कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैठक के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को फोन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने खासतौर पर कश्मीर और अफगान मुद्दे पर उनसे बातचीत की।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बारे में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति को विश्वास में लिया। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर में हाल के घटनाक्रमों और क्षेत्रीय शांति के लिए पाकिस्तान की चिंता से अवगत कराया। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर संपर्क में बने रहने पर भी सहमति व्यक्त की।
अफगान का मुद्दा भी उठाया
विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि पीएम ने अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधान मंत्री खान ने कहा कि पाकिस्तान "अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए रचनात्मक भूमिका निभा रहा है। पाकिस्तान ने पूर्व में प्रयास किए और भविष्य में भी ऐसा करेगा।"
इससे पहले पाकिस्तान के कहने पर ही चीन ने ये मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया। चीन के आग्रह पर ही यूएनएससी की एक बंद कमरे में रही बैठक में शुक्रवार को इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक केवल पांच स्थायी सदस्यों और 10 गैर-स्थायी सदस्यों के लिए ही थी।
रद्द कर दिया था विशेष दर्जा
5 अगस्त को, भारत ने जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष दर्जा हटाते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया, और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए, पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को तोडने का फैसला करने के बाद भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने का उसका कदम एक आंतरिक मामला था। साथ ही पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह दी।