अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भले ही ईरान पर हमले का आदेश वापस ले लिया था पर तेहरान के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को वह और कठोर करते जा रहे हैं। गल्फ में बने तनावपूर्ण माहौल के बीच उन्होंने ईरान पर और कठोर प्रतिबंध लगाने वाला आदेश जारी कर दिया। डोलाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अब ईरान पर पहले से कहीं ज्यादा सख्त प्रतिबंध लगेंगे और अमेरिकी क्षेत्र में तेहरान के सुप्रीम लीडर और दूसरे अफसर बैंकिंग सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे।
ट्रंप ने यह प्रतिबंध ऐसे वक्त में लगाया है जब कुछ दिन पहले ही ईरान ने एक अमेरिकी ड्रोन को अपने क्षेत्र में होने का दावा करते हुए मार गिराया था। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने जवाबी हमले का आदेश भी दे दिया था पर उन्होंने कहा कि इससे 150 लोगों की जान जाती इसलिए अपने आदेश को 10 मिनट पहले उन्होंने वापस ले लिया।
सोमवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वे ईरान या किसी दूसरे देश के साथ संघर्ष नहीं चाहते हैं। वे केवल इतना बताना चाहते हैं कि वे कभी भी ईरान को परमाणु हथियार बनाने नहीं देंगे।
क्या है आदेश में?
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्होंने जिस कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए हैं, वह ईरान पर कठोर प्रतिबंध लगाएगा और ईरान के सर्वोच्च नेता तथा अन्य अधिकारियों को बैंकिंग सुविधा के लाभ लेने से रोकेगा। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हमने काफी संयम दिखाया है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे।' ट्रंप ने कहा है कि वह आगे भी तेहरान पर दबाव बढ़ाते जाएंगे।
क्या यह ईरान के हमले का जवाब है?
पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि क्या यह कार्यकारी आदेश अमेरिकी ड्रोन पर ईरान के हमले का जवाब है? इस पर ट्रंप ने कहा, 'आप इसे भी जोड़ सकते हैं।' हालांकि उन्होंने आगे कहा कि यह तो हर हाल में होना था। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, 'मैं कई ईरानियों को जानता हूं जो न्यू यॉर्क में रहते हैं और वे शानदार लोग हैं।'
‘अपने तेल की सुरक्षा खुद करें देश’
ट्रंप ने यह भी कहा कि अन्य देशों को खाड़ी में अपने तेल टैंकरों की सुरक्षा खुद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खतरनाक क्षेत्र में अमेरिका का केवल सीमित रणनीतिक हित है। ट्रंप ने ट्वीट किया, 'ईरान को लेकर अमेरिका यह चाहता है कि कोई परमाणु हथियार न हो और आगे आतंकवाद का कोई समर्थन न हो।’ उन्होंने कहा कि जहां तक फारस की खाड़ी से दुनिया को तेल निर्यात के एक बड़े हिस्से के परिवहन में उपयोग होने वाले समुद्री मार्गों को बंद करने की ईरान की धमकी की बात है तो अमेरिका का इससे कोई लेना-देना नहीं है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अब दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक है इसलिए वह पश्चिम एशियाई तेल पर दशकों की निर्भरता से अलग हो रहा है।
एजेंसी इनपुट