जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुत खतरनाक बताया है। राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्हें लगता है इस मामले में भारत कुछ बड़ा करने की सोच रहा है। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसने अमेरिकी मदद का गलत फायदा उठाया है। ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 बिलियन डॉलर की मदद तत्काल प्रभाव से रोक दी है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वाशिंगटन स्थित ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि इस समय भारत पाकिस्तान के बीच बेहद खतरनाक स्थिति चल रही है। उन्होंने कहा, इस वक्त भारत-पाकिस्तान के बीच खतरनाक चीजें हो रही है, यह एक बहुत-बहुत खराब स्थिति है, दोनों देशों के बीच हालात बेहद खराब हैं। हम लोग चाहेंगे कि ये बंद हो।
भारत-पाकिस्तान के बीच में काफी तनाव की स्थिति है: ट्रंप
आगे ट्रंप ने कहा कि लगता है कि भारत कुछ 'बहुत कड़ा' करने की सोच रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘इंडिया कुछ सख्ती से करने पर विचार कर रहा है, पुलवामा आतंकी हमले को लेकर ट्रंप ने कहा कि भारत ने तकरीबन 50 लोगों को खोया है, इसके बारे में कई लोग बात कर रहे हैं, लेकिन यहां बहुत नाजुक समय चल रहा है। अभी जो कुछ कश्मीर में हुआ है इस वजह से इस वक्त भारत पाकिस्तान के बीच काफी दिक्कतें हैं, ये बहुत खतरनाक है।
'हमने पाकिस्तान को 1.3 बिलियन की मदद देने पर रोक लगाई’
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमने पाकिस्तान को 1.3 बिलियन की मदद देने पर रोक लगाई है। हम पाक के साथ कुछ बैठकें कर सकते हैं। पाकिस्तान अमेरिका का काफी फायदा उठा रहा था। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने पुलवामा आतंकी हमले को भयावह बताया था। ट्रंप ने कहा कि वह इस पर रिपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं और बयान जारी करेंगे।
यहां देखें क्या बोले ट्रंप
#WATCH US Pres says, "I stopped paying Pak the 1.3 billion dollars that we were paying them. We may set up some meetings with Pak. Pak was taking strong advantage over US. We've had, we've developed a better relationship with Pak over the last short period of time than we had." pic.twitter.com/5b05CKDZvT
— ANI (@ANI) February 23, 2019
यूएनएससी ने भी की हमले की निंदा
यूएन की निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस हमले की निंदा है। यूएनएससी ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले के पीछे आतंक के जिन सरपरस्तों का हाथ है उन्हें सजा मिलनी चाहिए। परिषद ने इस हमले को जघन्य और कायराना हरकत बताया।
आतंकी हमले में शहीद हुए थे 40 जवान
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के एक भीषण फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी थी। बता दें कि हमला तब हुआ जब केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे घात लगाकर हमला किया गया।
जैश-ए-मोहम्मद ने ली इस हमले की जिम्मेदारी
हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना कुख्यात आतंकी मौलाना मसूद अजहर है। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।
भारत ने पाक से छीना मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा
भारत ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया। इसके अलावा पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है।