी वाम पक्ष उन पर महाभियोग चलाना चाहता है। ट्रंप ने कहा, ‘‘किसी और राष्ट्रपति के साथ यह नहीं होना चाहिए। दुआ कीजिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि महाभियोग को फिर कभी इतने हल्के में नहीं लिया जाएगा।’’
क्या हैं आरोप
प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति ने घंटों तक बहस के बाद पिछले सप्ताह ट्रंप के खिलाफ दो आरोपों को मंजूरी दी थी। पहला सत्ता का दुरुपयोग है जिसमें ट्रंप पर यूक्रेन पर 2020 के आम चुनावों में उनके संभावित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। दूसरा आरोप ट्रंप पर महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है।
ये अमेरिकी राष्ट्रपति कर चुके हैं महाभियोग का सामना
गौरतलब है कि डोनल्ड ट्रंप से पहले अमेरिका के दो और राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई है। 1868 में ऐंड्यू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन दोनों ही नेता अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे थे। इसके अलावा रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
एजेंसी इनपुट