अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन की अत्यंत आक्रामक गतिविधियों का भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि चीन की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की प्रवृत्ति रही है और दुनिया को यह धौंस चलने नहीं देनी चाहिए।
माइक पोम्पियो ने कहा, 'मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस (चीन की आक्रामक गतिविधियों) के बारे में कई बार बात की है। चीन वालों ने अत्यंत आक्रामक गतिविधियां संचालित की हैं। भारतीयों ने उनका जवाब भी सर्वश्रेष्ठ तरीके से दिया है।' पोम्पियो ने ये बातें तब कहीं जब वह पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्रों में चीन की घुसपैठ के संबंध में सवालों का जवाब दे रहे थे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी तथा गोगरा हॉट स्प्रिंग समेत पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में आठ सप्ताह से गतिरोध बना हुआ है। पिछले महीने हालात उस समय और बिगड़ गए जब हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए।
चीन की सेना ने सोमवार को गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू किया। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को लंबी बातचीत की थी। डोभाल और वांग भारत-चीन सीमा वार्ता पर विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
पोम्पियो ने कहा, 'मैं (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के) महासचिव राष्ट्रपति शी चिनफिंग और क्षेत्र में और वास्तव में तो पूरी दुनिया में उनके व्यवहार के संदर्भ में ये बातें रख रहा हूं।' उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के आक्रामक रुख की विशेष घटना को अलग से देखना संभव है। मेरा मानना है कि आपको इसे व्यापक संदर्भ में देखना होगा।' सीसीपी ने हाल ही में ग्लोबल एनवॉयरमेंटल फेसिलिटी की बैठक में भूटान के साथ सीमा विवाद दर्ज कराया था।
पोम्पियो ने कहा, 'हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर वियतनाम के विशेष जोन में जल क्षेत्र और द्वीपसमूह तक तथा इससे परे बीजिंग की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की एक प्रवृत्ति रही है।' उन्होंने कहा, 'दुनिया को यह धौंस जमाने की कोशिशों को चलने नहीं देना चाहिए।' पोम्पियो ने कहा कि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के इस तरह के बढ़ते प्रयासों पर दुनिया को मिलकर जवाब देना होगा। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है।