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भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग आगामी वर्षों में और अधिक महत्वपूर्ण बन जाएगा: अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा

भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि आगामी वर्षों में भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग...
भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग आगामी वर्षों में और अधिक महत्वपूर्ण बन जाएगा: अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा

भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि आगामी वर्षों में भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा तथा उभरती प्रौद्योगिकियों पर दोनों देशों का काम और अधिक आशाजनक होगा।

शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने राष्ट्रपति जो बाइडन की इन टिप्पणियों को दोहराया कि यह 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी है।

अमेरिका में प्रबंधन और संसाधन के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने हाल की भारत यात्रा से लौटने के बाद एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, ‘‘जैसा कि दोनों राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, एक-दूसरे पर हमारा प्रभाव महत्वपूर्ण है लेकिन यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम दुनिया के लिए क्या कर सकते हैं। चाहे खाद्य असुरक्षा से निपटना हो या अगली महामारी से लड़ना या लाखों लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ना हो, हम साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं।’’

वर्मा विदेश विभाग में भारतीय मूल के उच्च पदस्थ अमेरिकी नागरिक हैं। वह पहले भारतीय-अमेरिकी हैं जो भारत में अमेरिका के राजदूत रहे हैं।

वर्मा ने पिछले कुछ दशकों में भारत-अमेरिका संबंधों में हुई अहम प्रगति का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘तो, हम कहां जा रहे हैं।’’ उन्होंने रक्षा, लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी को दोनों देशों के बीच सहयोग के तीन अहम क्षेत्र बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा सुरक्षा सहयोग आगामी वर्षों में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा। हमारे सामने आज आने वाली चुनौतियां वास्तविक हैं लेकिन हमारी सामूहिक क्षमताओं का निर्माण करने, सूचना साझा करने में वृद्धि करने और समुद्री जागरूकता में सुधार लाने से यह सुनिश्चित होगा कि भारत पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र तथा उससे भी परे सुरक्षा प्रदाता बना रहे।’’

वर्मा ने कहा, ‘‘उभरती प्रौद्योगिकियों पर हमारा काम और भी अधिक आशाजनक होगा। नयी और उभरती प्रौद्योगिकियां आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए शानदार अवसर उपलब्ध कराती हैं। साथ ही अपराधियों और दूसरे देशों द्वारा हाल में किए विध्वंसकारी साइबर हमले साइबर कमजोरियों से वैश्विक शांति व सुरक्षा को होने वाले जोखिम को दर्शाते हैं।’’

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