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अमेरिका ने कहा, हाफिज सईद के खिलाफ चलाया जाना चाहिए मुकदमा

अमेरिका ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कोई मामला नहीं...
अमेरिका ने कहा, हाफिज सईद के खिलाफ चलाया जाना चाहिए मुकदमा

अमेरिका ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कोई मामला नहीं होने संबंधी टिप्पणी पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि हाफिज सईद एक ‘आतंकवादी’ है और उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रया ऐसे समय दी है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने ‘जियो टीवी’ पर प्रसारित एक साक्षात्कार में सईद को ‘साहिब’ कहकर संबोधित किया था।

अब्बासी से जब यह पूछा गया कि सईद के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया, तो इसके जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘हाफिज सईद साहिब के खिलाफ पाकिस्तान में कोई मामला नहीं है। जब कोई मामला दर्ज हो, तभी कार्रवाई की जा सकती है।’

इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने शुक्रवार कहा कि अमेरिका का मानना है कि सईद के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

हीथर ने संवाददाताओं से कहा, ‘आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने के कारण उसे लक्षित प्रतिबंधों के लिए ‘यूएनएससी 1267, अलकायदा प्रतिबंध समिति’ की सूची में शामिल किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान सरकार के समक्ष पूरी स्पष्टता से अपनी बात और चिंताएं रख दी हैं। हमारा मानना है कि उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’

हीथर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका ने सईद के बारे में अब्बासी की टिप्पणियों वाली खबरें ‘निश्चित ही’ देखी हैं। उन्होंने कहा, ‘हम उसे एक आतंकवादी और एक विदेशी आतंकवादी संगठन का हिस्सा मानते हैं। हमारा मानना है कि वह 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था। इस हमले में अमेरिकियों समेत कई लोग मारे गए थे।’

जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख सईद को नवंबर में पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया था। जेयूडी लश्कर का सहयोगी है। लश्कर 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका ने जून 2014 में इसे विदेशी आतंकी संगठन करार दिया था।

हीथर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन उम्मीद करता है कि पाकिस्तान आतंकवादी मामलों से निपटने में और अधिक योगदान दे। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट रहे हैं। आप सभी हमारे द्वारा करीब दो सप्ताह पहले दी गई इस सूचना के बारे में जानते हैं कि हमने पाकिस्तान को सुरक्षा संबंधी आर्थिक मदद रोकने का फैसला किया है।’ हीथर ने कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंध के मामले पर पूरा प्रशासन एकजुट है।

बता दें कि अमेरिका ने इस माह ही शुरुआत में पाकिस्तान को दी जाने वाली दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी थी और उस पर आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोक दिया था। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कल कहा था कि उसे पाकिस्तान से इस बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।

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