अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने या रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान संघर्षों में उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं चाहे कुछ भी करूं, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट की शुरुआत इस बात से की कि उन्हें यह बताते हुए “बहुत खुशी” हो रही है कि वह विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच संघर्ष रोकने के वास्ते एक “अद्भुत” संधि करा रहे हैं। इस संघर्ष को “अन्य युद्धों की तुलना में कहीं अधिक हिंसक रक्तपात और मौतों के लिए जाना जाता है और दशकों तक यह जारी रहा।
US President Donald Trump posts, "... I won’t get a Nobel Peace Prize for this (Treaty between the Democratic Republic of the Congo, and the Republic of Rwanda), I won’t get a Nobel Peace Prize for stopping the War between India and Pakistan, I won’t get a Nobel Peace Prize for… pic.twitter.com/vboXwZXjXf
— ANI (@ANI) June 20, 2025
ट्रंप ने इस बात का उल्लेख किया कि रवांडा और कांगो के प्रतिनिधि इस संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए सोमवार को वाशिंगटन में होंगे। उन्होंने इसे ‘‘अफ्रीका के लिए और पूरी दुनिया के लिए एक महान दिन’’ बताया।
ट्रंप ने हालांकि कहा कि उन्हें उनके किसी भी प्रयास के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। मुझे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, मुझे सर्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रुकवाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।’’
ट्रंप अनेक बार दावा कर चुके हैं कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराई और संघर्ष रुकवाया।
हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि उन्हें ‘‘मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पश्चिम एशिया में अब्राहम समझौते के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो ‘‘बहुत देशों के हस्ताक्षर इस समझौते पर होंगे और युगों’’ में पहली बार पश्चिम एशिया को एकीकृत करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहे जो भी करूं, चाहे रूस-यूक्रेन और इजरायइल-ईरान हो, परिणाम जो भी हों मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।’’