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अमेरिकी संसद में मोदी का संबोधन, भारत और अमेरिका की दोस्‍ती 21वीं सदी बदलेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि परमाणु समझौते से भारत अाैैर अमेरिका के बीच संबंधों में काफी प्रगाढ़ता आई है। दोनों के बीच नए रिश्‍ते की शुरुआत हुई। दोनों देशों की संस्कृतियां अलग हैंं लेकिन लोकतांत्रिक परंपराओं में विश्‍वास की भावना से दोनों देश काफी नजदीक हो जाते हैं। अमेरिका का लोकतंत्र सभी को आजादी देता है। ऐसा ही भारत का लोकतंत्र भी है। वाशिंगटन दौरे के दूसरे दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैपिटल हिल में अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे।
अमेरिकी संसद में मोदी का संबोधन, भारत और अमेरिका की दोस्‍ती 21वीं सदी बदलेगी

पीएम मोदी ने कहा कि 2022 तक भारत को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य हमने रखा है। हमें उम्‍मीद है इसे हम हासिल कर लेंगे। आज दक्षिण एशिया में आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है। अफगानिस्तान में भारत-अमेरिका की भूमिका बेहद अहम है। मोदी ने कहा कि हिंद महासागर में भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। समुद्री व्यापार की सुरक्षा में भारत और अमेरिका मिलकर सहयोग कर रहे हैं। आज मजबूत भारत रणनीति के लिहाज से अमेरिका की जरूरत है। भारत का आर्थिक विकास अमेरिका के लिए बड़ा मौका है। योग पर भारत का एकाधिकार नहीं है। सिरी ने हमें बताया अमेरिका में 3 करोड़ लोग योग करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों में बहुत मजबूती आई है। ओबामा ने सही कहा है कि हमारी दोस्ती 21वी सदी बदलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई हमले के बाद अमेरिका का साथ हम नहीं भुला सकते।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैश ए मुहम्‍मद, लश्‍कर ए तैयबा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनाें की सोच एक जैसी है। जो देश इस तरह के संगठनों को पनपने का मौका देेते हैं, उन्‍हें विश्‍व बिरादरी से अलग कर देना चाहिए। आतंक अच्‍छा और बुरा नहीं होता। वह सिर्फ आतंक होता है। मानव सभ्‍यता में इसका कोई स्‍थान नहीं है। जो भी आतंक को किसी भी प्रकार से मदद करते हैं, उनका एकस्‍वर से बहिष्‍कार होना चाहिए।  

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत-अमेरिका को स्वाभाविक साझेदार बताया था। महात्मा गांधी की अहिंसा ने मार्टिन लूथर किंग को प्रेरणा दी।  भारतीय संविधान हमारे लिए सबसे पवित्र किताब है। हमारा संविधान बिना किसी भेदभाव के सभी को आजादी देता है। अमेरिका ने भारत के 125 करोड़ लोगों का सम्मान किया। अमेरिका की साझेदारी से सुरक्षा बेहतर होगी। मोदी ने कहा कि हमारे सिपाहियों ने लोकतंत्र के लिए शहादत दी है। अमेरिका वीरों का देश है। अमेरिकी कांग्रेस लोकतंत्र का मंदिर है। अमेरिका का लोकतंत्र पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। एक लोकतंत्र से दूसरे लोकतंत्र को ताकत मिलती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना गर्व की बात है।

इससे पहले कैपिटल हिल में स्पीकर पॉल रेयान ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी से पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं। पीएम मोदी अमेरिकी संसद को संबोधित करने वाले छठे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। पिछली बार 2005 में मनमोहन सिंह यहां आए थे। वहीं, 1949 में पहली बार पंडित नेहरू ने यहां भाषण दिया था।

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