भारतीय-अमेरिकीयों ने एच-1बी वीजा विस्तार संबंधी प्रावधान बनाये रखने के ट्रंप प्रशासन के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वीजा विस्तार समाप्त करने के किसी भी कदम से बड़ी संख्या में अमेरिका से प्रतिभा पलायन शुरू हो जाता जिससे अमेरिकी व्यावसाय जगत को काफी नुकसान होता।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने कल इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा कि वह ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है जिसमें एच-1बी वीजा धारकों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़े।
यूएससीआईएस विभाग की ओर से यह घोषणा ऐसे समय सामने आई जब इस तरह की रिपोर्टें आ रही थी कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा नियमों को सख्त बनाने पर विचार कर रहा है। प्रशासन की इस सख्ती से अमेरिका में रह रहे साढ़े सात लाख भारतीयों को देश छोड़ना पड़ सकता है।
भारतीय-अमेरिकी राजनीतिज्ञ राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मैं अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा विभाग के इस फैसले का स्वागत करता हूं। विभाग ने एच-1बी वीजा धारकों को ग्रीन कार्ड मिलने की प्रतीक्षा करते हुये अपने एच-1बी वीजा की अवधि बढ़ाते रहने के लिये आवेदन करने की अनुमति दी है।’’
कृष्णमूर्ति ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘हमें अपने घरेलू कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाने और उनके विकास में निवेश जारी रखना चाहिये, लेकिन इसके साथ ही इस फैसले से अमेरिकी व्यावसायियों और कर्मचारियों को परेशानी से बचाया जा सकेगा। प्रक्रिया जारी रहने के दौरान उनके परिवार को बिखरने से बचाया जा सकेगा।’’
उन्होंने कहा कि एच-1बी वीजा विस्तार को समाप्त करने का प्रस्ताव जब ट्रंप प्रशासन के भीतर उठा तो उनके (कृष्णमूर्ति के) कार्यालय तथा अन्य ने इसका विरोध किया। इस तरह के प्रस्ताव के नियम में परिवर्तित होने पर अमेरिकी कारोबारियों, कर्मचारियों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा साथ ही परिवार भी बंटेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘संक्षेप में कहें तो यह प्रस्ताव अमेरिका के हित में नहीं था। मुझे खुशी है कि ट्रंप प्रशासन ने हमारी और अन्य लोगों की बात सुनी।’’
(पीटीआई से इनपुट)