अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके जॉन बोल्टन पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया गया कि उन्होंने गोपनीय सरकारी दस्तावेज अपने घर में रखे और सरकारी कामकाज से जुड़े गोपनीय विवरण अपने परिजनों के साथ साझा किए।
बोल्टन पर 18 आरोपों वाले अभियोग पत्र में यह भी कहा गया है कि ईरान से जुड़े हैकर्स ने बोल्टन के ईमेल अकाउंट को हैक कर गोपनीय सूचनाओं तक पहुंच बनायी। बोल्टन ने 2021 में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) को अपने ईमेल हैक किए जाने की सूचना दी थी लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि उन्होंने उस अकाउंट से गोपनीय जानकारी साझा की थी जो अब हैकरों के हाथ लग गई।
बोल्टन ने 2021 में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) को अपने ईमेल हैक किए जाने की सूचना दी थी लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि उन्होंने उस अकाउंट से गोपनीय जानकारी साझा की थी जो अब हैकरों के हाथ लग गई। यह मामला रिपब्लिकन पार्टी के विदेश नीति के विशेषज्ञों में से एक बोल्टन पर केंद्रित है, जो अपनी कठोर विदेश नीति और युद्ध समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में वह एक साल से अधिक समय तक उनके साथ रहे लेकिन 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
जॉन बोल्टन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए किताब भी प्रकाशित की है। पिछले एक महीने में ट्रंप के किसी आलोचक के खिलाफ दर्ज यह तीसरा मामला है। बोल्टन ने आरोपों से इनकार किया और इसे ‘‘ट्रंप द्वारा अपने विरोधियों को डराने का प्रयास’’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं न्याय विभाग के राजनीतिक हथकंडे का नया शिकार बन गया हूं।’’
John Bolton is accused of sharing more than 1,000 pages of information about government activities with relatives, indictment says. https://t.co/zWe86abqzR
— The Associated Press (@AP) October 16, 2025