फेसबुक अब अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापन दिखाने के लिए और पारदर्शी नीति अपनाएगा। विज्ञापन तभी दिखाए जाएंगे जब विज्ञापनदाता और इसके भुगतान करने वाले के पहचान की पुष्टि कर ली जाएगी।
इस सोशल मीडिया नेटवर्क पर हाल के दिनों में वोटरों को प्रभावित करने का आरोप लगा है। फेसबुक ने यह घोषणा तब की है जब उसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग को अगले सप्ताह कांग्रेस के समक्ष पेश होकर कैंब्रिज एंनालिटिका द्वारा 8.7 करोड़ निजी डाटा के इस्तेमाल के बारे में जवाब देना है।
जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि चुनावी उम्मीदवारों अथवा व्यक्तियों के लिए संदेश अथवा राजनीतिक विज्ञापन में भुगतान करने वाले व्यक्ति के नाम अथवा पहचान को लेकर नई नीति-निर्धारण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका में यह काम शुरू कर रहे हैं और आने वाले महीनों में इसे शेष विश्व में विस्तार दिया जाएगा।
फेसबुक सीईओ ने कहा कि अगले वर्ष अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील, भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों में सकारात्मक संवाद का समर्थन और हस्तक्षेप पर रोक सुनिश्चित करना मेरी उच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
गौरतलब है कि 2016 में कुछ देशों में चुनाव के दौरान कथित रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न हथकंडे अपनाए जाने की रिपोर्टों के परिप्रेक्ष्य में जुकरबर्ग की इस घोषणा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
फेसबुक ने यह भी घोषणा की है कि जो लोग बड़ी संख्या में फॉलोवर वाले पेजों का संचालन करते हैं उनकी भी जांच की जाएगी। जो लोग बड़े पेज का संचालन करते हैं और जो प्रक्रिया को साफ नहीं करते हैं, वे अब पोस्ट करने में सक्षम नहीं होंगे। इससे लोगों के लिए फर्जी अकाउंट का उपयोग करने के लिए एक पेज का प्रबंधन करना कठिन होगा।