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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कटुता चरम पर

राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी के दावेदार बर्नी सैंडर्स ने आज रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की होड़ में सबसे आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप को बीमारू झूठा करार दिया। दरअसल ट्रंप ने सैंडर्स पर आरोप लगाया था कि शुक्रवार को शिकागो में हुई उनकी रैली में हिंसक विरोध प्रदर्शनों का अभियान सैंडर्स ने ही आयोजित किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कटुता चरम पर

रियल एस्टेट के इस विवादग्रस्त दिग्गज ने ओहायो स्थित डेटन में आरोप लगाया, कुछ लोग हमारे कम्युनिस्ट दोस्त बर्नी के प्रतिनिधि थे। ट्रंप ने क्लीवलैंड में आयोजित रैली में भी यह बात दोहराई। ट्रंप ने कहा, आप जानते हैं कि बर्नी कह रहे थे कि श्रीमान ट्रंप को उनकी भीड़ से बात करनी चाहिए। आप जानते हैं ये कहां से आए हैं? ये बर्नी की भीड़़ से आए हैं। ये बर्नी की भीड़ है।

ट्रंप के इन आरोपों को सैंडर्स के प्रचार अभियान की ओर से तुरंत खारिज किया गया। सैंडर्स के अभियान ने ट्रंप की शिकागो रैली में बर्नी...बर्नी चिल्ला रहे प्रदर्शनकारियों से खुद को अलग कर लिया। ट्रंप ने शिकागो रैली रद्द कर दी थी। अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में यह एक अनोखी घटना है। ट्रंप ने सैंडर्स पर हमला बोलते हुए क्लीवलैंड रैली में कहा, अपने लोगों को संभाल लो, बर्नी। लोकतांत्रिक समाजवाद के नारे पर राष्ट्रपति पद के लिए अभियान चला रहे वर्मोंट के सीनेटर सैंडर्स ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। सैंडर्स ने एक बयान में कहा, जैसा कि हर रोज ही हो रहा है, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी जनता को दिखा रहे हैं कि वह एक बीमारू किस्म के झूठे व्यक्ति हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि शिकागो में ट्रंप की रैली में हमारा समर्थन करने वाले लोग थे लेकिन इन विरोध प्रदर्शनों को हमारे अभियान ने आयोजित नहीं किया।

दरअसल अब से दो दिन बाद 15 मार्च को एक बार फिर अमेरिका के कई राज्यों में राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए रिपब्लिकन और डेमाक्रेट दावेदार कॉकस और प्राइमरी चुनावों का सामना करेंगे। उम्मीद है कि इस दिन हिलेरी क्लिंटन अपने प्रतिद्वंद्वी सैंडर्स और ट्रंप अपने करीबी दावेदारों को बहुत पीछे छोड़ सकते हैं, ऐसे में उनके प्रतिद्वंद्वी अपनी उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से हिलेरी ने अब तक ट्रंप के खिलाफ ज्यादा कड़े शब्दों का प्रयोग नहीं किया है, ऐसे में सैंडर्स को लग रहा है कि यदि वह ट्रंप के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हैं तो उन्हें डेमाके्रटिक पार्टी के ज्यादा डेलिगेट़स का समर्थन मिल सकता है। 15 मार्च को दूसरे सुपर ट्यूजडे मुकाबले में अमेरिका के फ्लोरिडा, इलिनोइस, ओहायो जैसे महत्वपूर्ण राज्य यह फैसला करेंगे कि अमेरिका की इन दोनों बड़ी पार्टियों की ओर से कौन राष्ट्रपति पद का दावेदार होगा।

इस बीच भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह ने कहा है कि शिकागो में डोनाल्ड ट्रंप की रैली में हिंसक प्रदर्शनों के बावजूद राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के रिपब्लिकन दावेदारों में सबसे आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पक्ष में पर्याप्त समर्थन हासिल किया है और वह महत्वपूर्ण अमेरिकी राज्यों में 15 मार्च के प्राइमरी में सूपड़ा साफ करेंगे। टंप की विचारधारा में विश्वास रखने वाले सामुदायिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के समूह इंडियन अमेरिकंस फॉर ट्रंप 2016 ने कल एक बयान में दावा किया कि न्यूयॉर्क के अरबपति ट्रंप फ्लोरिडा, इलिनोइस, ओहायो और मिसूरी जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में 15 मार्च के प्राइमरी में सूपड़ा साफ करेंगे। समूह ने कहा, 11 मार्च, 2016 को ट्रंप की शिकागो रैली में तोड़फोड़ की घटना ट्रंप को निर्वाचित करने और अवैध आव्रजन पर उनकी नीति को क्रियान्वित होते देखने के अमेरिकी जनता के संकल्प को मजबूत करेगी।

न्यू जर्सी के ए डी अमर के नेतृत्व वाले इस समूह के बयान में कहा गया, दूसरे मंगल के महादंगल (सुपर ट्यूज्डे 2) में भारी मतदान होगा और ट्रंप के प्रतिनिधियों की संख्या 800 के करीब हो जाएगी। अब तक 14 राज्यों में जीत के साथ ट्रंप के प्रतिनिधियों की संख्या 460 हो गई है। उनके प्रतिद्वंद्वी सीनेटर टेड क्रूज के प्रतिनिधियों की संख्या 367 और मार्को रूबियो के प्रतिनिधियों की संख्या 153 है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी हासिल हासिल करने के लिए कुल 2472 प्रतिनिधियों में से 1237 प्रतिनिधियों का समर्थन चाहिए।

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